अच्छी पढ़ाई और परिणाम के लिए स्टूडेंट्स ज़रूर जानें ये 8 मनोवैज्ञानिक टिप्स

Apr 4, 2018, 10:48 IST

इस लेख में हम आपको ऐसी टिप्स के बारें में बताएँगे जो कि स्टूडेंट्स के लिए मनोवैज्ञानिक रूप पढ़ाई में और साथ ही अन्य अतिरिक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहायक रहेगी. पढ़ाई के लिए 8 मनोवैज्ञानिक टिप्स जानने के लिए पढ़े यह पूरा लेख.

effective learning tips
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अच्छे से पढ़ाई करने के कई तरीके हैं और हर स्टूडेंट के लिए अपना अलग ही पढ़ाई का तरीका होता है. लेकिन जबतक स्टूडेंट्स समझ पाते हैं की उनके लिए सबसे श्रेष्ठ पढ़ाई का तरीका कौनसा है वे काफ़ी सारे ऐसे तरीके अपना चुके होते हैं जो उनके लिए कम असरदार साबित हुए. ऐसे तरीके जो इच्छानुसार परिणाम नहीं देते वो स्टूडेंट्स के अन्दर निराशा भर देते हैं. और साथ ही स्टूडेंट्स सही पढ़ाई के लिए सही रणनीति ना मिल पाने के कारण सही मार्गदर्शन की तलाश करते हैं. सही मार्गदर्शन ना केवल स्टूडेंट के पढ़ाई का सर्वश्रेष्ठ तरीका बताता है बल्कि स्टूडेंट्स मनोवैज्ञानिक रूप से भी प्रेरित होते हैं. अच्छे परिणाम देने वाले पढ़ाई के तरीके से स्टूडेंट्स के मन में तनाव कम होता है और वो हमेशा पढ़ाई में अच्छे परिणाम लाने के लिए प्रोत्साहित होकर मेहनत करते हैं.  

ऐसे ही अच्छे परिणाम के लिए यहाँ बताए गए पढ़ाई के लिए कुछ मनोवैज्ञानिक तरीको की बात करेंगे जो स्टूडेंट्स को प्रभावी ढंग से पढ़ाई करने में सहायता करेंगे.

1. आप कितना जानते हैं? –पढ़ाई करने में स्टूडेंट्स को तभी रुझान ज़्यादा होता है जब वो किसी विषय को ज़्यादा अच्छे से जानते हैं. जैसे की स्टूडेंट्स को अपनी पसंद का टॉपिक पढना होता है तो वो पूरा ध्यान उसे पढ़ने और समझने में लगा देते हैं क्यूंकि वो मनोवैज्ञानिक रूप से उस विषय को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित हो जाते हैं. ऐसे मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन के साथ स्टूडेंट्स के परीक्षा में परिणाम भी अच्छे आते हैं क्यूंकि उनका विषय में रुचि और ज्ञान होने से उनका आत्मविश्वास बढ़ता है. मान लीजिए स्टूडेंट्स का विज्ञान में भौतिक विषय में ज़्यादा रुझान है तो उनका मनोवैज्ञानिक रूप से उसमे प्रोत्साहि रहना और अच्छे मार्क्स लाना स्वाभविक है.

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2. लगातार प्रयास करना है ज़रूरी“करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान. रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान“ इस कहावत का अर्थ ही है की व्यक्ति को कुछ भी बहुत अच्छे से सीखने के लिए निरंतर अभ्यास करने की अवश्क्यकता होती है. स्टूडेंट्स को भी अगर अपने परिणाम सुधारने है तो लगातार पढ़ाई करनी होगी, तभी उनकी पढ़ाई से जुड़ीं गलतियों में भी सुधार होगा और अंत में उनका मनोबल बढेगा जिससे वो पढ़ाई में और अच्छे से रुचि लेंगे. यह पढ़ाई में अच्छे परिणाम लाने का सम्पूर्ण रूप से श्रेष्ठ तरीका है.

3. स्वयं को अनुशासित करें पढ़ाई में अच्छे परिणाम लाने के लिए सबसे ज़्यादा आवश्यक है अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाए. इसके लिए स्टूडेंट्स हो सही रूप से अनुशासन को अपनाने की ज़रूरत है. और साथ ही ऐसी आदतें जो पढ़ाई करने से रोकती है और ध्यान भटकाती है को रोकने की आवश्यकता है. इसके अलावा स्टूडेंट्स को अपनी दिनचर्या में सुधार करना होगा जैसे कक्षा में पढ़ते समय पूरा ध्यान देना, अनुशासन से अपनी पढ़ाई के लिए समय देना.

4. रचनात्मकता कौशल स्टूडेंट्स के लिए उनका कौशल पढ़ाई करने में काफ़ी लाभदायक होता है. यह माना जाता है की जो स्टूडेंट्स रचनात्मक रूप से प्रभावित होते हैं वो अपने इस कौशल को हर विषय में अपनाते हैं. रचनात्मक कौशल रखने वाले छात्र आसानी से किसी भी विषय को समझ सकते है क्यूंकि उन्हें ज्ञान-संबंधी, अनुकूलनशीलता और साथ ही उनमे प्रैक्टिकल क्षमता होती है. अगर स्टूडेंट्स में रचनात्मक कौशल की कमी है तो उनके लिए सही होगा अगर वो ऐसी गतिविधियों में भाग लें जिससे उनका यह कौशल उभर कर आए और वो अपने नए कौशल को पढ़ाई के लिए उपयोग कर सकें.

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5. स्वयं को प्रेरित करते रहें कभी-कभी सही पढ़ाई का तरीके होते हुए भी स्टूडेंट्स उतना अच्छा परिणाम नहीं ला पाते क्यूंकि उनमे आत्मविश्वास की कमी होती है या वो पढ़ाई को लेकर उतने उत्साहित नहीं होते. ऐसे में स्टूडेंट्स को खुद का मनोबल बढ़ाने की अवश्क्यकता है. ऐसा करने से उनका आत्मबल बढ़ेगा और साथ ही उनका पढ़ाई की ओर रुझान भी बढेगा. आत्मविश्वास की कमी होने की वजह से स्टूडेंट्स अपने पढ़ाई और यहाँ तक की एक्स्ट्राकरीकुलर गतिविधियों में भी हिस्सा नहीं लेते हैं. इसके लिए स्टूडेंट्स को खुद ही अपने लक्ष्यों के लिए प्रेरित करना होगा.

6. शिक्षक और अभिवावक से प्रेरणा लें स्टूडेंट्स के लिए स्कूल लाइफ में पढ़ाई और बाकी गतिविधियों में जैसे खेल-कूद, नाटकीय/अभिनय, वाद-विवाद/भाषण जैसी चीजों में माता-पिता और शिक्षकों से ज़्यादा सही मार्गदर्शन कही नहीं मिल सकता. अभिवावक और शिक्षक, दोनों ही स्टूडेंट्स के कौशल और क्षमता/योग्यता से परिचित होते हैं इसलिए वो स्टूडेंट्स के लिए सही से पथ-प्रदर्शन कर सकते हैं. यह समझते हुए स्टूडेंट्स को हमेशा जब भी कोई संदेह या कठिनाई हो तो उन्हें अपने माता-पिता या शिक्षकों से प्रेरणादायक सलाह लेनी चाहिए. 

7. अपना पारस्परिक कौशल सुधारें पारस्परिक कौशल यानि की स्टूडेंट्स में दूसरे व्यक्ति से अपने भाव या संदेह प्रकट करने की क्षमता. स्टूडेंट्स में पारस्परिक कौशल या समूहीकरण कौशल बहुत आवश्यक है जिससे वो अपने सहपाठियों, मित्रों, शिक्षकों, माता-पिता या अन्य किसी व्यक्ति से बातचीत कर सकते हैं. इसके साथ ही पढ़ाई में अच्छा करने के लिए उन्हें अपने संदेह और कठिनाइयों को सपष्ट करने में भी सहायता मिलेगी.  

8. नियमित रूप से फीडबैक लेंमनोवैज्ञानिक तरीके में सबसे महत्वपूर्ण टिप है स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई के लिए समय-समय पर फीडबैक लेना चाहिए जिससे उन्हें पढ़ाई को लेकर अपनी क्षमता का पूर्ण एहसास होगा. यह फीडबैक सही रूप में प्रयोग किया जा सकता है जैसे की जिस विषय में उनके कम अंक आते है लेकिन स्टूडेंट्स को समझ नहीं आता की वो कहाँ पर पीछे छुट रहें है तो ऐसे में शिक्षक या अभिवावक उन्हें सही से समीक्षा कर सकते हैं और सही मार्गदर्शन फीडबैक के रूप में दे सकते हैं.

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निष्कर्ष – यहां बताई गयी टिप्स स्टूडेंट्स के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से लाभदायक साबित होंगी. ना केवल पढ़ाई में इन 8 साइकोलॉजिकल टिप्स का उपयोग कर सकते हैं बल्कि यह टिप्स स्टूडेंट्स को अन्य गतिविधियों जैसे की खेल-कूद, प्रायोगिक प्रोजेक्स आदि में भी लाभदायक होंगी.

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