हममें से बहुत से स्टूडेंट्स अपने एग्जाम्स के दिनों में भी पढ़ना नहीं चाहते हैं. कई ऐसे विषय होते हैं जिन्हें पढ़ते समय स्टूडेंट्स को नींद आने लगती है या फिर, किसी मुश्किल या अनइंटरेस्टिंग टॉपिक भी होता है जिसे हम बिलकुल भी पढ़ना नहीं चाहते हैं. स्टूडेंट्स को अक्सर ऐसे टॉपिक्स पढ़ने पड़ते हैं जो टॉपिक्स उन्हें बिल्कुल महत्वहीन लगते हैं. स्टूडेंट्स जब अपनी मोटी-मोटी किताबें और स्टडी नोट्स देखते हैं, फिर तो जैसे उनके पसीने छूटने लगते हैं. अब, कितना अच्छा हो अगर आपको कुछ ऐसे तरीकों की जानकारी मिल जाए जिनसे आपकी पढ़ाई मज़ेदार बन जाए और आप रोज़ाना अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपनी स्टडीज़ में बिताकर, अपने एकेडमिक गोल्स हासिल कर सकें.....तो आइये, आगे पढ़ें यह आर्टिकल और फिर, फ़ॉलो करें सारे इंटरेस्टिंग और महत्त्वपूर्ण तरीके जिससे हमें अपने सभी एकेडमिक गोल्स आसानी से हासिल हो जायें: क्रिएटिव नोट्स और फ़्लैशकार्ड्स बनाते हैं आपकी पढ़ाई को दिलचस्पकाले और सफेद रंगों की वही किताबें और नोट्स पढ़ते रहने से आप डल और नीरस हो सकते हैं. यही कारण है कि आप अपनी किताबों में खास कॉन्सेप्ट्स को मार्क करने के लिए रंगीन हाईलाइटर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप रंगीन पेन्स, ग्राफ्स और डायग्राम्स का इस्तेमाल करके भी अपने नोट्स को इंटरेस्टिंग बना सकते हैं. उदाहरण के लिए, चार्ट पेपर की एक बड़ी शीट पर सभी स्मृति सहायकों/ निमॉनिक्स के साथ एक रंगीन पीरियोडिक चार्ट बनाने से आपकी पढ़ाई एक फन एक्सरसाइज बनने के साथ ही आपकी रिवीजन्स भी ज्यादा इंटरेस्टिंग बन जायेंगी. दोस्ताना कॉम्पीटीशनकोई कॉम्पीटीशन हमेशा कटथ्रोट कॉम्पीटीशन नहीं होता है. आप अपने दोस्तों के साथ “स्टडी ग्रुप्स” आयोजित कर/ बना सकते हैं. शुरू में, आप एक-दूसरे को मुश्किल कॉन्सेप्ट्स समझा सकते हैं. इससे आपके स्टडी ग्रुप में, सभी को न केवल मुश्किल कॉन्सेप्ट्स अच्छी तरह समझने में मदद मिलेगी बल्कि इससे आपकी दोस्ती ज्यादा घनिष्ठ होने के साथ ही टीम-वर्क में भी ज्यादा सुधार होगा. जब आप अपने स्टडी ग्रुप में ज्यादा कम्फ़र्टेबल हो जायेंगे, आप सब एक-साथ टेस्ट दे सकते हैं और जहां आप गलत हों, उसकी चर्चा ग्रुप में कर सकते हैं. इस तरीके से आपके स्टडी ग्रुप में प्रत्येक स्टूडेंट को टेस्ट-टेकिंग टेक्निक्स और टाइम मैनेजमेंट के बारे में ज्यादा जानकारी होने के साथ-साथ सभी कॉन्सेप्ट्स ज्यादा बेहतर तरीके से समझ आ जायेंगे. कुछ एजुटेक एप्स आपको अपने दोस्तों को विभिन्न चैप्टर्स में चुनौती देने में मदद करेंगे. अगर आपके पास विशाल क्वेश्चन बैंक्स की एक्सेस नहीं है, तो इन एप्स का इस्तेमाल करें क्योंकि ये एप्स प्रमुख प्रोफेसर्स के क्वेश्चन्स एक-साथ पेश करते हैं. खुद को दें रिवॉर्ड या गिफ्टउस टाइम को याद करें, जब आपके डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाने के बाद, आपको एक कैंडी दी थी या अगर आपने अपना होमवर्क कर लिया तो आपकी मॉम ने आपको आइसक्रीम की ट्रीट देने का वादा किया था. आप एक चॉकलेट, कैंडी या एक नए खिलौने को लेकर कितने खुश होते थे? इससे आपको अच्छा व्यवहार करने या अपना हेल्दी खाना पूरा खाने या अपना होमवर्क पूरा करने की प्रेरणा मिलती थी. आप अपनी स्टडीज को लेकर भी यही तरीका अपना सकते हैं. जब आप कोई मुश्किल चैप्टर पूरा कर लें तो खुद को किसी छोटे स्नैक का रिवॉर्ड या पार्टी दे सकते हैं या फिर किसी टेस्ट में अच्छे मार्क्स लेने के बाद एक लंबा ब्रेक ले सकते हैं. अपनी पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन के लिए एक रिवॉर्ड के तौर पर उन चीज़ों का इस्तेमाल कर सकते हैं जो आपको पसंद हों. इससे आपको मुश्किल पढ़ाई के दौरान ज्यादा मेहनत करने की प्रेरणा अपने-आप ही मिलेगी. इससे आपकी परफॉरमेंस और रिवार्ड्स भी ज्यादा अच्छे हो जायेंगे. रोल प्ले का तरीका भी बनाता है आपकी पढ़ाई को रोचकभारत के आजादी के संघर्ष के दौरान हुई विभिन्न घटनाओं को आप कैसे याद करेंगे? शेक्सपियर के किसी नाटक के विभिन्न एक्ट्स को आप ठीक तरह से कैसे याद कर सकते हैं? आप इन टॉपिक्स के केवल रट्टे नहीं मार सकते हैं. आप लंबे समय तक बहुत ज्यादा जानकारी और सूचना याद नहीं रख सकेंगे. यद्यपि हमारी विजुअल मेमोरीज काफी अच्छी और लंबे समय के लिए होती हैं. इसलिए, आप पहली बार देखने के बाद भी कई वर्षों तक फिल्मों की स्टोरीज नहीं भूलते हैं. जब किसी कहानी या स्टोरी को याद करने की बात आये तो आप एक नाटक के तौर पर विभिन्न घटनाओं का मंचन कर सकते हैं. अगर संभव हो तो अपनी पूरी क्लास को इसमें शामिल कर लें. इससे आप विभिन्न पात्रों को गहराई से समझ जाने के साथ-साथ आने वाले वर्षों में भी इन नाटकों के बारे में अच्छी तरह से बातचीत कर सकेंगे. स्टडी एटमोस्फियर में करते रहें सकारात्मक बदलावएक ही कमरे में और एक ही डेस्क पर पढ़ने से आप थके हुए और निराश हो सकते हैं. कुछ स्टडीज बताती हैं कि हर रोज़ एक ही समय पर पढ़ना काफी अच्छा होता है लेकिन आपको समय-समय पर अपनी पढ़ाई करने की जगह जरुर बदल लेनी चाहिए. आप अपना पढ़ाई करने का कमरा बदल सकते हैं या फिर, किसी लाइब्रेरी या किसी कैफ़े में जाकर अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. अगर आप बाहर जैसेकि, किसी बाग़, पार्क, टेरेस आदि में बैठकर पढ़ सकते हैं तो आपको जरुर बाहर जाकर पढ़ना चाहिए. बाहर खुली हवा में बैठकर पढ़ना एक बढ़िया प्रेरक फैक्ट है. अगर आप एक मोर्निंग पर्सन हैं तो आप अपने हाथ में किताब लेकर सुबह के उगते हुए सूरज को देखते हुए पढ़ने की कोशिश सकते हैं. अपनी लर्निंग को अपनी डेली लाइफ से जोड़कर समझने का लगातार प्रयास करना भी है जरुरजब आप प्रोजेक्टाइल मोशन की पढ़ाई कर रहे हों तो आप कोई बॉल या पेपर रॉकेट उड़ाने के बारे में सोच सकते हैं. जब आप किसी स्क्वायर या किसी सर्कल के एरियाज के बारे में पढ़ें तो आप लॉन्स या स्टेडियम्स के बारे में सोच सकते हैं. जंग को हटाने के लिए सिरका या नींबू के रस का उपयोग क्यों किया जाता है?..... यह समझकर आप एसिड और बेसेज के विभिन्न संबंधों के बारे में स्टडी कर सकते हैं. जब आप विभिन्न कॉन्सेप्ट्स को अपनी रोज़मर्रा की गतिविधियों के साथ जोड़ते हैं तो उन्हें याद रखना बहुत आसान और काफी रोचक हो जाता है. समय-समय पर हेल्दी ब्रेक्स लेना भी है बहुत जरुरीपढ़ने के साथ ही, आप जिन कामों को करना पसंद करते हैं, उन्हें करते रहना काफी महत्वपूर्ण होता है. आपनी हॉबी के लिए कुछ समय जरुर निकालें फिर चाहे वह हॉबी कोई गेम खेलना, म्यूजिक सुनना, पेंटिंग बनाना, डांस या फिर कोई नॉवेल पढ़ना ही क्यों न हो. जिस काम को करने में आपको ख़ुशी मिलती हो, वह काम अवश्य करें और अपने “ब्रेक टाइम” तक लगन और अनुशासन से पढ़ते रहें. अपने टेस्ट्स में अच्छा प्रदर्शन करने पर आप लंबे ब्रेक्स भी ले सकते हैं. अगर आप इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो आपको न केवल काफी ख़ुशी मिलेगी बल्कि आप कॉन्सेप्ट्स को ज्यादा अच्छे तरीके से याद कर सकेंगे. इसलिए, पढ़ो और पढ़ते हुए लो मज़े. |
लेखक के बारे में:![]() मनीष कुमार ने वर्ष 2006 में आईआईटी, बॉम्बे से मेटलर्जिकल एंड मेटीरियल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. उसके बाद इन्होंने जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, यूएसए से मेटीरियल्स साइंस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की और फिर इंडियन स्कूल फाइनेंस कंपनी ज्वाइन कर ली, जहां वे बिजनेस स्ट्रेटेजीज एंड ग्रोथ के लिए जिम्मेदार कोर टीम के सदस्य थे. वर्ष 2013 में, इन्होंने एसईईडी स्कूल्स की सह-स्थापना की. ये स्कूल्स भारत में कम लागत की के-12 एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार लाने पर अपना फोकस रखते हैं ताकि क्वालिटी एजुकेशन सभी को मुहैया करवाई जा सके. वर्तमान में ये टॉपर.कॉम के प्रोडक्ट – लर्निंग एंड पेडागॉजी विभाग में वाईस प्रेसिडेंट हैं. |
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
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