महिला सशक्तिकरण में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका

Oct 4, 2018, 14:24 IST

अपने  प्रयासों के माध्यम से बैंकिंग क्षेत्र महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बैंकों ने महिलाओं को वित्तीय समावेशन और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है जिस कारण उन्हें भारतीय समाज में सामाजिक-आर्थिक समानता प्राप्त करने में मदद मिली है।

Role of Banking Sector in Women Empowerment
Role of Banking Sector in Women Empowerment

महिला सशक्तिकरण एक ऐसा महत्वपूर्ण मुद्दा है जो पिछले कुछ वर्षों से सुर्खियों में बना हुआ है। कई सरकारी योजनाओं और नीतिगत निर्णयों के बावजूद, भारत में महिलाएं  अभी भी शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के मामले में समान अवसरों से वंचित हैं। हालांकि, विशेषकर शहरी केंद्रों में इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं । लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अभी भी कई तरह के लाभों से वंचित हैं। कई सामाजिक विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आर्थिक स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना होगा ताकि महिलाओं को समाज में समान अवसर मिल सके। हम सभी जानते हैं कि एक सही समाज के निर्माण में महिलाएं बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिकाएं अदा करती हैं। सामाजिक रूप से महिलाओं के सशक्तिकरण में उनसे जुड़े आर्थिक मुद्दे भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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 बैंक और महिला सशक्तिकरण

बैंकों को भारतीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक स्तंभों में से एक माना जाता है, इसलिए जब महिलाओं के सशक्तिकरण की बात आती है तो बैंकों की भूमिका अहम हो जाती है। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की उपस्थिति देश के दूरस्थ कोनों में भी उपलब्ध हैं। ये बैंक पारंपरिक रूप से महिलाओं की वित्तीय बचतों और जरूरतों को पूरा करने में उन्हें सहायता प्रदान करते हैं। बैंकों ने हमेशा भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की वित्तीय भागीदारी बढाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चाहे वह आजीविका या आय के स्थिर स्त्रोत के रूप में हो या बेहद कम आयु में शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने में वित्तपोषित योजनाए ही क्यों ना हों । सभी प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया है। बैंकों द्वारा महिलाओं को वित्तीय सहायता और ऋण योजनाओं में विशेष रियायती दरों पर ब्याज भी दिया जाता है। बैंकों द्वारा तनाव मुक्त ऋण नियमों की भी घोषणा की गयी है।

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सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा सभी अच्छे प्रयास करने के बावजूद भी महिलाएं अभी भी सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाओं के कारण बैंकिंग सेवाओं से दूर हैं। इन बाधाओं के कारण महिलाएं बैंकों से सेवाओं नहीं ले पाती हैं। अगर हम बैंकिंग क्षेत्र में महिलाओं के बारे में तुलनात्मक आंकड़ों पर नजर डालते हैं तो यह एक निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। देश में कुल परिचालन बैंक खातों में महिलाओं का योगदान केवल 24 फीसद है और कुल जमा राशि में केवल 24% ही महिलाओं का योगदान है। बैंकिंग क्षेत्र में महिलाओं की इस तरह की भागीदारी को निश्चित रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। खासकर तब, जब ऋणों की आपूर्ति की जा रही हो। केवल 12 फीसदी व्यक्तिगत ऋण खाते ही महिलाओं से संबंधित हैं, जो स्पष्ट रूप से दो बैंकिग सेवाओं के उपयोग के बीच लिंगभेद की असमानता को प्रदर्शित करते हैं।

भारतीय महिला बैंक – महिलाओं के आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु सार्थक कदम !

भारत सरकार ने बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठाने के क्रम में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से (विशेष रूप से ग्रामीण भारत में) नवंबर 2013 में एक बड़ा कदम उठाया। सरकार ने पूरी तरह से महिलाओं को समर्पित देश के प्रथम महिला बैंक की स्थापना की। भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) की स्थापना के साथ एक नए युग बैंकिंग सेवा क्षेत्र की शुरूआत हुई। बीएमबी मुख्य रूप से महिलाओं और महिलाओं के स्व-सहायता समूह (एसएचजी) के लिए वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराता था। इसके अलावा महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाना भी बीएमबी का उद्देश्य था। बीएमबी का एक अनूठा आदर्श वाक्य है 'महिलाओं को सशक्त बनाना, भारत का सशक्तिकरण (इम्पावरिंग वुमेन, इमपावरिंग इंडिया)', जो स्पष्ट रूप से इस संगठन के पीछे की मंशा को जाहिर करता है। हलाकि 31 मार्च 2017 को भारतीय महिला बैंक का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय कर दिया गया। स्थिति में निश्चित रूप से सुधार हो रहा है, लेकिन उस मुकाबले में नहीं हो रहा है जैसा भारतीय अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बराबर भागीदारी और महिलाओं के योगदान को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।

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तथापि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने नवंबर 2016 में भारतीय महिला बैंक के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में विलय को मंजूरी दी।

नीचे, हम उन सभी प्रमुख महिला केंद्रित बैंकिंग योजनाओं का उल्लेख कर रहे हैं जिनका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और सक्षम बनाना है:

बैंक का नाम

योजना का नाम

योजना का वर्णन

पंजाब नेशनल बैंक

पीएनबी महिला उद्यम निधि योजना

छोटे और लघु स्तर के क्षेत्रों तथा उन उद्योंगो को वित्तीय सहायता प्रदान करना जिन पर मालिकाना हक महिलाओं का है और इसे महिलाओं द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है।

पीएनबी महिला समृद्धि योजना

सिलाई की दुकानों, बुटीक, दूरसंचार एजेंसियों, ब्यूटी पार्लर, और इंटरनेट ब्राउज़िंग केन्द्रों जैसी छोटी व्यापार इकाइयों के लिए वित्तीय ढांचागत खरीद।

क्रेच के लिए वित्त पोषण की योजना

क्रेच विकास के लिए वित्तीय उपकरणों की खरीद; स्टेशनरी, रेफ्रिजरेटर और पानी फिल्टर, आदि की खरीद में मदद करना।

पीएनबी कल्याणी कार्ड स्कीम

 ग्रामीण/अर्द्ध ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली साक्षर और निरक्षर दोनों प्रकार की महिलाओं को कृषि गतिविधियों/ खेत संबंधी/ गैर-कृषि गतिविधियों के लिए कार्यशील पूंजीगत ऋण प्रदान करता है। इसमें किसान, भूमिहीन श्रमिक, कृषि मजदूर, किरायेदार किसान, फसलों के हिस्सेदार, पट्टेदार किसान आदि शामिल हैं।

पीएनबी महिला सशक्तिकरण अभियान

महिलाओं को गैर-प्राथमिक क्षेत्र में 0.25% की और प्राथमिक क्षेत्रों में 0.50% की अग्रिम कम ब्याज दरों पर ऋण की पेशकश करता है।

पंजाब एंड सिंध बैंक

पी एंड एस बैंक उद्योगिनी स्कीम

प्रत्यक्ष कृषि गतिविधियों, लघु एसएसआई उद्योग इकाइयों, व्यापार उद्यमों, खुदरा व्यापारियों, पेशेवर रोजगार और स्व रोजगार प्रशिक्षण के लिए उदारवादी शर्तों पर महिला उद्यमियों को ऋण प्रदान करता है।

ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स

पेशेवर और स्व-कार्यरत महिलाओं (सेल्फ इम्पलॉयड) के लिए योजना

महिलाओं को अचल संपत्तियों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता और दीर्घकालिक ऋण प्रदान करता है

ब्यूटी पार्लर्स / बुटिक्स / सेलून्स और टेलरिंग के लिए योजना

छोटे पैमाने पर व्यवसायिक इकाइयों को उपकरणों / मशीनों / फर्नीचर और दुकान आदि की खरीद के लिए वित्तीय सहायता की पेशकश की जाती है।

ओरियंटेड महिला विकास योजना

महिला उद्यमियों को आवश्यक-आधारित ऋण प्रदान किए जाते हैं।

देना बैंक

महिला उद्यमियों के लिए देना शक्ति योजना

कृषि और उससे संबंधित व्यवसाय, लघु उद्योग, खुदरा व्यापार, सूक्ष्म ऋण, शिक्षा तथा आवास से संबंधित योजनाओं के लिए महिला उद्यमियों को वित्तपोषण योजनाएं प्रदान करता है।

बैंक ऑफ बड़ौदा

अक्षय महिला  आर्थिक सहायता  योजना

खुदरा व्यापार और कृषि क्षेत्रों में काम करने वाली महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

आंध्रा बैंक

महिलाओं के लिए म्युचुअल क्रेडिट गांरटी योजना

खुदरा क्षेत्र के अपवाद के साथ समानांतर सुरक्षा के बगैर महिला उद्यमियों को  1 लाख रुपये तक की ऋण सुविधा प्रदान करता है।

स्टेट बैंक

स्त्री शक्ति पैकेज

उन व्यावसायिक इकाइयों को विशेष रियायतें और विशेषाधिकार प्रदान करता है जिसमें महिला उद्यमियों को शेयर पूंजी का हिस्सा 50% से अधिक है।

एसआईडीबीआई

महिलाओं के लिए मार्केटिंग फंड

घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित उत्पादों के विपणन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

भारतीय महिला बैंक

बीएमबी श्रीनगर

महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर / सैलून / स्पा स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करता है।

बीएमबी अन्नपूर्णा योजना

महिला उद्यमियों को खाद्य खानपान व्यवसाय स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करता है।

बीएमबी किचन मॉडनाईजेशन लोन

रसोईघर के नवीकरण और रसोई इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, रसोई के फर्नीचर और बर्तन आदि की खरीद के लिए गृहिणियों / कामकाजी महिलाओं को ऋण की सुविधाएं प्रदान करता है।

बीएमबी परवरिश

चाइल्ड केयर सेंटर खोलने पर बर्तनों, उपकरणों आदि की खरीद के लिए महिलाओं को ऋण प्रदान करता है।

बीएमबी एएएमई ईजी

महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाली एसएमई व्यवसाय इकाइयों को रियायती दरों पर ऋण प्रदान करता है।

बीएमबी लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी

21 से 70 आयु वर्ग की महिला उद्यमियों को लोन अंगेस्ट प्रॉपर्टी में रियायती ब्याज दरों पर लोन प्रदान करता है।

करूर वैश्य बैंक

केवीबी महिला स्वर्ण लोन

सोने / हीरे के गहने / चांदी के सामान की खरीद के लिए कामकाजी महिलाओं को रियायती ब्याज दरों पर किस्त ऋण (इंस्टॉलमेंट लोन) दिया जाता है।

बैंक ऑफ इंडिया

स्टार महिला गोल्ड लोन स्कीम

प्रतिष्ठित ज्वैलर्स / या बैंक ऑफ इंडिया से सोने के सिक्के, हॉलमार्क ज्वैलरी,  सोने के गहने खरीदने के लिए कामकाजी / गैर- कामकाजी महिलाओं को बैंक ऋण सुविधा प्रदान करता है।

उपरोक्त तालिका के आधार पर यह स्पष्ट है कि सभी प्रमुख बैंकों, विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने महिला सशक्तिकरण के लिए लक्षित नीतियों को लागू करना शुरू कर दिया है। इसमें कई महत्वपूर्ण महिला केंद्रित बैंक शामिल हैं और केवल महिलाओं को ही वित्तीय योजनाएं प्रदान करते हैं। बैंकिंग सेवाओं के विस्तार से ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाधिक विकास हुआ है।

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