हमारे देश में आजकल अधिकतर कॉलेज स्टूडेंट्स को केवल अपने सब्जेक्ट टॉपिक्स रटने और कॉलेज के सेमेस्टर और/ या टर्म एंड एग्जाम्स पास करने चिंता रहती है. ये स्टूडेंट्स लंबे समय तक अपने सब्जेक्ट्स या लेसंस याद रखने में दिलचस्पी बिलकुल नहीं रखते हैं. इसी तरह, किसी भी सब्जेक्ट टॉपिक को रट लेना उस टॉपिक को सीखने का सबसे आसान और तेज़ तरीका माना जाने लगा है. अपने कॉलेज एग्जाम्स में ए ग्रेड मार्क्स हासिल करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स या फिर, ऐसे स्टूडेंट्स जो अपनी क्लास में टॉप करना चाहते हैं, वे तो अवश्य ही अपना अधिक से अधिक करिकुलम सिलेबस कम से कम समय में याद करना चाहते हैं और इसलिए बिना सोचे-समझे अपने कोर्स कंटेंट या सब्जेक्ट टॉपिक को रट्टे मारकर याद करते हैं. लेकिन, यह रट्टे मारने की आदत स्टूडेंट्स की वास्तविक लर्निंग को बहुत नुकसान पहुंचाती है. स्टूडेंट्स के लिए फेयनमैन लर्निंग टेकनीक एक बेहतर लर्निंग अप्रोच है और इस टेकनीक का उपयोग किसी भी सब्जेक्ट के सभी टॉपिक्स को याद करने के लिए किया जा सकता है. इस टेकनीक के उपयोग से कॉलेज स्टूडेंट्स अपने सभी मुश्किल और आसान टॉपिक काफी कम समय में अच्छी तरह याद कर सकते हैं और ये सभी टॉपिक्स स्टूडेंट्स को काफ़ी लंबे अरसे तक याद भी रहते हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल.
फेयनमैन लर्निंग टेकनीक के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी
फेयनमैन लर्निंग टेकनीक एक सीखने की विधि है जिसे प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता और भौतिक विज्ञानी रिचर्ड फेयनमैन ने बनाया था. श्री फेयनमैन को 'महान प्रतिपादक व्याख्याता ’ (ग्रेट एक्सप्लेनर) कहा जाता था और क्वांटम फिजिक्स जैसे जटिल विषयों को एक आम आदमी के समझने लायक बनाने की उनकी क्षमता के लिए उन्हें काफी सम्मानित किया गया था.
उनके बताये गए मेथड से स्टूडेंट्स अपने विषयों और उनसे संबंधित अवधारणाओं को बड़ी आसानी से समझ सकते हैं और याद कर सकते हैं. इसलिए, यह टेकनीक एक बहुत प्रभावी शिक्षण टेकनीक बन गई है. फेयनमैन की यह लर्निंग टेकनीक 4 आसान स्टेप्स पर आधारित है:
स्टडी नोट्स: ये एकेडमिक राइटिंग टिप्स हैं स्टूडेंट्स के लिए कुछ ख़ास
• अपना सब्जेक्ट टॉपिक सिलेक्ट करें
• क्लासमेट्स को वह टॉपिक पढ़ाने के बारे में सोचकर उस टॉपिक को याद करें
• कुछ भूलने पर आप देख सकते हैं अपनी किताबें
• एनालॉजी के उपयोग से भी होगा फायदा
फेयनमैन लर्निंग टेकनीक के प्रमुख स्टेप्स
• अपना सब्जेक्ट टॉपिक सिलेक्ट करें
स्टूडेंट्स कोई भी विषय या उससे संबद्ध कोई टॉपिक चुनें. चाहे वह विषय इतिहास, भूगोल, भौतिकी, रसायन विज्ञान या कोई भी अन्य विषय हो. अपने उस चुने हुए विषय के बारे में आपको जो कुछ भी पता है, किसी कागज के टुकड़े पर लिख लें और हर बार जब आप उस विषय के संबंध में कुछ नया सीखते हैं तो उसे कागज के उस टुकड़े पर आगे लिखते रहें.
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• क्लासमेट्स को वह टॉपिक पढ़ाने के बारे में सोचकर उस टॉपिक को याद करें
अब इस विषय या टॉपिक को आसान बनाने का प्रयास करें. इस प्रक्रिया को ज्यादा आसान बनाने के लिए आप यह सोचें कि आप इस विषय को अपने किसी क्लासमेट को समझा रहे हैं. जटिल विषयों को समझाने के लिए उदाहरणों का उपयोग करें. इस विषय को उतना सरल बनाएं, जितना आप बना सकते हैं. अगर आप ऐसा कर लेते हैं तो आप इस विषय या टॉपिक को काफी लंबे समय तक याद रख सकेंगे.
• कुछ भूलने पर आप देख सकते हैं अपनी किताबें
किसी विषय को आसान शब्दों में समझाते हुए, अगर आप कहीं अटक जाते हैं तो अपने नोट्स या किताबें देखने में जरा भी संकोच न करें. इसके अलावा, अगर आपको लगता है कि आप किसी अवधारणा को आसान नहीं बना पा रहे हैं तो अपने नोट्स या किताब में उस अवधारणा को फिर पढ़ें और दुबारा उस अवधारणाको अच्छी तरह समझने की कोशिश करें. जब आपको वह अवधारणा अच्छी तरह से समझ आ जाये तो फिर एक बार उस अवधारणा को सरल बनाने का प्रयास करें. जब तक आप आसान शब्दों में उस पूरी अवधारणा को समझा न दें, तब तक आप इस प्रक्रिया को दोहराते रहें.
• एनालॉजी के उपयोग से भी होगा फायदा
यदि किसी भी मौके पर आपको लगता है कि कोई विषय बहुत जटिल है और आप इसे आसान शब्दों में नहीं समझा रहे हैं तो फिर, किसी एनालॉजी का सहारा लें और उस विषय की समानता ढूंढने का प्रयास करें. वास्तविक दुनिया से उदाहरण तलाशने का प्रयास करें जिससे आपके मित्र को वह विषय बड़ी आसानी से समझने में मदद मिल सके. एनालोजी वास्तविक जीवन की परिस्थितियों से मिलने वाले उदाहरण होते हैं.
कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए आइडियल स्टडी स्पेस बनाने के टिप्स
यहां ट्रिक बहुत सरल है और वह ट्रिक यह है कि आप किसी जटिल विषय या टॉपिक को इस हद तक सरल बनाने की कोशिश करें कि वह विषय या टॉपिक आप आसानी से किसी आम आदमी को समझा सकें. सीखने का मतलब किसी भी विषय या टॉपिक को समझे बिना केवल रटना कभी नहीं होना चाहिए. रट्टे मारना किसी भी विषय को सीखने का एक ऐसा तरीका है, जिससे आप उस विषय को केवल थोड़ी देर तक ही याद रख पाते हैं. रट्टे मारकर कुछ सीखने की प्रक्रिया थोड़ी ही अवधि तक कारगर सिद्ध होती है. उदाहरण के लिए, एक बच्चे की कल्पना करें जो किताब में हर जानवर को उसके नाम से पहचान सकता है. लेकिन, वास्तव में वह बच्चा यह नहीं समझता है कि एक बिल्ली और एक कुत्ते में क्या फर्क होता है? उसकी यह शिक्षा बिलकुल बेकार है. दूसरी तरफ, फेयनमैन का लर्निंग मेथड बच्चों को प्रत्येक जानवर के बारे में अच्छी तरह जानकारी देता है और इस प्रकार बच्चे प्रत्येक जानवर के बीच के अंतर को अच्छी तरह समझ जाते हैं. फेयनमैन का लर्निंग मेथड कोई नया विचार सीखने, किसी अवधारणा को बेहतर तरीके से समझने और चीजों को अच्छी तरह याद रखने के साथ ही परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए भी काफी अच्छा और उपयोगी है. यह ट्रिक सब विषयों और टॉपिक्स को समझने और याद रखने के लिए कारगर है.
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