IAS Success Story: देश में सिविल सेवा सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। यही वजह है कि देश के हर हिस्से में आपको इसकी तैयारी करने वाले युवा देखने को मिल जाएंगे। हालांकि, इस परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता है। यदि आप नौकरी कर रहे हैं, तो फुल टाइम जॉब के साथ इस परीक्षा की तैयारी और भी मुश्किल हो जाती है। हालांकि, फिर भी कई युवा होते हैं, जो हार नहीं मानते हैं। आज हम आपके साथ राजस्थान की रहने वाली स्तुति चरण के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने फुल टाइम जॉब के साथ तैयारी की और तीसरी रैंक हासिल करते हुए आईएएस अधिकारी बन गई। स्तुति की सक्सेस स्टोरी जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
स्तुति चरण का परिचय
स्तुति मूलरूप से राजस्थान के जोधपुर के खारी कल्ला गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता राम करण बरेठ राजस्थान राज्य भंडारण निगम में अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। स्तुति की माता हिंदी की अध्यापक हैं और बहन डेंटिस्ट हैं।
इस तरह पूरी हुई शिक्षा
स्तुति ने अपनी स्कूली शिक्षा भीलवाड़ा के विवेकानंद केंद्रीय विद्यालय से पूरी की। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने लाचू मेमोरियल कॉलेज ऑफ साइंस एडं टेक्नोलॉजी से अपनी स्नातक पूरी की। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली से पर्सनल और मार्केटिंग मैनेजमेंट में पोस्ट डिप्लोमा हासिल किया।
ग्रेजुएशन में शुरू कर दी थी तैयारी
स्तुति ने मीडिया को दिए अपने साक्षात्कार में बताया था कि जब वह कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई कर रही थी, तब उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी।
बैंक पीओ के रूप में किया काम
स्तुति ने अपने करियर की शुरुआत बैंक पीओ के रूप में की थी। हालांकि, यहां पहुंचने के बाद भी उन्होंने अपने सपने को नहीं छोड़ा, बल्कि वह नौकरी करते हुए भी पढ़ा करती थी। ऐसे में उन्होंने नौकरी के साथ-साथ खुद के पढ़ने का टाइम टेबल निश्चित कर लिया था।
पढ़ा करती थी टॉपर्स की कहानी
स्तुति ने एक इंटरव्यू में बताया था कि प्रेरक कहानियां अक्सर प्रेरणा देती हैं। ऐसे में खुद को आईएएस के लिए मोटिवेट रखने के लिए वह भी टॉपर्स की प्रेरक कहानियों को पढ़ा करती थी, जिससे उन्हें प्रेरणा मिली।
सफलता प्राप्त कर बनी आईएएस अधिकारी
स्तुति ने सिविल सेवा की तैयारी कर सिविल सेवा की परीक्षा दी, जिसमें उन्होंने प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में जगह बनाते हुए सिविल सेवा को तीसरी रैंक के साथ पास किया था।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह कहानी पसंद आई होगी। इसी तरह की अन्य कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेंः IPS Success Story: सात साल की तैयारी और पांचवे प्रयास में IPS बने गौहर हसन
Comments
All Comments (0)
Join the conversation