पिछले कुछ वर्षों से सरकारी क्षेत्र में नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं। बैंकिंग और बीमा, जो देश में वित्त क्षेत्र के मुख्य भाग हैं, ने पिछले कुछ वर्षो में भारी संख्या में अभ्यर्थियों की भर्ती की है। बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में प्रवेश स्तर की पोस्ट लिपिक अर्थात क्लर्क की होती है। जहां विभिन्न बैंकों में बैंकिंग क्लर्क की नियमित भर्ती होती है, बीमा सेक्टर ने पिछले कुछ वर्षों में कार्यालयों में अपने कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए बीमा सहायकों अर्थात इन्शुरन्स क्लर्क की भर्ती शुरू की है। आजकल विभिन्न सरकारी और निजी बीमा कंपनियां क्लर्क की पोस्ट के लिए फ्रेशेर या कम अनुभव वाले उम्मीदवारों को ले रही है। इन उम्मीदवारों को कंपनियों द्वारा प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है, जिसके बाद वे विभिन्न कंपनियों में बीमा सहायकों के रूप में काम करने के लिए पात्र हो जाते है। आमतौर पर ये उम्मीदवार बीमा इशू करने, क्लेम का सेटलमेंट, ग्राहकों से नकद का लेन देन के अलावा नियमित कार्यालय के काम करते हैं। बैंक क्लर्क, बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश स्तर का पद है, जिन्हें बैंक के दैनिक कार्यो का संचालन करना होता है।
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बैंक क्लर्क : सकारात्मक तथा नकारात्मक पहलू
बैंक क्लर्क की नौकरी अभ्यर्थियों को एक स्टेबिलिटी प्रदान करती है, जो कि उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी के लिए प्रोत्साहित करती है। कई उम्मीदवार बैंक के वर्किंग एनवायरनमेंट से अवगत नहीं होते हैं। अतः अभी बैंक क्लर्क प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे सभी उम्मीदवारों को इस नौकरी के सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों पहलुओं को जानना आवश्यक है। बैंक क्लर्क की नौकरी में स्थिरता और सुरक्षा के अलावा नियमित स्तर पर काम का बोझ और तनाव भी होता है ।
बैंक क्लर्कों को अक्सर नकदी को संभालने की जिम्मेदारी दी जाती है। उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्य की भी जिम्मेदारी दी जाती है। इसके अलावा उन्हें हर दिन ग्राहकों से विभिन्न कार्यो के लिए डील करना पड़ता है। क्लर्क को अपनी शाखा के काम के अनुसार निश्चित घंटे से ज्यादा काम भी करना पड़ सकता है।
बैंक क्लर्कों का वेतन 10 वीं द्विपक्षीय समझौते के बाद भी काफी कम है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के क्लर्क को प्रति माह 20-25 हजार रुपए (अन्य बेनेफिट्स को लेकर) वेतन मिलता है।
बैंक क्लर्कों की प्रारंभिक पोस्टिंग आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाती है, जिससे उम्मीदवारों के लिए एडजस्ट करना भी थोडा मुश्किल हो जाता है।
दूसरी ओर, बैंक में क्लर्क नौकरी के सकारात्मक पहलु भी है। जैसे, बैंक में क्लर्कों की करियर ग्रोथ बहुत अच्छी है , उन्हें प्रदर्शन के आधार पर बहुत जल्दी प्रमोशन मिल सकता है। विभागीय परीक्षाओं (departmental examinations) को पास करने के साथ ही उन्हें हाई रैंक की पोस्ट मिल सकती है, जिसमे अच्छे वेतन के साथ साथ अन्य सुविधाए भी मिलती है।
बैंक क्लर्कों के मामले में ट्रांसफर पॉलिसी काफी लचीली है, और आमतौर पर उन्हें एक समय में एक स्थान पर लम्बे समय के लिए पोस्ट किया जाता है, बैंक पोओ के मामले में ट्रान्सफर बहुत जल्दी जल्दी होते है।
बैंक क्लर्कों को विभिन्न चिकित्सा और ऋण लाभ के अलावा वार्षिक छुट्टिया भी मिलती हैं। महिला उम्मीदवारों को मातृतव अवकाश भी दिया जाता है।
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बीमा सहायक : सकारात्मक तथा नकारात्मक पहलू
पिछले कुछ वर्षो में, बीमा संगठनों ने शुरुवाती स्तर पर काम करने के लिए क्लर्कों की भर्ती बड़ी संख्या में की हैं। सार्वजनिक क्षेत्र बीमा कंपनियां जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया , नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड आदि नियमित रूप से भर्ती परीक्षाए आयोजित करता है। सरकारी बीमा कंपनियों में क्लर्क की पोस्ट बैंक क्लर्क की तरह ही स्थायी होती हैं और बीमा छेत्र में आगे बढ़ने का एक अच्छा प्लेटफोर्म प्रदान करती है।
बीमा कंपनियों में क्लर्क को अपने ग्राहकों की बीमा और बांड रिपोर्टों को बनाना होता है। उन्हें ग्राहकों के डेटाबेस बनाने और मेन्टेन भी रखना होता है। इसके अलावा उन पर नियमित रूप से बीमा प्रपत्र और दस्तावेजों को भरना तथा मेन्टेन करने की भी जिम्मेदारी होती है।
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कस्टमर सर्विस और सपोर्ट के अंतर्गत ग्राहकों से बीमा भुगतान लेना और ग्राहकों के क्लेम्स का सेटलमेंट करना भी उनकी जॉब का हिस्सा है। उन्हें बीमा पॉलिसी जारी करने और नियमित कार्यालय प्रशासनिक कार्यभार भी संभालना होता है। हम यह कह सकते है कि बैंक क्लर्क के मुकाबले बीमा सहायक की नौकरी में काम का बोझ कम और तनाव कम है और समान्यता काम करने के घंटे भी फिक्स होते है। इन्शुरन्स क्लर्क सप्ताह में केवल पांच दिन काम करते हैं और उच्च स्तर के लिए प्रोन्नति की प्रक्रिया भी बहुत तेज हैं।
उम्मीदवारों को 6 महीनों की प्रोबेशन पीरियड पर रखा जाता है। इस अवधि के दौरान वे नौकरी छोड़ नहीं सकते हैं और संबंधित कंपनी की सेवा कर सकते हैं। बीमा सहायक का प्रारंभिक वेतन काफी कम है (लगभग 20000 रुपये प्रति माह), लेकिन विकास और पदोन्नति की प्रक्रिया बहुत अच्छी है। पॉलिसी जारी करने के साथ संलग्न बोनस इन्शुरन्स क्लर्क की नौकरी उम्मीदवारों को आकर्षित करती है।
निष्कर्ष:
हालांकि, दोनों पद लिपिक और प्रवेश स्तर के हैं, प्रत्येक के अपने-अपने सकरात्नक और नकारात्मक पहलू हैं। बैंक क्लर्कों और इन्शुरन्स क्लर्क दोनों को नियमित रूप से ग्राहक हैंडलिंग और कैश हैंडलिंग करनी होती है। उम्मीदवारों को दोनों नौकरीयो की प्रोफाइल पर विचार करना चाहिए और यह उनका निर्णय होगा कि वे किस वित्तीय क्षेत्र में फिट हो सकते हैं।
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