एक इंटर्न द्वारा प्रायः फेस की जाने वाली समस्याएं

Oct 4, 2017, 18:15 IST

नई और अप्रत्याशित चुनौतियां, कठिनाइयां और समस्याएं एक इंटर्न को अपना इंटर्नशिप छोड़ने के लिए मजबूर कर सकती हैं.

Difficulties That Interns often face at Office
Difficulties That Interns often face at Office

नई और अप्रत्याशित चुनौतियां, कठिनाइयां और समस्याएं एक इंटर्न को अपना इंटर्नशिप छोड़ने के लिए मजबूर कर सकती हैं.  यह घटना कभी भी घट सकती है. हो सकता है एक इंटर्न के रूप में ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद ही यह घटित हो या कुछ समय बाद. यह जानने के लिए कि किसी संगठन में इंटर्नशिप के प्रारंभ होने के बाद आपको कौन-सी कठिनाइयों, समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है ,नीचे दिए गए मुख्य बिन्दुओं पर गौर करें -

काम करने के घंटे

शुरूआती दौर में आप अपनी आशा के अनुरूप सीखने में असमर्थ होते हैं. ऐसा काम करने के लिए मिलने वाले कम समय के कारण भी हो सकता है. इसके अतिरिक्त यदि आप एक निश्चित समय तक ही कार्य करना चाहते हैं और आपको निर्धारित समय से अधिक समय तक काम करना है तो काम करने के अधिक घंटे भी आपको परेशान कर सकते हैं.

सीखे जाने वाले काम,  टास्क और परियोजनाएं

एक नए इंटर्न को एक प्रोफेशनल कर्मचारी की तरह बहुत अधिक कार्य नहीं दिया जाता है क्योंकि  वे एक प्रोफेशनल के तौर पर प्रदर्शन करने में विफल रहते हैं. ऐसा विशेष रूप से उस समय होता है जब उनके कौशल को संगठन द्वारा प्रयोग में नहीं लाया जाता है.

कभी-कभी, इंटर्न को एक अनुभवी पेशेवर के रूप में माना जाता है और कई कार्यों को पूरा करने के लिए कहा जाता है. यद्यपि इससे इंटर्न को अपने कौशल में वृद्धि करने का सुनहरा अवसर मिलता है लेकिन कभी कभी यह उबाऊ और बोझिल होने के साथ साथ परेशानी का कारण भी बन सकता है.

परिवहन एवं भोजन का भुगतान

कभी कभी यह उन लोगों को बहुत संघर्षरत स्थिति में ला देता है जो बहुत संपन्न परिवार से नहीं होते हैं. परिवहन एवं भोजन के भुगतान के अभाव में कभी कभी वे अपना इंटर्नशिप बीच में ही छोड़ने को मजबूर होते हैं. वे सीधे सीधे अपने लिए इसकी मांग भी अपने सुपरवाइजर से नहीं कर सकते हैं. लेकिन इन्टर्नशिप के लिए चयन के दौरान अगर आप अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए इसकी मांग करते हैं और कम्पनी द्वारा आपको आश्वसन दिया जाता है तो आप अपने व्यय रिपोर्ट के माध्यम से अपने खर्च का दावा कर सकते हैं.

कोई भी सवाल पूछने से डरना

कंपनी के वर्किंग कल्चर से अनभिज्ञ होने के कारण अक्सर इंटर्न अपने सीनियर से कुछ भी पूछने से डरते हैं. जब काम का दबाव बहुत अधिक होता है तो उस समय उन्हें बहुत अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और चाहते हुए भी अपना प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं कर पाते हैं.

आपका प्रदर्शन कैसा चल रहा है ? ऐसा पूछे जाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना

क्या मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं? काम करने का मेरा यह तरीका सही है? क्या मैंने यह काम किया है? मुझे और अधिक काम करने की आवश्यकता है? इन सवालों का जवाब देना आवश्यक है विशेष रूप से इंटर्न और छात्रों के रूप में तभी आपकी बेहतर इमेज बन पायेगी.

अन्य इंटर्न के साथ प्रतियोगिता

कार्यालय का वातावरण प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न भिन्न होता है. कुछ के लिए सहयोगी वातावरण हो सकता है तो कुछ के लिए प्रतिस्पर्धात्मक हो सकता है. यह ऐसे इंटर्न के लिए विशेष महत्व रखता है जो अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं. अधिकांश इंटर्न बहुत कुछ सीखते हैं, कुशलता पूर्वक कार्य करते हैं तथा अपने दिए गए प्रोजेक्ट्स को पूरा करते हैं. लेकिन कभी कभी प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने में कठिनाई महसूस होती है.

एक नई जीवन शैली

कॉलेज की पढ़ाई समाप्त करने के तुरंत बाद एक इंटर्न की जिम्मेदारी संभालते समय इंटर्न का परिचय बिलकुल एक नए जीवन शैली से होता है जिसे उसे किसी भी शर्त पर अपनाना होता है. कॉलेज के दिनों में कोई बोझ, कोई ज़िम्मेदारी और कोई भी दबाव नहीं होता है, वहीं इस समय नौकरी पाने का दबाव आपकी जीवन शैली को पूरी तरह बदल देता है. जीवन में विकास की प्रक्रिया से उनका पहला सामना यहीं से होता है. कार्यालय जाने के लिए सुबह जल्दी उठाना, निर्धारित समय पर कार्यालय जाना और दिए गए असाइंमेंट को पूरा करना आदि कार्य अब उनके जीवन शैली का अंग बन जाता है जिससे उन्हें किसी भी तरह एडजस्टमेंट करना पड़ता है.अतः प्रारम्भिक अवस्था में नई जीवन शैली को अपनाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य होता है लेकिन आगे चलकर धीरे धीरे वह आदत बन जाती है.

निष्कर्ष

कॉलेज की पढ़ाई समाप्त करने के बाद छात्रों को नौकरी की तलाश में पहले एक प्रशिक्षु के रूप में विभिन्न कंपनियों, संगठनों और कार्यालयों में कार्य करना पड़ता है. प्रत्येक कार्यालय, कंपनी और संगठन का वातावरण एक दूसरे से बिलकुल अलग होता है. एक प्रशिक्षु के रूप में  उन्हें विभिन्न चुनौतियों, लक्ष्यों और कार्य संस्कृतियों का सामना करना पड़ता है.

शुरुआती दिनों में अधिकांश इंटर्न इस तरह के अपरिचित माहौल से परेशान हो जाते हैं और अपनी इंटर्नशिप जारी नहीं रख पाते हैं.लेकिन थोड़ी से सूझ बूझ और आत्मविश्वास और धैर्य से काम करने की कला सीख कर इन परेशानियों और चुनौतियों पर बड़ी आसानी से विजय पायी जा सकती है.

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