ये हैं इंडियन कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए वोकैबुलरी बढ़ाने के कुछ उपयोगी टिप्स

Oct 11, 2021, 16:01 IST

दुनिया की प्रत्येक भाषा और उसके शब्दार्थ हमारी स्टडीज़ और करियर गोल को हासिल करने के लिए मजबूत आधार पेश करता है. इस आर्टिकल में इंडियन कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए कुछ उपयोगी टिप्स दिए जा रहे हैं जो उनकी वोकैबुलारी बढ़ाने में मददगार साबित होंगे.

Some Useful Tips for Indian College students to expand their Vocabulary
Some Useful Tips for Indian College students to expand their Vocabulary

समस्त आधुनिक ज्ञान और जानकारी अब केवल किताबों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इंटरनेट और डिजिटल वर्ल्ड ने इनमें पूर्ण परिवर्तन कर दिया है. लेकिन, मानव सभ्यता के सदियों से एकत्रित होने वाले ज्ञान और जीवन के बेसिक कॉन्सेप्ट्स तो वही हैं. जो फ़िलोसफर सुकरात या चाणक्य ने अपने समय में जीवन के सत्य उजागर किये थे, वे आज भी तर्कसंगत हैं. इसी तरह, पूरी दुनिया में प्रत्येक विचार को किसी न किसी भाषा के माध्यम से ही लिख और बोलकर व्यक्त किया जाता है और पूरी दुनिया में किसी न किसी भाषा के माध्यम से ही लोग आपस में संपर्क कायम करते हैं. इन दिनों पूरी दुनिया में लगभग 6500 भाषायें बोली जाती हैं.

अब, ये सारी भाषायें तो हम सीख और समझ नहीं सकते हैं लेकिन, अगर हम चुनिंदा भाषाओँ में महारत हासिल कर लें तो हमारे स्टडी और करियर गोल्स बड़ी आसानी से हासिल हो जाते हैं और हमारे कम्युनिकेशन स्किल्स निखरने के साथ ही विभिन्न कॉन्सेप्ट्स और व्यूज़ को समझने की हमारी क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हो जाती है. लेकिन, इस सबमें सबसे बड़ी बाधा आती है वह यह है कि, हम किसी भी भाषा से संबंधित अपना शब्दकोष ज्ञान कैसे बढ़ाएं?.....तो चलिए आज हम इस आर्टिकल में कॉलेज के छात्रों के लिए किसी भी भाषा से संबंधित शब्दकोष ज्ञान बढ़ाने के कुछ खास टिप्स पर चर्चा करते हैं. आइये आगे पढ़ें:  

रोज़ाना काफी कुछ पढ़ने की आदत जरुर बनाएं

पढ़ने की आदत डालें क्योंकि पढ़ना आपकी वोकेबुलरी बढ़ाने का सबसे बढ़िया तरीका है. किताबें, अखबार और अच्छी पत्रिकाएं पढ़ना शुरू करें. आप उपन्यास और साहित्यिक लेख भी पढ़ सकते हैं. पढ़ते समय नये और अज्ञात शब्दों पर ध्यान देने की आदत डालें. विभिन्न रचनाओं और शैलियों के साथ प्रयोग करें और क्लासिक या प्राचीन रचनाओं, काल्पनिक और गैर-काल्पनिक उपन्यासों या लेखों से लेकर कविता और संस्मरणों तक हर प्रकार के लेख पढ़ें. खासकर, कुछ भी ऐसा जो आपको पढ़ने के लिए मिल जाए. कई विषयों से संबंधित विषयवस्तु या लेख पढ़ें क्योंकि जितने अधिक विषयों से संबद्ध सामग्री आप पढ़ेंगे, उतने ही नये-नये शब्द आप सीख सकेंगे.

बढ़िया डिक्शनरी और शब्दकोष का महत्त्व

वास्तव में, आप कुछ ही सेकंड्स में गूगल पर ऑनलाइन सब कुछ देख सकते हैं. लेकिन यह हमेशा अच्छा रहेगा कि आप कोई अच्छी डिक्शनरी या शब्दकोष अपने पास रखें, फिर चाहे वह मुद्रित हो या ऑनलाइन वर्जन्स या आपके फ़ोन पर ऐसा कोई एप्प हो. जब कभी आपको कोई नया या कठिन शब्द मिले तो हमेशा कुछ सेकंड्स रुककर इसका अर्थ, उच्चारण और इस शब्द का प्रयोग करके बनाये गए कुछ उदाहरण-वाक्य देखें. अपनी वोकेबुलरी को ज्यादा विकसित करने के लिए आप समान अर्थ वाले समानार्थक शब्द या वैसे अन्य परिचित शब्द भी देख सकते हैं.

मूल शब्दों की जानकारी भी है जरुरी

कई अंग्रेजी भाषा के शब्द ग्रीक या लैटिन भाषा से निकले हैं. किसी भी शब्द को अच्छी तरह समझने के लिए बहुत से लोग उस शब्द के मूल को समझने पर जोर देते हैं. किसी शब्द की उत्पत्ति जानने से आप उस शब्द को ज्यादा अच्छी तरह समझ पाते हैं. किसी शब्द के मूल को समझने की इस प्रक्रिया को ‘व्युत्पत्ति विज्ञान’ (Etymology) भी कहते हैं. आप कई वेबसाइट्स पर किसी भी शब्द की व्युत्पत्ति ऑनलाइन देख सकते हैं. किसी ऐसे शब्द के बारे में देखें जो शब्द आपको पहले से पता है; आपको उस शब्द का इतिहास जानकर हैरानी होगी. व्युत्पत्ति विज्ञान आपके लिए बहुत अधिक रोचक हो सकता है. जब एक बार आपको यह प्रक्रिया थोड़ी समझ आने लगेगी तो आप नये शब्दों के अर्थ अपने-आप समझने के काबिल भी बन जायेंगे.

शब्दों के साथ खेलने से भी बढ़ती है आपकी वोकैबुलरी

किसी भी भाषा की जानकारी हासिल करने के लिए शब्द संबंधी खेल बहुत मजेदार होते हैं. वे आपको नये शब्द तलाशने की चुनौती और मदद देते हैं. सुप्रसिद्ध शब्द-खेल जैसे स्क्रैबल आपकी वोकेबुलरी को बढ़ाने और नये शब्दों को सीखने की प्रक्रिया से लाभ उठाने का एक मजेदार टूल या साधन है. आप क्रॉसवर्ड्स, जम्बल वर्ड और एनाग्राम जैसे खेल भी खेल सकते हैं. ये नये शब्द सीखने और उन शब्दों के अर्थ जानने के मजेदार और रोचक तरीके हैं. आप ऐसे खेलों के एप्स डाउनलोड कर सकते हैं या आप पजल गेम्स या बुक्स भी खरीद सकते हैं.

किसी टॉपिक पर लिखने की आदत से मिलेगा बहुत फायदा

स्टूडेंट लाइफ में अक्सर हमारा लेखन कार्य सिर्फ अपनी अकेडमिक्स तक ही सीमित रहता है. हम एग्जाम पेपर्स लिखते हैं, क्लास रूम लेक्चर नोट्स लिखते हैं और यहां तक कि हमारे द्वारा लिखे जाने वाले निबंध या अन्य रचनात्मक लेखन जैसे कविता, नाटक आदि भी केवल हमारी शिक्षा और पढ़ाई तक सीमित होते हैं. लेकिन अगर आप अपनी वोकेबुलरी बढ़ाना चाहते हैं तो आपको एक कदम और आगे बढ़ाना होगा और अपनी अकेडमिक्स के अलावा भी लिखना शुरू करना पड़ेगा. आजकल के जमाने में ऐसा करने का सबसे बढ़िया तरीका ब्लॉग लिखना है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप किस टॉपिक पर लिख रहे हैं? जो आपके दिमाग में आता है, केवल वह लिखते जायें. यहां इसका उद्देश्य केवल आपकी लेखन क्षमता में निखार लाना है. जितना अधिक आप लिखते चले जायेंगे, आपकी वोकेबुलरी उतनी अधिक अच्छी होती जायेगी.

अपनी बातचीत में करें नए शब्द शामिल

बातचीत करना किसी भी भाषा को सीखने का सबसे कारगर तरीका है. जरा सोचें, कैसे एक छोटा-सा बच्चा अपने पहले शब्द बोलना और समझना सीखता है? अबोध बालक अपने पहले अल्फाबेट लिखना सीखने से काफी पहले बोलना शुरू कर देते हैं. इसलिये, किसी भाषा को सीखने के लिए उस भाषा में बातचीत करना बहुत जरुरी होता है. आप अपनी रोजाना की बातचीत में नये शब्द सीखते हैं और धीरे-धीरे उनको याद कर लेते हैं क्योंकि उन शब्दों का उपयोग आप बार-बार अपनी बातचीत में करने लगते हैं. बातचीत करते समय आप किसी विशेष शब्द को प्रयोग करने के विभिन्न संदर्भ भी सीख लेंगे और जब हम किसी शब्द को विभिन्न संदर्भों में इस्तेमाल करते हैं तो उस शब्द के अर्थों में होने वाले मामूली अंतर भी आप समझने लगेंगे.

वोकेबुलरी में सुधार लाना उबाऊ हो सकता है लेकिन, नये शब्द सीखने, उनके अभ्यस्त होने और अपनी रोजाना की बातचीत में उन शब्दों को शामिल करने में समय लगता है. किसी नये शब्द का उपयोग करने का अभ्यास करें, उस शब्द को अपनी बातचीत में शामिल करें और समय-समय पर उस शब्द के अर्थों पर फिर से विचार करें. ऐसा करने पर वह शब्द आपकी याददाश्त में अंकित हो जाएगा.

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