त्योहार के खर्चों को नियंत्रित रखने के 5 आसान तरीके

Nov 3, 2017, 17:38 IST

भारत में त्योहार का सिलसिला एक बार शुरू होता हैं तो यह पूरे वर्ष जारी रहता हैं. होली, दिवाली, रक्षा बंधन, क्रिसमस, ईद, ये एक के बाद एक मानाये जाते हैं.

5 sure-shot tips to keep the festive expenses under control
5 sure-shot tips to keep the festive expenses under control

भारत में त्योहार का सिलसिला एक बार शुरू होता हैं तो यह पूरे वर्ष जारी रहता हैं. होली, दिवाली, रक्षा बंधन, क्रिसमस, ईद, ये एक के बाद एक मानाये जाते हैं. हम इन त्योहारों को बड़े उत्साह से मानाते हैं. इन त्योहारों  के बारे में हम मानते हैं कि ये हमारे जीवन में खुशी और समृद्धि लाते हैं. इसलिए इसकी तैयारिओं में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते. हम कई दिनों पहले से ही तयारियों में जुट जाते हैं और खरीदारी करना शुरू कर देते हैं. तरह तरह के उपहार,फर्नीचर,आभूषण,अन्य सामान की खरीदारी में कभी कभी हम अपने मंथली बजट पर भी नियत्रण खो बैठते हैं. उत्सव ख़त्म होते ही, हम इन खर्चों के बारें में सोचना शुरू कर देते हैं खासकर तब जब हमे दैनिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं. ऐसी परिस्थिति में हम यह निर्णय तो लेते हैं कि अगली बार ऐसे खर्च नहीं करेंगे  पर सुनोयोजित योजना के अभाव में फिर से उन्ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं जिनसे हम पूर्व में दो चार कर चुके होते हैं .इस लेख में हमने त्योहार के खर्चों को नियंत्रित रखने के कुछ आसान उपाय बताये हैं.

शौपिंग के लिए लिस्ट बनाये

हम हर त्योहार उत्साह के साथ मनाते हैं. उत्सव से कई दिनों पहले से ही हम तैयारियों में जुट जाते हैं. बाज़ार की चकाचौंध हमे अपनी तरफ आकर्षित करती है और हम अक्सर कुछ ऐसे सामन भी खरीद लाते हैं,जो हमारे लिए उपयोगी नहीं होती हैं. अनुपयोगिता के बावजूद ये हमारी सचित पूंजी का अच्छा हिस्सा खर्च करवा लेते  हैं, जो कि त्योहार और उत्सव के उपरान्त चिंता और मुश्किल का कारण बनता हैं. ऐसा तभी होता है जब हम  खरीदारी के लिए कोई योजना नहीं बनाते. ऐसे में खरीदारी से पहले उपयोगी सामानों की सूची बनाना त्योहार के खर्चों को नियंत्रि कर सकता है.

ऑफर्स का खरीदारी से पहले करें आकलन

त्योहारों के समय हर कंपनी ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह तरह के ऑफर्स और छूट देती हैं.इन कंपनियों में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए छूट और ऑफर्स देने की होड़ सी लग जाती है. कंपनियां कपड़े और अन्य जीवनोपयोगी सामानों पर कई तरह के अतिरिक्त लाभ भी देती हैं.इस तरह से कंपनियां अपने ग्राहको को अपने उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती हैं. किसी भी खरीदारी से पहले इन ऑफर्स और छूट का तुलनात्मक आकलन करें. इसके अतिरिक्त, जब भी ग्राहक क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते हैं तो कंपनियां कैशबैक ऑफर भी देती हैं. यदि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आप कुछ अतिरिक्त पैसा बचा सकते है. यह त्योहार के खर्चों को नियंत्रित करने में आपकी मदद करेगा. इसलिए त्योहार के दौरान खरीदारी शुरु करने से पहले इन ऑफर्स और छूट के बारे में पता लगायें।

सजावट में करें पुरानी चीजों का इस्तेमाल

हर त्योहार पर हम अपने घरों और इमारतों को नया रूप देने या उसकी सजावट पर काफी धन व्यय कर देते हैं.नए पर्दे,कुशन कवर,कालीन और कुछ अन्य सज्जा सामग्री हमारी शौपिंग लिस्ट में शामिल हो जाती है. इस तरह हर त्योहार में केवल सजावट पर हम काफी पैसा खर्च कर देते हैं. यह न सिर्फ आर्थिक क्षति का कारण  बनता हैं बल्कि आपकी खर्च करने की प्रवृति को भी बढ़ावा देता हैं. हर साल इन सामानों को खरीदने के बजाय,कुर्सी कवर और पर्दे की जगह पुरानी चिजों का इस्तेमाल करें तथा घर के फर्नीचर को नयी जगह व्यवस्थित कर घर को नया रूप दें.

घर में ही करें भोज का प्रबंध

लगभग हर त्योहार पर हम महंगे रेस्तरां और होटलों में मित्रों, रिश्तेदारों, और परिवार के साथ भोज पर जाते हैं और होटलों और रेस्टोरेंट की सेवाओं के बदले काफी पैसा अदा करके आते हैं. लेकिन स्थिति तब बुरी हो जाती है जब सभी लोगों का बिल एक अकेले को भरना पड़ता है. भुगतान कर देने की स्थिति में मंथली बजट का बिगड़ना स्वाभाविक हैं.महंगा रेस्तरां और होटल में पार्टियों की व्यवस्था करने से वित्तीय संकट हो सकता है. इसलिए महंगी रेस्तरां और होटलों में जाने के बजाय अपने घर में पार्टियां ऑर्गेनाइज करें जहां आपके मित्र और रिश्तेदार एक साथ मिलकर मज़े कर सकते हैं. यह आपके उत्सव के खर्च को कम कर सकता है.

जीवनोपयोगी उपहार दें

हर त्योहार पर हम अपने परिवार के सदस्यों,मित्रों और रिश्तेदारों के लिए महंगे तोहफे खरीदने के लिए काफी पैसा खर्च कर देते हैं. लेकिन उत्सव मनाने के बाद हम यह महसूस करना शुरू कर देते हैं कि हमने अपनी बचत राशि एक बड़ा भाग ऐसी चीजों पर खर्च कर दिया जिनका हमारे जीवन में उपयोग ही नहीं हैं. महंगे और अनुपयोगी उपहारों की तुलना में सस्ते और जीवनोपयोगी उपहार ज्यादा उपयुक्त होता हैं. इसलिए अपने परिवार के सदस्यों,मित्रों और रिश्तेदारों को उनके जरुरत के मुताबिक उपहार दें. ऐसा करने से आप फिजूल खर्ची से बच जाएंगे और अपने खर्चों पर नियंत्रण रख सकेंगे.

निष्कर्ष

त्योहार में खर्चों पर नियंत्रण रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.शौपिंग लिस्ट, मोल भाव, पुरानी चीजों के इस्तेमाल, और घर में उत्साव मानने जैसे खर्चों को नियंत्रित रखने के कुछ प्रचलित तरीके हमने इस आर्टिकल में दिए हैं. ये प्रभावशाली तरीके त्योहारों के दौरान आपके खर्चों को नियंत्रित रखेंगे.

Jagran Josh
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Education Desk

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