संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर वर्ष सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने के बाद भी देश के लगभग सभी राज्यों तथा केन्द शासित प्रदेसों(प्रदेशों) में IAS अफसरों की कमी रहती है। केन्द्र तथा राज्य सरकारों के लिए यह एक चुनौती समान है कि वह अपने नितियों तथा योजनाएं बनाने के क्रम में उपलब्ध अफसरों से काम निकालें।
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भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सरकार लोकतंत्र से चुनी जाती है पर नेताओं के लिए चुनाव लड़ने के लिए कोई न्युन्तम डिग्री या योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है जिससे उन्हें अपनी कार्यभार संभालने के लिए योग्यता प्राप्त अफसरों को सचिव के रूप में नियुक्त करते है।
आम तौर पर एक IAS अफसर राज्य तथा केन्द्र सरकार के मंत्रालयों का सचिव होता है जो कि नेताओं द्वारा बनायीं गयी योजनाओं का प्रबंधन करता है। इसलिए हमारे देश में किसी भी योजना, चाहे वह राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित हो या फिर केन्द्र सरकार द्वारा, उन्हें बनाने, लागू करने और उन्हें अमलीजामा पहनाने की जिम्मेवारी IAS अफसरों की होती है।
इस लेख में हमने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के IAS अफसरों की संख्या के आंकड़ों के आधार पर देश के सभी राज्यों का विश्लेषन किया है कि किन राज्यों में IAS अफसरों की कमी है या फिर जितनी होनी चाहिए उतनी संख्यां में IAS अफसरों की तैनाती नहीं है। उत्तर प्रदेश में अधिकृत IAS अफसरों की संख्या 621 है जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश में 100 से भी अधिक IAS अफसरों की कमी है। उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल तथा बिहार पांच ऐसे राज्य हैं जिसमें अधिकृत IAS अफसरों की संख्या क्रमशः 439, 361, 376, 359 तथा 342 है जो कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।
उत्तर प्रदेश में आपको बेहद रोचक आंकड़े देखने को मिलेंगे। कुल 621 अधिकृत IAS अफसरों की संख्यां में उत्तर प्रदेश में प्रत्यक्ष भर्ती के तहत 433 IAS अफसर होने चाहिए जबकि केवल 348 IAS अफसर हीं प्रत्यक्ष भर्ती के माध्यम से तैनात हैं। प्रत्यक्ष भर्ती के अलावा पदोन्नति प्राप्त 188 IAS अफसरों के मुकाबले केवल 167 अफसर हीं हैं। लिहाजा, 85 तथा 21 IAS अफसरों की तैनाती क्रमशः प्रत्यक्ष भर्ती तथा पदोन्नति के द्वारा होना बाकी है। अगर इन आंकड़ों को सम्मिलित किया जाए तो पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में कुल 106 IAS अफसरों की कमी है।
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अगर हम मध्य प्रदेश राज्य के आंकड़ों की बात करें जिसमें कुल 439 अधिकृत IAS अफसरों की संख्यां में 306 IAS अफसर प्रत्यक्ष भर्ती के तहत तैनात होने चाहिए लेकिन केवल 240 IAS अफसर हीं तैनात हैं। कुल 133 IAS अफसरों की तैनाती पदोन्नति के माध्यम से होने चाहिए लेकिन केवल 101 IAS अफसर हीं तैनात हैं। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में 98 IAS अफसरों की कमी हैं।
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महाराष्ट्र में कुल 361 अधिकृत IAS अफसरों की संख्यां में 252 IAS अफसर प्रत्यक्ष भर्ती के तहत तैनात होने चाहिए लेकिन केवल 219 IAS अफसर हीं तैनात हैं। कुल 109 IAS अफसरों की तैनाती पदोन्नति के माध्यम से होने चाहिए लेकिन केवल 94 IAS अफसर हीं तैनात हैं। कुल मिलाकर महाराष्ट्र में अब तक 48 IAS अफसरों की कमी हैं।
बिहार में कुल 342 अधिकृत IAS अफसरों की संख्यां में प्रत्यक्ष भर्ती के तहत 238 IAS अफसर होने चाहिए जबकि केवल 192 IAS अफसर हीं प्रत्यक्ष भर्ती के माध्यम से तैनात हैं। प्रत्यक्ष भर्ती के अलावा पदोन्नति प्राप्त 104 IAS अफसरों के मुकाबले केवल 51 अफसर हीं हैं। लिहाजा, 46 तथा 53 IAS अफसरों की तैनाती क्रमशः प्रत्यक्ष भर्ती तथा पदोन्नति के द्वारा होना बाकी है। अगर इन आंकड़ों सम्मिलित किया जाए तो पता चलता है कि बिहार में कुल 106 IAS अफसरों की कमी है।
Cadre | Authorised Strength | Total | Shortage |
Uttar Pradesh | 621 | 515 | 106 |
Madhya Pradesh | 439 | 341 | 98 |
Maharashtra | 361 | 313 | 48 |
Tamil Nadu | 376 | 289 | 87 |
AGMUT | 337 | 279 | 58 |
West Bengal | 359 | 277 | 82 |
Bihar | 342 | 243 | 99 |
Rajasthan | 313 | 243 | 70 |
Gujarat | 297 | 241 | 56 |
Assam-Meghalaya | 263 | 221 | 42 |
Karnataka | 314 | 215 | 99 |
Punjab | 221 | 182 | 39 |
Odisha | 237 | 178 | 59 |
Andhra Pradesh | 211 | 170 | 41 |
Haryana | 205 | 155 | 50 |
Chhattisgarh | 193 | 154 | 39 |
Kerala | 231 | 150 | 81 |
Jharkhand | 215 | 144 | 71 |
Telangana | 208 | 130 | 78 |
Himachal Pradesh | 147 | 115 | 32 |
Jammu & Kashmir* | 137 | 91 | 46 |
Manipur | 115 | 91 | 24 |
Uttarakhand | 120 | 87 | 33 |
Tripura | 96 | 76 | 20 |
Nagaland | 94 | 67 | 27 |
Sikkim | 48 | 37 | 11 |
लगभग सभी राज्यों में IAS अफसरों की कमी को देखा गया है। पूरे देश में सभी राज्यों में अधिकृत IAS अफसरों की संख्यां 6500 है लेकिन केवल 5004 IAS अफसर हीं हैं। कुल 1496 IAS अफसरों की कमी को पूरा करना कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए चुनौती भरा लक्ष्य है। हर साल बासवान कमीटी के सुझाव के अनुरूप 180 IAS पदों की रिक्ति निकलती है जिससे 1496 पदों की कमी को पूरा करने के लिए कई वर्ष लग जाऐंगे। इस कमी की वजह से ना केवल राज्य सरकारें बल्कि केन्द्र सरकार भी अफसरों की कमी का सामना कर रही है। देश में बेरोजगार छात्रों की संख्यां भी असामान्य दर से हर वर्ष बढ़ रही है। सरकार को ऐसी नीति पर बनानी चाहिए जिससे सरकार के काम-काज में अफसरों की कमी से हो रहे अविलम्बों पर भी रोक लगे एंव देश में बढ़ रही बेरोजगारी पर भी लगाम लगायी जा सके।
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