यदि आप लोगों की देखभाल करना चाहते हैं एवं ट्रेनिंग के लिए समय देने को तैयार हैं, तो नर्सिंग में करियर आपके लिए बेस्ट करियर आप्शन हो सकता है. नर्सिंग हेल्थकेयर सेक्टर सर्वश्रेष्ठ पेशे में से एक माना जाता है. इस प्रकार आप नर्सिंग की डिग्री प्राप्त कर नर्स के तौर पर अपना करियर बनाने के लिए पढाई शुरू कर सकते हैं. नर्स कई अलग-अलग वातावरणों में काम करती हैं. नर्स एक पेशेवर के रूप में स्वास्थ्य देखभाल करती हैं. वे हेल्थकेयर सेक्टर के सुचारु कामकाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. नर्स आमतौर पर योग्य डॉक्टरों के साथ काम करती हैं. पीजी डिग्री वाली नर्सिंग पेशेवर, विशेषज्ञ, शिक्षक, प्रशासक आदि जैसी भूमिकाओं वाले पदों को भी प्राप्त कर सकती हैं.
हेल्थकेयर सेटअप मुख्य नियोक्ताओं में से एक हैं. नर्सों को इन हेल्थकेयर सेटअप्स में कार्य करते देखा जा सकता है:
- अस्पतालों (सरकारी और निजी)
- क्लीनिक
- निजी अस्पताल
- पुनर्वास क्लिनिक / केंद्र
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
- गैर सरकारी संगठन
इसके अलावा, ये सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य देखभाल पहल और योजनाओं में भी काम कर सकती हैं जिसके तहत टार्गेटेड समुदायों और ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया जाता है. पीजी डिग्री वाली नर्स नर्सिंग स्कूलों/संस्थानों में शिक्षकों के रूप में काम भी कर सकती हैं.
भारतीय नर्सें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूरोप, अमेरिका, खाड़ी देशों में भी जा रही हैं. वास्तव में, उन देशों में योग्य भारतीय नर्सों की भारी मांग है. विदेशों में वेतनमान भी बहुत ज्यादा दिया जाता है.
योग्यता एवं विशेषज्ञता के आधार नर्सिंग डिग्री वाले निम्न पदों को प्राप्त कर सकते हैं-
- मुख्य नर्सिंग अधिकारी
- सहायक नर्सिंग अधिकारी
- पुनर्वास विशेषज्ञ
- क्रिटिकल केयर नर्स
- चिकित्सकीय नर्स
- नर्स प्रबंधक
- शिक्षक/प्रशिक्षक/व्याख्याता
- सामुदायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ
एक अच्छी नर्स में निम्न गुण होते हैं या होने चाहिए -
- नर्स का स्वभाव दयालु होनी चाहिए. मरीजों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए.
- विषम परिस्थिति में काम करने की क्षमता होनी चाहिए.
- सहनशक्ति और किसी भी ब्रेक के बिना लंबे घंटों तक काम करने की क्षमता होनी चाहिए.
- धैर्य होना चाहिए. विभिन्न आयु समूहों (बच्चों, वयस्कों और आयु वर्ग के लोगों) से संबंधित मरीजों से निपटने में निपुण होना चाहिए.
- अच्छा संचार कौशल हो. मध्यवर्ती समन्वय और रोगी को शिक्षित करने में निपुण हों.
- नर्स को अनुशासित होना एवं कार्य पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए.
- नर्सिंग की दुनिया में होने वाली घटनाओं के साथ अपने आप को अप-टू-डेट रखने की इच्छा होनी चाहिए.
- मरीजों के अधिकारों के लिए हमेशा साथ खड़े होने की भावना अंदर होनी चाहिए.
शुरूआत यूं करें:
नर्स (परिचर्या) बनने के इच्छुक लोग विभिन्न स्तरों से इस की शुरूआत कर सकते हैं. आप सहायक नर्स मिडवाइफ/हेल्थ वर्कर (एएनएम) कोर्स से शुरू कर सकते हैं. इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि डेढ़ वर्ष है तथा न्यूनतम योग्यता है- 10वीं पास. इसके अलावा आप जनरल नर्स मिडवाइफरी (जीएनएम) कोर्स भी कर सकते हैं जो की साढ़े तीन वर्षो का होता है तथा इसके लिए न्यूनतम योग्यता है - 40 प्रतिशत अंकों के साथ भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान में 12वीं उत्तीर्ण.
ANM व GNM के अलावा देश भर में फैले हुए विभिन्न नर्सिंग स्कूलों व कॉलेजों से नर्सिंग में स्नातक भी किया जा सकता है. इसके लिए न्यूनतम योग्यता है- 45 प्रतिशत अंकों के साथ अंग्रेज़ी, भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान में 12वीं कक्षा उत्तीर्ण तथा आयु कम से कम 17 वर्ष. बीएससी नर्सिंग (बेसिक के पश्चात) पाठ्यक्रम के लिए आप दो वर्ष के रेगुलर कोर्स या त्रिवर्षीय दूरस्थ शिक्षा वाले पाठ्यक्रम में से किसी एक को चुन सकते हैं. रेगुलर कोर्स के लिए जहां न्यूनतम योग्यता है- 10+2+जीएनएम, वहीं दूरस्थ शिक्षा से यह कोर्स करने के लिए न्यूनतम योग्यता है- 10+2+जीएनएम+ दो वर्ष का अनुभव. यह पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग कोर्स ही आधुनिक माना जाता है.
भारतीय रक्षा सेवाओं द्वारा संचालित बीएससी (नर्सिंग) कोर्स के लिए 17 से 24 वर्ष की महिलाओं का चयन किया जाता है. यहाँ भी न्यूनतम योग्यता भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान तथा अंग्रेज़ी विषयों में 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं है. उम्मीदवार को एक लिखित परीक्षा भी पास करनी होती है. उसे शारीरिक रूप से भी फिट रहना चाहिए. चयनित लोगों को रक्षा सेवाओं के लिए पांच वर्ष का अनुबंध करना होता है.
किसी भी आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी प्राप्त करने के लिए GNM अथवा B.Sc. ही पर्याप्त होता है. प्रत्येक राज्य में नर्सों को रजिस्टर करने वाले अलग-अलग संगठन होते हैं. शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप अपने राज्य की नर्सिंग काउंसिल में अपना पंजीकरण करा सकते है. पंजीयन आपको जॉब प्राप्त करने में सहायता करता है.
नर्सिंग के बेसिक कोर्स के अलावा आप पोस्ट-बेसिक स्पेशियलिटी (एक-वर्षीय डिप्लोमा) कोर्स करके निम्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं:
- कार्डिएक थोरेकिक नर्सिंग
- क्रिटिकल-केयर नर्सिंग
- इमरजेंसी एवं डिजास्टर नर्सिंग
- नए-जन्मे बच्चे की परिचर्या (नियो-नेटल नर्सिंग)
- मस्तिष्क-संबंधी रोगों में परिचर्या (न्यूरो नर्सिंग)
- नर्सिंग शिक्षा एवं प्रशासन
- कर्क-रोग संबंधी नर्सिंग (ऑनकोलोजी नर्सिंग)
- ऑपरेशन-रूम नर्सिंग
- विकलांग चिकित्सा नर्सिंग
- मिड वाइफरी प्रैक्टिशनर
- मनोरोग परिचर्या (साइकैट्रिक नर्सिंग)
जो छात्र उच्चतम शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं वह एमएससी, एमफिल तथा पीएचडी भी कर सकते हैं.
रोज़गार के अवसर:
नर्स कभी भी बेरोजगार नहीं रहतीं हैं. इन्हें आसानी से सरकारी अथवा निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, आरोग्य निवास, विभिन्न अन्य उद्योगों एवं रक्षा सेवाओं में नौकरी मिल जाती है. इनके लिए इन्डियन रेड-क्रॉस सोसाइटी, इन्डियन नर्सिंग काउंसिल, स्टेट नर्सिंग काउन्सिल्स तथा अन्य नर्सिंग संस्थानों में भी कई अवसर हैं. यहाँ तक कि एएनएम कोर्स के बाद ही इन्हें सारे देश में फैले हुए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवक के रूप में नौकरी मिल जाती है.
नर्सें मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग स्कूलों में शिक्षण कार्य के अलावा प्रशासनिक कार्य भी कर सकती हैं. उद्यमी लोग अपना खुद का नर्सिंग ब्यूरो शुरू कर सकते हैं तथा अपनी शर्तों पर काम कर सकते हैं.
देश में ही उपलब्ध अपार अवसरों के अलावा नर्सें बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश भी जा सकती हैं जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग प्रमाणपत्र प्राप्त करना होता है तथा सम्बंधित देश में प्रवास की कुछ शर्तों का पालन करना होता है. स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता की वजह से इस क्षेत्र में रोज़गार के अवसर पहले से कहीं ज्यादा हैं. आज ज्यादा से ज्यादा अस्पताल एवं नर्सिंग होम स्थापित हो रहे हैं. सरकार भी अपनी तरफ से नर्सिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. सरकार ने अभी हाल ही में 130 एएनएम तथा इतने ही जीएनएम स्कूल स्थापित करने की योजना बनायी है. इसके अलावा राज्यों की नर्सिंग काउंसिल व नर्सिंग सेल को मजबूत बनाने की भी योजना है. इन योजनाओं में देश भर में नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करना भी शामिल है.
सरकार ने तो अस्पतालों को बिना स्नातक कोर्स संचालित किये एमएससी कोर्स चलाने की भी अनुमति दे दी है. नर्सिंग कॉलेजों में दाखिले की न्यूनतम योग्यताओं में भी ढील दी गयी है जिससे कि अब विवाहित महिलाएं भी इसमें प्रवेश पा सकें.
वेतनमान:
इस क्षेत्र में शुरूआती तौर पर आपको 7 से 17 हज़ार रूपये तक मासिक वेतन मिल सकता है. मिड-लेवल पदों पर नर्सें 18 से 37 हज़ार रूपये प्राप्त कर लेती हैं. अधिक अनुभवी नर्सों को 48 से 72 हज़ार रूपये तक भी मासिक वेतन के रूप में मिल सकते हैं. यूएस, कनाडा, इंग्लैण्ड व मध्य-पूर्व के देशों में रोज़गार पाने वाली नर्सों को इससे भी अधिक वेतन मिलता है.
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