आज हर कंपनी को अपने बिजनेस के कुशल प्रबंधन के लिए ऐसे प्रशिक्षित मैनेजर चाहिए, जो उसके कारोबार को आगे बढ़ा सकें। यही कारण है कि इन दिनों योग्य प्रबंधकों की मांग हर जगह है। मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है। इसमें पहले की तुलना में करियर के विकल्प काफी बढ़ गए हैं। एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में इस समय करीब 5000 मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स हैं। मैनेजमेंट कोर्सेज की बढ़ती डिमांड का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले पांच साल के दौरान बिजनेस स्कूलों की संख्या तीन गुना तक बढ़ गई है। सबसे अच्छी बात है कि ये कोर्स किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट कर सकते हैं। आइए जानते हैं 12वीं और ग्रेजुएशन के बाद कौन-कौन से मैनेजमेंट कोर्स करके इस दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है...
12वीं के बाद कोर्स
बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन): बीबीए यानी बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन तीन वर्षीय अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। कोर्स करने के बाद छात्र मार्केटिंग, एकाउंटिंग, फाइनेंस और इंटरनेशनल बिजनेस समेत विभिन्न क्षेत्रों में जॉब पा सकते हैं। बीबीए में प्रवेश के लिए स्टूडेंट को किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास होना जरूरी है। लेकिन कुछ संस्थान 50 से 60 प्रतिशत अंक की भी मांग करते हैं। कई संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला दिया जाता है।
बीबीएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज): यह भी तीन वर्षीय अंडरग्रेजुएट कोर्स है। कोर्स करने के बाद स्टूडेंट कॉरपोरेट सेक्टर की किसी भी कंपनी में प्रबंधकीय स्तर की नौकरी पा सकते हैं। अंग्रेजी विषय के साथ 60 प्रतिशत अंकों से किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास स्टूडेंट इस कोर्स में दाखिला पा सकते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देश के कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यह कोर्स संचालित हो रहा है।
बीएमएस (बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज): बीबीए की तरह ही यह भी अंडरग्रेजुएट मैनेजमेंट कोर्स है। कोर्स तीन साल की अवधि का है। दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में यह कोर्स संचालित हो रहा है, जिसमें किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास स्टूडेंट दाखिला ले सकते हैं। डीयू में इस कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं में गणित और अंग्रेजी विषय होना अनिवार्य है। आमतौर पर इस कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है।
बीबीई (बैचलर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स): इस अंडरग्रेजुएट मैनेजमेंट कोर्स में 60 प्रतिशत अंकों से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पास स्टूडेंट प्रवेश ले सकते हैं। यह कोर्स भी देश के विभिन्न मैनेजमेंट कॉलेजों में ऑफर हो रहा है।
बीएफआइए (बैचलर ऑफ फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट ऐंड एनालिसिस):12वीं के बाद यह तीन वर्षीय स्नातक स्तरीय प्रोफेशनल कोर्स है। बीएमएस, बीबीई की तरह बीएफआइए में भी मैनेजमेंट से जुड़े विषयों के बारे में जानकारी दी जाती है।
बीएचएम (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट): बीएचएम तीन से चार साल की अवधि का डिग्री कोर्स है। यह कोर्स पूरा करने के बाद पर्यटन और होटल प्रबंधन के क्षेत्र में नौकरी पाई जा सकती है। इस पाठ्यक्रम में भोजन और पेय उत्पादन, अतिथि सेवाओं, प्रबंधन, सूची प्रबंधन, स्टाफ प्रशिक्षण, फ्रंट ऑफिस संचालन आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं है। कई संस्थान प्रवेश के लिए अंग्रेजी विषय के साथ कम से कम 50 प्रतिशत अंकों से 12वीं मांगते हैं।
करियर संभावनाएं मैनेजमेंट कोर्सेज करने के बाद इस क्षेत्र में जॉब के लिए अनेक अवसर हैं। कई ऐसी प्रोफाइल की नौकरियां हैं, जहां करियर बनाया जा सकता है:
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ग्रेजुएशन के बाद कोर्स
एमबीए (फुलटाइम): एमबीए यानी मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन दो साल का लोकप्रिय कोर्स है, जिसमें स्टूडेंट्स को मैनेजमेंट के सभी विषयों में निपुण बनाए जाने के साथ ही किसी एक सब्जेक्ट का एक्सपर्ट बनाया जाता है। एमबीए रेगुलर कोर्स में प्रवेश के लिए आट्र्स, कॉमर्स या विज्ञान विषयों में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएशन होना जरूरी है। इसके साथ इस मैनेजमेंट प्रोग्राम में दाखिला पाने के लिए जरूरी कैट, मैट, सीमैट, स्नैप या जीमैट जैसी प्रवेश परीक्षाओं को पास करना जरूरी होता है। आइआइएम समेत प्रतिष्ठित बिजनेस संस्थानों में प्रवेश कैट के स्कोर के आधार पर होता है।
एमबीए (एग्जीक्यूटिव): एमबीए (एग्जीक्यूटिव) स्नातकोत्तर स्तरीय डिग्री कोर्स है, जो मुख्य रूप से वर्किंग प्रोफेशनल्स यानी पहले से कार्यरत अधिकारियों, प्रबंधकों, उद्यमियों या फिर व्यापार जगत से जुड़े लोगों को शिक्षित करने के लिए बनाया गया है। इस पाठ्यक्रम को करने के लिए न्यूनतम पात्रता यह है कि कैंडिडेट को स्नातक होने के साथ ही काम का अनुभव होना चाहिए। यह दो साल का कोर्स होता है।
पीजीडीबीएम: पीजीडीबीएम (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट) पीजी डिप्लोमा कोर्स है। एआइसीटीई द्वारा अप्रूव पीजीडीबीएम या पीजीडीएम कोर्स भी एमबीए के समकक्ष माना जाता है। इग्नू समेत देश के विभिन्न बिजनेस संस्थानों में यह कोर्स संचालित हो रहा है। 50 प्रतिशत अंकों से किसी भी स्ट्रीम में स्नातक उत्तीर्ण स्टूडेंट यह कोर्स कर सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
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मैनेजमेंट परीक्षाएं
कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट): यह देश की सबसे लोकप्रिय राष्ट्रस्तरीय प्रवेश परीक्षा है, जो किसी आइआइएम द्वारा हर साल आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर ही आइआइएम समेत दूसरे प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में प्रवेश दिया जाता है। कैट में शामिल होने के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट होना जरूरी है।
मैनेजमेंट एप्टिट्यूड टेस्ट (मैट): मैनेजमेंट संस्थानों में एमबीए प्रोग्राम में दाखिले के लिए यह प्रवेश परीक्षा हर साल चार बार (फरवरी, मई, सितंबर और दिसंबर में) आयोजित की जाती है। इसमें शामिल होने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसे ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन आयोजित कराता है।
एम्स टेस्ट फॉर मैनेजमेंट एडमिशन (एटीएमए): यह भी अखिल भारतीय स्तर की परीक्षा है, जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त है। करीब 100 एमबीए इंस्टीट्यूट्स में दाखिला इसके आधार पर होता है।
अन्य परीक्षाएं: आइबीएस एप्टिट्यूड टेस्ट (आइबीएसएटी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड (आइआइएफटी), सिम्बॉयोसिस नेशनल एप्टिट्यूड टेस्ट (एसएनएपी)।
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