IBPS PO का रिजल्ट जल्द ही घोषित होने वाला है और आप सभी अब अगले चरण के बारे में सोच रहे होंगे कि कैसे आप देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में एक अधिकारी के रूप में कार्य शुरू करेंगे। आपकी ज्वॉइनिंग प्रक्रिया के दौरान आपको महत्वपूर्ण सेवा समझौतों और बॉण्डों के बारे में अवगत कराया जाएगा। इस आर्टिकल के माध्यम से हम विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बॉण्ड और सेवा समझौतों के अलग- अलग पहलुओं का पता लगाने का प्रयास करेंगे।
बॉन्ड एंड सर्विस एग्रीमेंट (सेवा समझौते) : इसका क्या अर्थ है?
आप में से अधिकांश फ्रेशर होते हैं और इन शर्तों के बारे में आपको पहली बार जानकारी मिलती है, जो कई उम्मीदवारों के मन में भ्रम पैदा करती है। आपमें से अधिकांश के लिए इन नियम और बॉण्ड की शर्तों को समझना एक सिरदर्द है जिससे आप नौकरी ज्वॉइन करने से पहले ही तनाव से गुजरते हैं। इसलिए आपको इनके बारे में विस्तार से जानना चाहिए ताकि भ्रम दूर हो सके।
एक बॉन्ड मूल रूप से आपके और संगठन के बीच एक समझौता है, जो आपको नौकरी से पहले लिखित में देना जरूरी होता है। इसका कानूनी रूप से मान्य होना जरूरी है, ताकि आप कंपनी को एक निश्चित वर्ष या समय अवधि के लिए सेवा दे सकें। इसका उल्लंघन करने की दिशा में आपको कंपनी द्वारा निश्चित राशि का भुगतान करना होता है। हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में इन संस्थाओं में लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया है, जिस कारण सभी बैंकों ने अब इसे एक मानदंड के रूप में पेश किया है।
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एक सेवा अनुबंध में उन सभी नियम और शर्तों का वर्णन होता है जिसके तहत आप संगठन में नियुक्त होते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान आपको संगठन में इनका पालन करना होता है। इसलिए बांड को निष्पादित करना भी एक सेवा शर्त है जिस पर आप की सहमति होना जरूरी है। यह संगठन में आपकी नौकरी के नियम और शर्तों को रेखांकित करता है।
विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बॉण्ड
IBPS में सभी सहभागी संगठनों ने अब बॉन्ड के मानदंडों को पेश किया है ताकि उम्मीदवारों को संगठन छोड़ने से रोका जा सके। लेकिन यह वास्तव में बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है। बॉण्ड फैक्टर के बावजूद भी सभी बैंकों में नौकरी छोड़ने की दर अभी भी बहुत अधिक है।
क्र. सं. | बैंक का नाम | बॉण्ड की अवधि | बॉण्ड की राशि (रु. में) |
---|---|---|---|
1. | इलाहाबाद बैंक | 3 साल | 1 लाख |
2. | आंध्रा बैंक | 3 साल | 2 लाख |
3. | बैंक ऑफ बड़ौदा | 3 साल | 3 लाख |
4. | बैंक ऑफ इंडिया | - | - |
5. | केनरा बैंक | 2 साल | 25000 |
6. | बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 2 साल | 1 लाख |
7. | कॉर्पोरेशन बैंक | 2 साल | 50000 |
8. | सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | - | - |
9. | देना बैंक | 3 साल | 150000 |
10. | ईसीजीसी | 3 साल | 3 माह का वेतन |
11. | आईडीबीआई बैंक | - | - |
12. | इंडियन बैंक | 2 साल | 1 लाख |
13. | इंडियन ओवरसीज बैंक | 3 साल | 1 लाख |
14. | ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स | - | - |
15. | पंजाब नेशनल बैंक | 3 साल | 2 लाख |
16. | पंजाब और सिंध बैंक | 3 साल | 50000 |
17. | सिंडिकेट बैंक | 2 साल | 1 लाख |
18. | यूको बैंक | 2 साल | 2 लाख |
19. | यूनियन बैंक | 3 साल | 2 लाख |
20. | विजया बैंक | 3 साल | 2 लाख |
21. | यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया | 3 साल | 1 लाख |
'-' का अर्थ है कि इन बैंकों के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं है।
इन दिनों बैंकिंग नौकरियों में बॉण्ड की कसौटी बेहद जरूरी हो गई है। इसका कारण है कि बैंकों में जॉब छोड़ने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसलिए तदनुसार ही सोचें। यदि आपको लगता है कि आपके पास कई विकल्प हैं तो इस पर अपना ज्यादा समय ना गवाएं, ताकि भविष्य में आपको अपने इस्तीफे के मामले में बैंक को अपनी मेहनत की कमाई का भुगतान करने की जरूरत ना पड़े। बाकी ज्वॉइनिंग की औपचारिकताएं हैं जिसका आपको नौकरी ज्वॉइन करते समय पालन करना जरूरी होता है।
बेस्ट ऑफ लक!!
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