IAS Success Story: मंजिलों तक वही पहुंचते हैं, जो धूप में छांव नहीं मंजिल की ओर देखते हैं। यदि किसी लक्ष्य के प्रति मेहनत की जाए, तो इसकी अधिक संभावना है कि आप उस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। यही वजह है कि वर्षों से हमें अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र होकर लक्ष्य तक पहुंचने की सीख दी जाती है। आज हम आपको बिहार की रहने वाली श्रुति राज लक्ष्मी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने BHU-IIT से पढ़ने के बाद अच्छे पैकेज पर नौकरी हासिल कर ली थी, लेकिन उन्होंने नौकरी करने के बजाय सिविल सेवाओं में आकर देश की सेवा करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने एकाग्र होकर अपने लक्ष्य तय किया और तैयारी में जुट गई। उन्होंने सेल्फ स्टडी कर दूसरे प्रयास में ही 25वीं रैंक हासिल कर सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
श्रुति राज लक्ष्मी का परिचय
श्रुति राज लक्ष्मी मूललूप से बिहार के भागलपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने जमेशदपुर से लोयोला स्कूल से अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद आरकेपुरम के डीपीएस स्कूल से 12वीं पास की। साइंस विषयों से पढ़ने के साथ उन्होंने BHU-IIT में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में अपनी बीटेक की डिग्री हासिल की।
पढ़ाई के बाद मिली उच्च पैकेज वाली नौकरी
श्रुति राज लक्ष्मी को आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद बंगलुरू स्थित गोल्ड मैन बैंक कंपनी में करीब 32 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर नौकरी मिल गई थी। हालांकि, उनके माता-पिता का सपना था कि वह बड़ी होकर एक प्रशासनिक अधिकारी बने और देश की सेवा करे।
UPSC के लिए छोड़ी नौकरी
श्रुति ने यूपीएससी सिविल सेवाओं में जाने का निर्णय लिया और इसके लिए अपनी अच्छे खासे पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी। उन्होंने रांची पहुंच सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की।
पहले प्रयास में हुई फेल
श्रुति ने महंगी कोचिंग में दाखिला लेने के बजाय खुद से तैयारी शुरू की। इसके लिए उन्होंने पहला प्रयास किया और वह पहले प्रयास में ही फेल हो गई। हालांकि, उन्होंने इससे हार नहीं मानी और खुद को दूसरे प्रयास के लिए तैयार किया। श्रुति ने फिर से सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी थी।
दूसरे प्रयास में हासिल की 25वीं रैंक
श्रुति ने अपने पहले प्रयास में असफलता मिलने पर अपनी कमजोरियों पर काम किया। इसके साथ ही उन्होंने अधिक किताबें पढ़ने के बजाय पहले से पढ़ा हुआ ही रिविजन किया, जिससे टॉपिक्स पर अच्छी खासी पकड़ बन सके। उन्होंने अपना दूसरा प्रयास किया और इस बार उनकी प्रीलिम्स की परीक्षा पास हो गई। उन्होंने मेंस पर फोकस करते हुए इस परीक्षा को भी पास कर लिया। वहीं, मेंस के बाद इंटरव्यू को पास करते हुए वह अंतिम सूची में भी जगह बनाने में सफल रही। जब परीक्षा का परिणाम जारी हुआ, तो उन्होंने 25वीं रैंक के साथ टॉप किया था। ऐसे में उन्हें अपनी सफलता पर विश्वास नहीं हुआ।
अभ्यर्थियों को सलाह
श्रुति ने एक मीडिया को दिए साक्षात्कार में बताया कि जो भी अभ्यर्थी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें फोकस होकर पढ़ना चाहिए। अधिक पढ़ने के बजाय, जितना पढ़ा है, सिर्फ उसका ही रिविजन करें। इससे विषयों पर आपकी पकड़ अच्छी बनेगी।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation