अक्सर हम स्कूल टाइम में 10वी के बाद यह तय कर लेते हैं कि हमें किस स्ट्रीम के पढाई करनी है यानि आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स और कई बार हम अपने स्ट्रीम को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि हमारे द्वारा चुना हुआ विकल्प हमारे करियर के लिए सही है या नहीं l जैसे साइंस स्ट्रीम से 12वीं करने के बाद अक्सर स्टूडेंट्स डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं l वहीं कुछ ऐसे भी स्टूडेंट्स हैं जो डॉक्टर, इंजीनियर बनना नहीं चाहते लेकिन उन्हें इसके अलावा दूसरा कोई आप्शन भी समझ में नहीं आता है और करियर को लेकर कंफ्यूज रहते हैं l असल में साइंस एक बहुत बड़ी स्ट्रीम है, जिसमें एक या दो नहीं बल्कि ढेरों विकल्प मौजूद हैं l हम यहां पर आपको कुछ ऐसे ही ऑप्शंस के बारे में बता रहे हैं जो आपको अपने करियर में एक अलग मुकाम हासिल करने में मदद करेंगे-
कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट के लिए कुछ अच्छे करियर विकल्प -
बीकॉम- बैंकिंग एंड इंश्योरेंस :
बैचलर ऑफ कॉमर्स (बैंकिंग एंड इंश्योरेंस) एकेडमिक और प्रोफेशनल डिग्री दोनों है l इस कोर्से में अकाउंटिंग, बैंकिंग, इंश्योरेंस लॉ, बैंकिंग लॉ और इंश्योरेंस रिस्क कवर की जानकारी दी जाती है और इस डिग्री में बैंकिंग और इंश्योरेंस इंडस्ट्री में कवर होने वाले टॉपिक्स और विषयों की सिस्टमेटिक स्टडी कराई जाती है l इस कोर्स में 38 विषय होते हैं और ये आने वाले समय में करियर के लिए अच्छा आप्शन है l इसके अलावा बैंकिंग और इंश्योरेंस से जुड़े 2 प्रोजेक्ट भी हैं | इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स चाहे तो अपने करियर के विकल्प को और अच्छा करने के लिए एमकॉम, एमबीए, सीएफए जैसे हायर एजुकेशन वाले कोर्सेज कर सकते हैं l यही नहीं गवर्मेंट और प्राइवेट सेक्टर में ऑडिटिंग, अकाउंटेंसी, बैंकिंग, फाइनांस की फील्ड में नौकरी के लिए भी एप्लाई किया जा सकता है l
कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट (CWA):
यह कोर्स काफी अच्छे विकल्प आपके करियर के लिए प्रदान करता है l कॉस्ट अकाउंटेंसी सीए से मिलता-जुलता कोर्स है l 12वीं के बाद भी स्टूडेंट्स CWA का कोर्स कर सकते हैं l इस कोर्से को करने के लिए सबसे पहले 12वीं पास स्टूडेंट्स को फाउंडेशन कोर्स करना होता है l कोर्स पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स को कॉस्ट अकाउंटेंट और इससे जुडे़ प्रोफाइल पर काम करने का मौका मिलता है l इसके लिए द इंस्टीटय़ूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में आवेदन करना होता है l एडमिशन के लिए जून और दिसम्बर में एंट्रेंस एग्जाम होता है l स्टूडेंट पहले फाउंडेशन कोर्स करते हैं इसके बाद इंटरमीडिएट कोर्स (जो कि एक CWA कोर्से का हिस्सा है न की क्लास बारहवीं ) करना होता है और फिर सीए की तरह ही फाइनल एग्जाम देकर कोर्स पूरा होता हैं l
बीबीए:
हालांकि किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले स्टूडेंट बीबीए कर सकते हैं लेकिन कॉमर्स स्टूडेंट्स के बीच यह कोर्स काफी लोकिप्रिय है | यह तीन साल का कोर्स है, जिसमें स्टूडेंट्स को बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के सभी दाव पेच सिखाए जाते हैं | इस कोर्स को पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स विभिन्न कंपनियों के एचआर, फाइनांस, एड-सेल्स और मार्केटिंग डिपार्टमेंट्स में जॉब के लिए एप्लाई कर सकते हैं |
आर्ट्स कोर्सेज के लिए कुछ अच्छे करियर विकल्प-
आर्ट्स कोर्सेज को करने के बाद स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज़ के एग्जाम देते हैं और सेलेक्ट भी होते हैं l इसलिए इस सब्जेक्ट को कम नहीं आंकना चाहिए। कई बार स्टूडेंट्स या उनके पेरेंट्स को लगता है कि आर्ट्स सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन करने के बाद करियर के ऑप्शन बहुत कम रह जाते हैं। लेकिन अब यह सोच काफी बदल चुकी है। आर्ट्स में ऐसे कई विषय हैं, जिनकी पढ़ाई करके आप सरकारी और प्राइवेट जॉब में अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं। आप इकनॉमिक्स, साइकॉलजी, हिस्ट्री, फिलॉसफी आदि में ग्रेजुएशन कर सकते हैं और ग्रेजुएशन के बाद आप सिविल सर्विसेज में जा सकते हैं। इसके अलावा आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए जर्नलिज्म, मार्केट ऐनालिसिस, टीचिंग, एंथ्रोपोलॉजी, ह्यूमन रिसोर्स, एमएसडब्यू आदि में भी कई विकल्प मौजूद हैं।
इवेंट मैनेजमेंट :
अगर देखा जाय तो आर्ट्स स्टूडेंट के लिए करियर का यह बहुत अच्छा विकल्प है | हर छोटे-बड़े इवेंट को सक्सेसफुल बनाने का काम इवेंट मैनेजर का होता है। आज के टाइम में हमे हर एक बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी चीजों को पब्लिक के सामने प्रदर्शित करने के लिए इवेंट मैनेजमेंट के लोगो की ज़रूरत होती है l शादी से लेकर होटल, पार्टी या किसी इवेंट तक किसी मैनेजमेंट करने वाले की जरूरत होती है। ऐसे में इवेंट मैनेजमेंट का कोर्स भी जॉब सिक्युरिटी देता है और आपके लिए अच्छे विकल्प प्रदान करता है । इस कोर्स को करने के बाद आप अपना छोटा होम बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। इस कोर्स की बैचलर डिग्री 3 साल की होती है। काफी अच्छे तरीके से आप इस कोर्स को करके अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं l
फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स (पीसीएम) के लिए कुछ अच्छे करियर विकल्प-
पीसीएम सब्जेक्ट सेलेक्ट करने का टार्गेट ज्यादातर स्टूडेंट्स का इंजीनियरिंग होता है और अगर 12 वीं के बाद इंजीनियरिंग करना है तो अच्छी तैयारी के साथ इसकी प्रवेश परीक्षाओं को क्लियर करना होता है । इसमें 12वीं के मेरिट प्रतिशत का भी एडवांटेज मिलता है। यहाँ हम आपको कुछ ऐसे विकल्प के बारे में बतायेंगे जो इंजीनियरिंग फील्ड में काफी प्रचलित है l
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग :
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एक ऐसा फील्ड है, जिसमें स्टूडेंट्स को एयरोनॉटिक्स और स्पेस साइंस दोनों का अध्ययन कराया जाता है। एयरोनॉटिकल इंजीनियर के रूप में आप निम्नलिखित क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं, जैसे-स्ट्रक्चरल डिजाइन, नेविगेशनल गाइडेंस ऐंड कंट्रोल सिस्टम, इंस्ट्रुमेंटेशन एंड कम्युनिकेशन या प्रोडक्शन मेथड, मिलिट्री एयर क्राफ्ट, पैसेंजर प्लेन, हेलीकॉप्टर, सैटेलाइट, रॉकेट इत्यादि। एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए आपके पास बीई/बीटेक (एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग) और कम से कम एयरोनॉटिक्स में डिप्लोमा होना चाहिए l विभिन्न कॉलेजों और आईआईटी द्वारा एयरोनॉटिक्स में डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री करवाई जाती है l फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स विषयों के साथ बारहवीं या उसके समकक्ष परीक्षा पास करने वाला कोई भी स्टूडेंट बीई/बीटेक में प्रवेश प्राप्त कर सकता है। देश में ऐसे कई संस्थान हैं जो एविएशन में पोस्ट ग्रेजुएट (एमटेक) और डॉक्टोरल प्रोग्राम (पीएचडी) भी कराते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का बीई/ बीटेक कोर्स चार साल का होता है जबकि डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो-तीन साल होती है। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स, रक्षा अनुसंधान और विकास संबंधी संस्थानों, नेशनल एयरोनॉटिकल प्रयोगशालाओं, एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट संस्थापनाओं, नागरिक उड्डयन विभाग, प्रतिरक्षा सेवाओं और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में भी रोजगार पा सकते हैं।
Plan your career: Aeronautical Engineering
नैनो टेक्नोलॉजी :
इंजीनियरिंग की किसी भी ब्रांच में बीई/बीटेक या एमएससी करने के बाद एमटेक नैनो टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया जा सकता है। यह काफी प्रचलित है आज के समय में व्यापक रूप से | इलेक्ट्रॉनिक्स, एनर्जी, कॉस्मेटिक, फार्मास्यूटिकल्स, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, केमिकल, एनवॉयरमेंट, सिक्योरिटी आदि विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नैनो टेक्नोलॉजी की जरूरत महसूस होने लगी है।
बायोटेक्नोलॉजी :
बदलती लाइफस्टाइल में बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका बहुत बढती हुई दिखाई दे रही है । शायद इसके चलते इस फील्ड में इंट्री लेने वाले छात्रों की तादाद भी पहले के मुताबिक बढी है। बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी, बीटेक, बीई समेत डिप्लोमा कोर्स के भी ऑप्शन हैं।
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग :
यहां इंजीनियरिंग के कॉन्सेप्ट और बायोलॉजी की समझ दोनों ही अहम हैं। इस क्षेत्र में उपयुक्त योग्यता रखने वालों के पास बायोटेक्नोलॉजी फर्म्स, बायोलॉजिकल लैब्स, फूड बिवरेज कंपनी, एग्रीकल्चर, केमिकल इंडस्ट्री में जॉब्स के पूरे मौके होते हैं।
Biomedical Engineer – Career Prospects
मेडिकल में कई विकल्प :
पीसीबी से पास आउट होने के बाद आप पीएमटी या एआईपीएमटी की परीक्षा दे कर मेडिकल में प्रवेश कर सकते हैं । इसके अलावा आप बीडीएस कोर्स भी कर सकते हैं । मेडिकल की बात करते ही सबसे पहले एमबीबीएस का नाम छात्रों के दिमाग में आता है पर इसमें कई और करियर आप्शन भी मौजूद हैं। जैसे बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी-बीडीएस, बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी-बीएएमएस, फिजीशियन, ऑप्टोमेट्री, फॉर्मेसी, नर्सिंग आदि। नर्सिंग- बायों से 12वी के बाद बीएससी नर्सिंग या जीएनएम में एडमिशन ले सकते हैं । इस कोर्स को करने के बाद हॉस्पिटल में आसानी से नर्स या मेल नर्स की जॉब मिल सकती है। फार्मा भी काफी अच्छा कोर्स है l इस बैंकग्राउंड के स्टूडेंट्स के लिए फार्मा फील्ड में भी कई संभावनाएं है। बी-फार्मा, डी-फार्मा कोर्स में एडमिशन ले सकते है।
निष्कर्ष – ऊपर दिए लेख में जो सुझाव आपके करियर के विकल्प को चुनने के लिए बताये गये हैं, उनपर अगर आप अपनी योग्यता और रूचि के अनुरूप अमल करें तो आसानी से अपने करियर से जुड़े अच्छे विकल्प प्राप्त कर अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं | आप चाहे जहाँ हों, जिस परिवेश में हों, अपनी क्षमताओं को पहचानिए और आकाश की ऊँचाइयों पर उड़ कर दिखाइए क्योंकि यही आपकी वास्तविकता है और इसके लिए ज़रूरी है तो बस अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए सही विकल्प का चुनाव l
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