बेहतर ध्यान और एकाग्रता आपके जीवन को आसान और सफ़ल बनाने के सबसे ज़रूरी हैं. खासकर विद्यार्थियों के लिए पूर्ण एकाग्रता सफ़लता की वो कुंजी है जिसकी मदद से वे किसी भी परीक्षा में मनचाहा परिणाम पा सकते हैं. पर अधिक्तर लोगों को किसी ख़ास समय या अधिक समय तक अपनी दिमागी शक्ति को नियंत्रण करने में काफी संघर्ष करना पड़ता है क्योंकि मनुष्य का मस्तिष्क अपने आसपास के शोर और कोलाहल को जल्दी नजरअंदाज नहीं कर पाता. और जब आप अपना ध्यान एकाग्रित करने में सक्षम नहीं होते तब आपको आसान काम भी मुश्किल लगने लगता है और आप उस काम को खात्म करने में भी सामान्य से अधिक समय लेते हैं.
आखिर कौन हमारी एकाग्रता को कंट्रोल करता है?
एकाग्रता का अर्थ है किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अन्य बातों पर ध्यान न लगाते हुए एक ही चीज पर ध्यान केन्द्रित करना. मनुष्य में होने वाली यह मानसिक क्रिया बहुत से हॉर्मोन्स (Hormones) द्वारा नियंत्रित की जाती है. आज इस लेख में हम ऐसे ही महत्वपूर्ण हॉर्मोन्स के बारे में जानेंगे जो हमारी एकाग्रता और सीखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं.
1. डोपामाइन (Dopamine)
डोपामाइन, जिसे ‘मोटीवेशन हॉर्मोन’ भी कहा जाता है, एक ऐसा हार्मोन है जो आपको किसी भी कार्य को सफ़लतापूर्वक समाप्त करने के लिए ज़रूरी प्रेरणा और मानसिक एकाग्रता देता है. यह एक न्यूरोहार्मोनहै जो मुख्य तौर पर ध्यान, एकाग्रता और प्रेरणा जैसी मानसिक गतिविधियों के लिए ज़िम्मेदार होता है.
एक अध्ययन के मुताबिक डोपामाइन हार्मोन हमारे ब्रेन पावर के लिए भी जिम्मेदार होता है। डोपामाइन सीखने, त्वरित प्रतिक्रिया और याद्दाश्त जैसे कई क्रियाओं के लिए जिम्मेदार होता है। हमारे दिमाग में प्राकृतिक रूप से डोपामाइन का उत्पादन होता है.
शरीर में डोपामाइन हार्मोन की कमी के चलते थकावट, ध्यान ना लगा पाना, एकाग्रता में कमी, भूलना, नींद ना आना आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
विद्यार्थी कैसे कर सकते हैं अपने दिमाग का 100% इस्तेमाल? जानें ये पाँच तरीके
शरीर में कुदरती तौर पर डोपामाइन की मात्रा बढ़ाने के तरीके:
- अपनी रोजाना खुराक में बादाम, केला, अंडे, दूध, फलियाँ, चिकन आदि पदार्थों को शामिल करें जिनमे Thyrosine की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो कि एक प्रकार का amino acid है और डोपामाइन के रिसाव में मुख्य उत्प्रेरक (catalyst) का काम करता है.
- नियमित कसरत डोपामाइन की मात्रा बढ़ाने के लिए सबसे बेहतरीन अभ्यास माना जाता है. कसरत करने से तनाव व चिंता जैसे भाव कम होते हैं, जिससे ध्यान व एकाग्रता में सुधार आता है.
- मैडिटेशन यानि ध्यान लगाने की प्रक्रिया से तनावमुक्ति में मदद मिलती है, शरीर में डोपामाइन की मात्रा बढ़ती है जिससे ध्यान और एकाग्रता में सुधार आता है.
- पर्याप्त मात्रा में ली गई नींद से स्ट्रेस दूर होता है और डोपामाइन के रिसाव में बढ़ावा होता है.
- अपना मनपसंद संगीत सुनने से आनन्ददायक अहसास होता, तनाव दूर होता है और ध्यान व एकाग्रता में सुधार आता है जिसकी वजह है डोपामाइन के स्तर में वृद्धि होना.
दरअसल, हर ऐसी प्रक्रिया जो आपको तनावमुक्त होने में मदद करती है, आपके दिमाग में डोपामाइन हार्मोन के रिसाव में तेजी लाती है.
Caffeine से रहें सावधान: बहुत से विद्यार्थी और कई अन्य लोग जब दिमाग को एकाग्रित नहीं कर पाते या दिमागी तौर पर थक जाते हैं तो अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए अक्सर कॉफ़ी का इस्तेमाल करते हैं. इसका असर भी तुरंत दिखने लगता है क्योंकि कॉफ़ी में caffeine नाम का रसायण पाया जाता है जो डोपामाइन के रिसाव में तेजी लाता है. लेकिन इससे डोपामाइन के रिसाव में शामिल प्राकृतिक प्रक्रिया बुरी तरह से प्रभावित होती है जिसकी दिमाग में डोपामाइन की उत्पत्ति में कमी आती है जो कि दीर्घकालिक समस्या के रूप में सामने आती है. इससे व्यक्ति का नर्वस सिस्टम बुरी तरह से प्रभावित होता है.
2. थाइरोइड हार्मोन (Thyroid Hormone)
थाइरोइड हार्मोन डोपामाइन की प्रोडक्शन को काफी हद तक प्रभावित करता है. दरअसल दिमाग की गतिविधियों को नियंत्रित करने वाले सभी न्यूरोट्रांसमीटर की रचना के लिए एमिनो एसिड की आवश्यकता होती है. एमिनो एसिड्स की कई इकाइयाँ मिलकर प्रोटीन बनता है. इसलिए शरीर में एमिनो एसिड की पर्याप्त मात्रा बनाये रखने के लिए, हमें प्रोटीन युक्त भोजन लेना चाहिए. शरीर में प्रोटीन को पचाने में पेट में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मुख्य भूमिका निभाता है और एमिनो एसिड्स को रिलीज़ करता है. यहाँ thyroxine पाचन प्रिक्रिया के लिए ज़रूरी एसिड की उत्पत्ति में मदद करता है जिसके फलस्वरूप दिमाग में डोपामाइन के स्तर में वृद्धि आती है. थाइरोइड हार्मोन्स का उचित स्तर स्मरण शक्ति और IQ level को बढ़ाने में मदद करता है.
3. ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन (Human Growth Hormone)
Human Growth Hormones (HGH) सीधे तौर पर दिमाग की काम करने की क्षमता और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हैं. HGH दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर की उत्पत्ति में वृद्धि लाते हैं जिससे सभी कार्य सक्षम तौर पर चलते रहें. इसकी वजह से दिमाग की शोर्ट- व लॉन्ग – टर्म मेमोरी में सुधार आता है, दिमागी एकाग्रता भी इम्प्रूव होती है. इसके आलावा HGH दिमागी तनाव व चिंता को दूर करने में मददगार साबित होता है जिससे आप अपनी समस्याओं को उनकी प्राथमिकता के अनुसार हल करते हुए बेहतर नतीजों को प्राप्त करते हैं.
कौनसा हार्मोन आपकी दिमागी एकाग्रता व सीखने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है?
कोर्टिसोल (Cortisol) जिसे स्ट्रेस हॉर्मोन भी कहा जाता है, आपकी दिमागी प्रक्रियाओं को बुरी तरह से प्रभावित करते हुए आपकी स्मरण शक्ति को नुकसान पहुँचाता है. कॉर्टिसॉल एक हॉरमोन है जो ऐड्रिनल ग्रंथि से निकलता है और लिवर को रक्त मे शुगर रिलीज करने के लिए सक्रिय करता है. स्ट्रेस व दबाव की स्थिति में कॉर्टिसॉल का स्तर रक्त में बढ़ने लगता है जिसका आपके मन और शरीर पर बहुत विस्तृत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कॉर्टिसॉल का बढ़ा हुआ स्तर सीखने और याद रखने की क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है. यही वजह है कि स्ट्रेस व चिंता की वजह से विद्यार्थी के लिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है और ऐसे में विद्यार्थी उन चीज़ों को भी याद नहीं कर पाते जो उन्होंने पहले से पढ़ी हों. इसलिए, कोर्टिसोल के दुष्प्रभाव से बचे रहने के लिए दबाव और चिंता से दूर रहें
Comments
All Comments (0)
Join the conversation