एयरोस्पेस इंजीनियरिंग को इंजीनियरिंग के अत्यधिक वेतन वाली ब्रांचेस में से एक माना जाता है. तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष में मानव के बढ़ते कदम और पृथ्वी से बाहर की दुनिया को जानने की ललक के परिप्रेक्ष्य में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स की डिमांड तेजी से बढ़ी है. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तेजी से उभरती संभावनाएं प्राइवेट सेक्टर में तो हैं हीं, साथ ही, सरकारी विभागों जैसे इसरो, आदि, रक्षा सेनाओं – आर्मी, नेवी और एयरफोर्स, कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और शैक्षणिक संस्थानों में एयरोस्पेस इंजीनियर और इस विषय अन्य पदों पर अवसरों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स की जिम्मेदारियों में फ्लाइट व्हीकल एवं सिस्टम्स, स्पेस फ्लाइट (स्पेसक्राफ्ट, रॉकेट, सैटेलाइट, आदि) और सब-स्पेस फ्लाइट (एयरप्लेन, हेलीकॉप्टर, मिसाइल, आदि) और इन सब से सम्बन्धित कार्य शामिल होते हैं. कई एयरोस्पेस इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स भूमि पर चलने वाले वाहनों (जैसे रेस कार, रेग्यूलर कार, आदि) के लिए एयरोडायनेमिक्स (बाहरी सर्फेस की डिजाइन) के लिए भी कार्य करते हैं.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए योग्यता?
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी पाने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्नातक डिग्री (बीई/बीटेक) उत्तीर्ण होना चाहिए. सीनियर पदों के लिए एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री मांगी जाती है. वहीं, शैक्षणिक संस्थानों में सीनियर फैकल्टी के पदों लिए कंप्यूटर साइंस या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में रिसर्च डिग्री (पीएचडी) मांगा जाता है.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए आयु सीमा?
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जूनियर पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 27 वर्ष के बीच होनी चाहिए जबकि सीनियर पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष तक या अधिक भी हो सकती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए चयन प्रक्रिया
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न सरकारी पदों पर उम्मीदवारों का चयन पद के अनुसार अलग-अलग होता है. आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाता है.
कितनी मिलती है एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सैलरी?
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरियों में इंट्री लेवल पर (ट्रेनिंग के बाद) सातवें वेतन आयोग के पे-मैट्रिक्स लेवल 10 के अनुरूप रु.56,100 – 1,77,500 के अनुसार सैलरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त कई प्रकार के भत्ते, जैसे – डी.ए., गृह किराया भत्ता (एच.आर.ए.), परिवहन भत्ता, आदि देय होता है. रक्षा सेनाओं में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेशनल्स को विभिन्न रैंकों पर अलग-अलग वेतनमान के साथ-साथ कई प्रकार के अतिरिक्त भत्ते भी दिये जाते हैं.
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
कंप्यूटर इंजीनियर का पद केंद्र व राज्य सरकारों के सम्बन्धित मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभाग, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे सरकारी संगठनों, विभिन्न तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), आदि में होता है इसलिए इस क्षेत्र में सरकारी नौकरी इन्हीं संगठनों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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