बोर्ड एग्जाम जीवन का एक हिस्सा है, जीवन नहीं: तनाव मुक्त होकर परीक्षा दें

इस लेख में हम आपके लिए कुछ ऐसे ही टिप्स लाएं है जिनके ज़रिये परीक्षा हॉल में आप तनाव और चिंता से बाहर रह कर परीक्षा में आपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आसानी से दे सकते हैं| परीक्षा के दौरान माता-पिता या टीचर्स की बढती उम्मीदें और अन्य परीक्षाओं में कम अंक आना तनाव के प्रमुख कारणों में शामिल है| यहाँ हम आपको कुछ ऐसी बातें बतायेंगे जो की आपके परीक्षा के समय तनाव कम करने में काफी मददगार साबित होगा|

ways to beat exam stress
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हाल ही में शुरु हुई UP Board,CBSE परीक्षा या अन्य स्टेट बोर्ड परीक्षा के एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि परीक्षाएं शुरु होने से एक सप्ताह पहले छात्रों में तनाव उच्चतम स्तर पर था| कुछ खास अध्ययनों के अनुसार, परीक्षा का तनाव 'खतरनाक' हो सकता है क्योंकि यह छात्रों को मानसिक और शारीरिक दोनों रुप में प्रभावित करता है| इसके अलावा देखा गया है कि ज्यादातर छात्रों की एग्जाम टाइम में भूख कम हो जाती है या खत्म हो जाती है| परीक्षा के दौरान माता-पिता या टीचर्स की बढती उम्मीदें और अन्य परीक्षाओं में कम अंक आना तनाव के प्रमुख कारणों में शामिल है| यहाँ हम आपको कुछ ऐसी बातें बतायेंगे जो की आपके परीक्षा के समय तनाव कम करने में काफी मददगार साबित होगा|

गतवर्ष कक्षा 10 वी की टोपर सोम्या के पढ़ने का क्या तरीका था?

सौम्‍या पटेल ने पिछले साल UP Board से 10वीं की परीक्षा दी। उन्होंने पूरे साल नियमित रूप से पढ़ाई करते हुए अपने पढाई को इन्जॉय किया था। उनके माता-पिता ने कभी पढ़ाई के लिए उन्हें टोका नहीं| जब परीक्षा में कुछ दिन बचे थे, तो भी परीक्षा को लेकर सौम्‍या पटेल को कोई डर नहीं था क्यूंकि उन्होंने अपनी तैयारी पर बिना तनाव ध्यान दिया। परीक्षा के दिनों में सौम्‍या पटेल दिनचर्या लगभग पहले की तरह ही थी। शाम को वह दोस्तों के साथ कुछ समय खेल भी लेती थीं और फिर अपने फैमिली मेम्बर्स के साथ बैठकर रात का भोजन करते हुए और टीवी देखते हुए एक-दूसरे से हंसी-मजाक भी कर लेती थीं। बस बदलाव यह था कि पहले जहां वह पढ़ाई पर तीन से चार घंटे देती थी, वहीं परीक्षा के दौरान अपने पढाई करने का समय अन्तराल एक से दो घंटे और बढ़ा दिया। अपनी नींद पर भी सौम्‍या ने ध्यान दिया नियमित रूप से सोती और उठती, हल्के और पौष्टिक खाने का पूरा ध्यान रखा उन्होंने। चूंकि सौम्‍या पटेल ने पूरे साल नियमित पढ़ाई की थी, इसलिए पूरे सिलेबस पर उनकी अच्छी पकड़ थी। इसका नतीजा यह रहा कि परीक्षा के दौरान वह पूरी तरह नॉर्मल रहीं यानि तनाव से दूर रहीं और बिना किसी दबाव या घबराहट के परीक्षा दिया| उनके सभी पेपर अच्छे गए और परिणाम भी जैसा की हम सब जानते हैं उम्मीद के मुताबिक काफी अच्छा रहा।

तनाव से रहें दूर :

जाहिर है आपने भी पूरे साल पढ़ाई की है और अपने एग्जाम सिलेबस से अच्छी तरह परिचित भी हैं, ऐसे में भला सोचिए? क्या आपको परीक्षा को लेकर किसी भी तरह का तनाव होना चाहिए? नहीं न....

फिर क्यों परेशान हो रहें हैं? सभी छात्रों ने इससे पहले भी तो हर साल परीक्षा दी है। तब आपको परीक्षा का कोई डर भी नहीं था, तो अब क्यूँ है?....यह भी तो एक परीक्षा ही है बस इसका नाम ही तो बोर्ड परीक्षा है जबकि यह भी आपके उन परीक्षा जैसा ही है और अगर हम बात करें बोर्ड एग्जाम  की या 12 वी के पेपर की तो ये जिंदगी की कोई आखिरी परीक्षा तो है नहीं। इसलिए सलाह यह है की छात्र और उनके माता-पिता को इसका प्रेशर लेने की कतई जरूरत नहीं है। बस,ज़रूरत है तो  जितना हो सके इस परीक्षा में अपना पूरी तरह से 100% देने की और बेवजह के तनाव में बिल्कुल न आएं।

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रिवीजन पर रखे ध्यान :

परीक्षा के दौरान अपने आपको बिलकुल सचेत और फ्रेश रखना आपके ही हाथ में होता है। एग्जाम के समय दिनचर्या में बहुत ज्यादा बदलाव करने की जरूरत नहीं होती है। बस पढ़ाई पर थोड़ा-सा फोकस बढ़ा दें। कुछ नया अब बिल्कुल न पढ़ें। सिर्फ रिवीजन पर ध्यान दें, ताकि पढ़े हुवे टॉपिक्स की तस्वीर क्लीयर होती रहे और सभी पॉइंट्स दिमाग में रहे। कोशिश यह भी करें कि सैंपल पेपर्स, गेस पेपर्स और गत वर्ष प्रश्नपत्र भी लगातार प्रैक्टिस करते रहें। 

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खाने का रखे ध्यान :

एग्जाम के समय हो सके तो फास्ट फूड, ज्यादा मसालेदार आदि खाने से परहेज करें। इसके लिए आपके माता-पिता को भी ध्यान रखना होगा की आपको क्या खाना है और कब। खाना हल्का-फुल्का, सुपाच्य हो, ताकि खाने के बाद भारीपन न लगे। क्यूंकि अब गर्मी भी बढऩे लगी है, इसलिए पानी पिने का भी ख्याल रखें,पानी और नींबू पानी ज्यादा पीएं। इससे थकान नहीं होगी और आप हमेशा खुद को फ्रेश महसूस करेंगे। खेल-कूद, मनोरंजन और नींद का भी ख्याल रखें। इससे पढ़ाई और एग्जाम के दौरान थकावट और सुस्ती का एहसास कम होगा इसलिए एग्जाम के समय स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए।

रिलैक्स रह कर करें बेहतर प्रदर्शन :

हमेशा परीक्षा वाले दिन सेंटर पर समय से पहले पहुंचे। दोस्तों से मिलने पर हंसी-मजाक करें और खुद को रिलैक्स रखें। एग्जाम हॉल में पेपर मिलने पर जल्दबाजी में उत्तर लिखने की शुरुआत न करें। पहले 10-15 मिनट सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़कर समझें| सभी सेक्शन या प्रश्नों का समय तय कर लें और निर्धारित समय पर ही प्रश्नों को हल करें| इस बात का भी ध्यान रखें की किस प्रश्न का उत्तर आप बहुत अच्छी तरह दे सकते हैं। प्रश्नों की प्राथमिकता तय करके आगे बढ़ें।

उत्तरों का रिवीजन :

एग्जाम हॉल में अपने समय का विभाजन कुछ इस तरह करें, जिससे कि सभी प्रश्नों का उत्तर लिखने के बाद आपके पास कुछ समय बच जाए। बचे हुवे समय का सदुपयोग आप अपने उत्तरों का रिवीजन करने में करें। इससे कहीं कुछ गलत हो गया है या छूट गया है, तो उसे सुधार सकते हैं। यह करना इसलिए ज़रूरी है क्यूंकि जब हम पुरे उत्तर पुस्तिका को देखते हैं तो हमे कई जगह खुद के लिखे उत्तरों में भी गलतियाँ नज़र आ जाती है जैसे- स्पेलिंग मिस्टेक, कोई कैलकुलेशन या डायग्राम में गलतियाँ, कोई महत्वपूर्ण पॉइंट छुट जाना, कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं को हाईलाइट करना आदि|

आगे की सोचें :

एक पेपर दे देने के बाद उस पेपर के बारे में ज्यादा न सोचें। अब आपको पूरा ध्यान आगे के पेपर्स पर देना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कई छात्रों के साथ की कोई पेपर ठीक न होने पर छात्र उसे लेकर लंबे वक्त तक परेशान रहते हैं। जिस कारण आगे की पढ़ाई और पेपर पर भी गलत प्रभाव होने की आशंका होती है। इसलिए पेपर खत्म होने पर यदि आपका पेपर आपके उम्मीद के मुताबिक नहीं गया है तो भी उसे अब भूल जाएँ और आने वाले बाकि के पेपर्स में अच्छा प्रदर्शन पर अपना फोकस करें|

शुभकामनायें!!

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