पॉज़िटिव इंडिया: जीतने के लिए क्या है ज़रुरी – किस्मत या मेहनत?

Mar 25, 2020, 16:01 IST

सफल लोगों  के लिए लोग अक्सर कह देते हैं कि उनकी तो किस्मत अच्छी है. क्या आप भी यही मानते हैं? आखिर जीवन में सफलता के लिए क्या ज़रुरी है - किस्मत या मेहनत? आइये पूछते हैं शिव खेड़ा से. 

Positive India: Know from Shiv Khera what is necessary – Luck or Hard work?
Positive India: Know from Shiv Khera what is necessary – Luck or Hard work?

बहुत से लोग असफ़ल होने या हार जाने पर अपनी किस्मत को कोसते हैं और जब अपने आस-पास सफल लोगों से मिलते हैं तो अक्सर यही सोचते हैं कि इनकी किस्मत बड़ी अच्छी है जो ये लोग अपनी फील्ड में एक कामयाब इंसान हैं. लेकिन क्या यही वास्तविकता है?. दरअसल, सिर्फ भाग्यवादी लोग ही अपनी किस्मत की दुहाई देते हैं. जब हम अपने जीवन में किसी लक्ष्य को पाने के लिए कठोर श्रम करते हैं तो हमारे विचार तो पॉज़िटिव बनते ही हैं हमारे सारे कर्म और प्रयास भी पॉज़िटिव होने लगते हैं. ऐसे में, चाहे हमारे जीवन में कितने ही संकट आयें हम उनसे घबराये बिना लगातार अपना कठोर परिश्रम जारी रखते हैं और जिसके फ़लस्वरूप हम अपने करियर गोल्स या अन्य लक्ष्य पाने में कामयाब हो जाते हैं और तब हमारी किस्मत भी हमारा साथ देती है. इसलिए, अब जब कभी आप किसी कामयाब इंसान से मिलें तो यह ज़रुर ध्यान रखना कि इस इंसान ने खूब मेहनत करके सफलता हासिल की है और फिर, इसकी किस्मत ने इसका साथ दिया है.  

मार्शल आर्ट के लीजेंड ब्रूस ली ने पाई कठोर मेहनत से अपने जीवन में सफलता

जब कभी हमें अपने जीवन में बहुत निराशा और चुनौतियां महसूस होती हैं और हमें ऐसा लगता है कि जो लोग अपने जीवन में कामयाब हैं, वे ज़रुर बहुत किस्मत वाले होंगे तो हमें एक बार उनके जीवन में झांक कर ज़रुर देखना चाहिए. जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं मार्शल आर्ट के लीजेंड ब्रूस ली के बारे में . शिव खेड़ा ने ब्रूस ली का परिचय देते हुए यह बताया है कि दुनिया में मार्शल आर्ट के सबसे बड़े लीजेंड अगर कोई हैं तो वे ब्रूस ली हैं. उनकी एक टांग दूसरी टांग से 1 इंच छोटी थी. इतना ही नहीं, ब्रूस ली की आई-साइट का नंबर – 10 तक था. ब्रूस ली बिना लेंसेस के अपने ओपोनेंट्स को ठीक से देख नहीं पाते थे. फिर भी वे रोज़ाना 5 हजार पंचेस (मुक्केबाजी) की प्रैक्टिस करते थे. ब्रूस ली ने एक बार यह भी कहा था  कि, ‘मुझे उससे डर नहीं लगता जिसे किक करने के 10 हजार तरीके आते हैं, मुझे उससे डर लगता है जिसे किक मारने का सिर्फ 1 तरीका आता है लेकिन उसने अपने इस 1 तरीके की प्रैक्टिस 10 हजार बार की है. ऐसा आदमी खतरनाक साबित हो सकता है.

इन खास टिप्स से पायें अपने जीवन में सफलता

विश्व प्रसिद्ध तैराक माइकल फेल्प्स ने कठोर मेहनत से बदल दी अपनी किस्मत

अब आप एक अन्य उदाहरण देखें. वर्ष 2008 की ऑलम्पिक गेम्स से 2 साल पहले विश्व प्रसिद्ध तैराक माइकल फेल्प्स के हाथ फ्रैक्चर हो गया था. उन्होंने बीजिंग में वर्ष 2008 में कुल 8 गोल्ड मेडल जीते थे और माक्स पिच का 36 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था. फेल्प्स के डॉ. ने उन्हें पानी में जाने से ही मना कर दिया था. लेकिन फेल्प्स अपना 10 साल का ऑलम्पिक्स में चैंपियन बनने का सपना साकार करने में जी-जान से जुट गए. उन्होंने 2 साल बड़ी कठोर प्रैक्टिस की और अपनी इसी कठोर मेहनत और प्रैक्टिस के दम पर माइकल फेल्प्स ने 2008 बीजिंग ऑलम्पिक में कुल 8 गोल्ड मेडल जीते. उनमें से 1 गोल्ड मेडल फेल्प्स को 100 मीटर बटरफ्लाई स्ट्रोक में मिला जिसमें वे सेकंड स्थान पर आने वाले अपने प्रतिभागी से केवल 1 सेकंड के 100वें हिस्से से आगे थे. ऐसे में जब एक रिपोर्टर ने फेल्प्स को ‘किस्मत का धनी’ बताया तो फेल्प्स को बड़ा सटीक जवाब दिया कि पिछले 4 वर्षों में उन्होंने इस इवेंट के लिए 10 हजार घंटे प्रैक्टिस की है जिसका सीधा-सा अर्थ है – रोज़ाना 8 घंटे की प्रैक्टिस (संडे को मिलाकर). अब आप खुद ही समझ सकते हैं कि कैसे हमारी कठोर मेहनत हमारी किस्मत बदल देती है.

करियर में कामयाबी के लिए ग्रेजुएट्स जरुर सीखें ये स्किल्स

हरेक कॉम्पीटिशन जीतने के लिए एथलीट्स करते हैं रोज़ाना कठोर मेहनत  

शिव खेड़ा ने हमें अपने जीवन में केवल किस्मत के भरोसे कामयाबी हासिल करने के बजाय कड़ी मेहनत करने के बारे में परामर्श देते हुए यह समझाया है कि, एथलीट्स 15 सेकंड की परफॉरमेंस के लिए 15 सालों तक तैयारी करते हैं. आप उनकी जिंदगी या डेली रुटीन देखकर यह फैक्ट अच्छी तरह समझ सकते हैं. इसलिए, वास्तव में कड़ी मेहनत के बिना और सिर्फ किस्मत के बल पर हमें कुछ हासिल नहीं हो सकता है. 

केवल भाग्यवादी ही देते हैं किस्मत की दुहाई

अगर अभी भी हमें अपने जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करने के बारे में कोई संशय है तो हमारे इस भ्रम को शिव खेड़ा ने यह कह कर दूर करने का सफल प्रयास किया है कि, केवल भाग्यवादी मनुष्य ही अपनी किस्मत की दुहाई देते हैं. दरअसल, भाग्यवादी अपने जीवन में मेहनत नहीं करते हैं और कहते हैं कि भाग्य से मिला है सब या फिर, भाग्य ने जिता दिया. दरअसल, जो भाग्यवादी होते हैं खुद अपने जीवन में कभी कुछ करते नहीं हैं और सिर्फ अपनी किस्मत के सहारे जीवन की प्रत्येक बाज़ी जीतने के सपने देखते रहते हैं. इसलिए, अगर आप अपने जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं तो तुरंत कड़ी मेहनत करना शुरू कर दें.....सही समय या किसी सुअवसर पर किस्मत खुद ही आपका दामन थाम लेगी.

किस्मत या मेहनत? | Shiv Khera | Safalta Ki Raah Par | Episode 2

इस श्रृंखला में अगली बार हम शिव खेड़ा से जानेंगे कि कैसे हम अंधविश्वास छोड़कर अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं. हमारे साथ अपने विचार ज़रुर साझा करें. हम जल्दी लौटेंगे इस श्रृंखला की अगली कड़ी के साथ.

Anjali is an experienced content developer and Hindi translator with experience in a variety of domains including education and advertising. At jagranjosh.com, she develops Hindi content for College, Career and Counselling sections of the website. She is adept at creating engaging and youth-oriented content for social platforms. She can be contacted at anjali.thakur@jagrannewmedia.com.
... Read More

आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

Trending

Latest Education News