सरकार की संसदीय व्यवस्था एवं अध्यक्षीय व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन:

Sep 27, 2016, 12:54 IST

भारतीय संविधान के अंतर्गत केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर संसदीय प्रणाली पर आधारित शासन की व्यवस्था की गई है| संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 के तहत केंद्र में जबकि अनुच्छेद 163 और 164 के तहत राज्यों में संसदीय प्रणाली की व्यवस्था की गई है| भारत में राष्ट्रपति नाममात्र का शासक है जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक शासक है।

भारतीय संविधान के अंतर्गत केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर संसदीय प्रणाली पर आधारित शासन की व्यवस्था की गई है| संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 के तहत केंद्र में एवं अनुच्छेद 163 और 164 के तहत राज्यों में संसदीय प्रणाली की व्यवस्था की गई है| भारत में राष्ट्रपति नाममात्र का शासक है जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक शासक है। सरकार की संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका अपनी नीतियों और कृत्यों के लिए विधायिका के प्रति जिम्मेदार होता है|

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण संशोधन

संसदीय व्यवस्था

अध्यक्षीय व्यवस्था

विशेषताएं

विशेषताएं

1. दोहरी शासनात्मक व्यवस्था
2. बहुमत दल का शासन
3. मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी
4. राजनीतिक एकरूपता
5. दोनों सदनों में से किसी भी सदन के सदस्य केन्द्रीय मंत्री बन सकते हैं|
6. शासन का नेतृत्व प्रधानमंत्री के हाथों में होता है|
7. इस व्यवस्था में राष्ट्रपति द्वारा निचले सदन का विघटन किया जा सकता है|
8. इस व्यवस्था में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका की शक्तियों को एकीकृत किया गया है|
1. एकल शासनात्मक व्यवस्था
2. राष्ट्रपति और विधायकों का एक निश्चित अवधि के लिए अलग-अलग निर्वाचन
3. मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी
4. राष्ट्रपति एवं उनके मंत्री किसी भी सदन के सदस्य नहीं होते हैं|
5. शासन व्यवस्था में राष्ट्रपति का वर्चस्व होता है|
6. इस व्यवस्था में राष्ट्रपति द्वारा निचले सदन का विघटन नहीं किया जा सकता है|
7. इस व्यवस्था में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है|

गुण:

दोष:

1. विधायिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्य

1. विधायिका और कार्यपालिका के बीच संघर्ष

2. जिम्मेवार शासन व्यवस्था

2. गैर-जिम्मेवार शासन व्यवस्था

3. तानाशाही को रोकने वाली व्यवस्था

3. निरंकुशता को बढ़ावा देने वाली व्यवस्था

4. इस व्यवस्था में शासक देश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं|

4. इस व्यवस्था में शासक देश के सीमित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं|

दोष:

गुण:

1. अस्थायी सरकार

1. स्थायी सरकार

2. नीतियों में निरंतरता का अभाव

2. नीतियों में निश्चितता

3. कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के विभाजन का विरोध

3. कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के विभाजन पर आधारित

4. अनुभवहीन व्यक्तियों द्वारा शासन  

4. विशेषज्ञों द्वारा शासन

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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