देश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी एक अत्यंत चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, शैक्षिक सत्र 2024-25 में देशभर के करीब 8,000 स्कूलों में एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया। स्कूलों में छात्रों की संख्या जीरो होने के बावजूद भी यहां करीब 20,000 से ज्यादा टीचर्स काम करते हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल देश के सभी राज्यों में सबसे ऊपर है। फिर, लिस्ट में तेलंगाना आता हैं। इस आधिकारिक आंकड़ों की जानकारी के अनुसार जीरो एडमिशन वाले स्कूलों में कुल 20,817 टीचर्स काम करते हैं।
Union Ministry of Education Report: केंद्रीय रिपोर्ट क्या कहती है?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 सत्र के 12,954 से घटकर 2024-25 में जीरो एडमिशन वाले स्कूलों की संख्या 7,993 रह गई, जो करीब 5,000 की कमी को दर्शाती है। हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, असम, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में एक भी ऐसा स्कूल नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल देश भर में ऐसे स्कूलों की संख्या 12,954 थी, जिसमें इस साल लगभग 5,000 की कमी आई है।
Zero Admission Report: राज्य के आंकड़ों के अनुसार जीरो एडमिशन
मंत्रालय रिपोर्ट के अनुसार, इन राज्यों में सबसे ज्यादा जीरो एडमिशन वाले स्कूलों की टेबल दी गई हैं। जिसमें पश्चिम बंगाल के साथ मध्य प्रदेश भी शामिल हैं। पूरी जानकारी और आंकड़ों को जानने के लिए नीचे दी गई टेबल को देखें।
| राज्य | स्कूलों की संख्या | टीचर्स की संख्या |
| पश्चिम बंगाल | 3,812 | 17,965 |
| तेलंगाना | 2,245 | 1,016 |
| मध्य प्रदेश | 463 | 223 |
जीरो एडमिशन पर केंद्र की प्रतिक्रिया
इस संदर्भ में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को बताया कि, "स्कूली शिक्षा राज्य की जिम्मेदारी है। हम राज्य सरकारों को सलाह देंगे कि वे इस बात की जांच करें कि ऐसी स्थिति क्यों पैदा हो रही है और उसके अनुसार कार्रवाई करें।"
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