राष्ट्रपति की लाओस व कंबोडिया यात्रा
भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 9-18 सितंबर, 2010 के मध्य दो दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ लाओस और कंबोडिया की यात्रा की। लगभग पिछले 2000 वर्र्षों से इन दोनों देशों के साथ भारत के गहरे ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंध रहे हैं और इन्हीं संबंधों को और भी पुख्ता करने के लिए राष्ट्रपति ने दोनों देशों की यात्रा की। साथ ही इस यात्रा का एक अन्य उद्देश्य इन दोनों देशों के साथ एक गतिशील आर्थिक साझेदारी की नींव रखना भी था।
लाओस यात्रा
राष्ट्रपति की लाओस यात्रा के दौरान वहां दो ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए भारत ने 72.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्रदान किया। दोनों पक्षों के बीच वर्ष 2011-13 के दौरान सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गये। लाओस ने भारत द्वारा मानव संसाधन विकास, पनबिजली और सिंचाई योजनाओं के क्षेत्र में उनके देश को दी गई आर्थिक व तकनीकी सहायता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। गौरतलब है कि लाओस की राष्ट्रीय असेम्बली ने हाल ही में वस्तुओं व सेवाओं में भारत-आसियान मुक्त व्यापार समझौते की पुष्टि कर दी है। बस इस समझौते को लागू कराने में कुछ औपचारिकताएं ही बाकी हैं।
प्राइवेट सेक्टर को किया आमंत्रित: राष्ट्रपति पाटिल की यात्रा के दौरान लाओस ने भारतीय प्राइवेट सेक्टर द्वारा अपने यहां पूंजी निवेश में भी रुचि व्यक्त की। लाओस में आदित्य बिड़ला व किर्लोस्कर समूहों की पहले से ही बड़े पैमाने में उपस्थिति है जबकि टाटा समूह वहां खनन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं तलाश रहा है।
कंबोडिया का यात्रा
भारतीय राष्ट्रपति ने अपनी यात्रा के दूसरे चरण में कंबोडिया की यात्रा की। 14 सितंबर को उनका कंबोडिया के राजा नोरोदोम सिहामोनी ने स्वागत किया। भारत के कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल और ऑडिट अथॉरिटी ऑफ कंबोडिया के बीच एक सहयोग के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। स्टंग टस्साल वाटर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के लिए भारत के एक्सिस बैंक व कंबोडियन सरकार के बीच 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण के लिए समझौता किया गया।
यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पाटिल ने कंबोडिया-इंडिया फ्रेंडशिप स्कूल के उन्नयन के लिए 246,000 अमेरिकी डॉलर का ऋण देने की घोषणा की। यह स्कूल खामपोंग चांग प्रदेश के संथोर जिले में स्थित है जिसे 1991 में भारत ने सहायता प्रदान की थी। इसमें कुल 239 कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है। मेकांग-गंगा कोऑपरेशन प्रोग्राम के जरिए दोनों देश एशियन ट्रेडिशनल टेक्सटाइल म्यूजियम की स्थापना भी कर रहे हैं जिसका आधारशिला इसी यात्रा के दौरान रखी गई।
विभिन्न मुद्दे: राष्ट्रपति का कहना था कि आतंकवाद से मुकाबला करने, संगठित अपराध व गैरकानूनी ट्रैफिकिंग रोकने के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच में पूरी तरह से मतैक्य है। दोनों देशों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी पर्याप्त आधार मौजूद हैं क्योंकि दोनों पक्षों के बीच सांस्कृतिक एकता ऐतिहासिक रूप से मौैजूद है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने प्रसिद्ध अंकोरवाट मंदिर का भी अवलोकन किया।
व्यापार के क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति नहीं: दोनों देशों की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पाटिल ने इस बात पर असंतोष जाहिर किया कि भारत की लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत लाओस व कंबोडिया के साथ देश का वाणिज्य व निवेश बढ़ा है लेकिन इसमें आशातीत प्रगति नहीं हुई है। अभी भी दोनों देशों के साथ आर्थिक व वाणिज्यिक साझेदारी में प्रगति की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। राष्ट्रपति की यात्रा की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि दोनों ही देशों ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का जोरदार समर्थन किया।
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