जिन देशों में इंग्लिश लैंग्वेज को प्रमुख कम्युनिकेशन लैंग्वेज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे देशों में जो लोग पढ़ना या काम करना चाहते हैं, उन्हें अपनी भाषा दक्षता अर्थात लैंग्वेज प्रोफिशियेंसी साबित करने के लिए दी इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS) एग्जाम जरुर पास करना पड़ता है. इस एग्जाम में नाइन-स्केल के माध्यम से नॉन यूजर (बेंड स्कोर 1) से एक्सपर्ट (बेंड स्कोर 9) तक लोगों की लैंग्वेज प्रोफिशियेंसी की पहचान की जाती है. इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ खास टिप्स और ट्रिक्स पेश कर रहे हैं जो आपको IELTS में सफलता दिलवाने में काफी सहायक साबित होंगे. इस एग्जाम के कुल 4 सेक्शन्स - रीडिंग, लिसनिंग, स्पीकिंग और राइटिंग - होते हैं जिनसे आपकी इंग्लिश लैंग्वेज में प्रोफिशियेंसी साबित होती है. IELTS में अच्छे मार्क्स लाने के लिए आपको इन चारों ही सेक्शन्स में बहुत अच्छा प्रदर्शन करना होगा जिसके लिए हम इस आर्टिकल में आपके लिए कुछ असरदार टिप्स एंड ट्रिक्स पेश कर रहे हैं. इसलिए, आप इस आर्टिकल को बड़े ध्यान से पढ़ें और IELTS में अच्छे मार्क्स लाने के लिए ये सभी टिप्स एंड ट्रिक्स जरुर फ़ॉलो करें:
रीडिंग सेक्शन में सफ़ल होने के टिप्स
आपको सलाह दी जाती है कि क्वेश्चन में उल्लिखित शब्दों के बजाय उनसे मिलते-जुलते या समान शब्दों का प्रयोग करें. एग्जाम के आखिर में समय के अभाव से बचने के लिए प्रत्येक पैसेज के बाद अपने आंसर सीधे आंसर शीट में प्रस्तुत कर दें. जब आप कोई पैराग्राफ पढ़ते हैं तो उसी समय उसके आंसर लिखने की कोशिश करें. इससे आपका काफी समय बच जाएगा. आपको अपनी रीडिंग स्पीड में सुधार लाने के लिए रीडिंग से संबद्ध किताबों और आर्टिकल्स से काफी महत्वपूर्ण टिप्स मिल जायेंगे. टेक्स्ट पढ़ने से पहले पूछे गए प्रश्नों पर एक नजर डाल लें. ऐसा करते समय, खास शब्दों जैसे, कब, कहां, क्यों, कैसे, कौन, कितने आदि का पूरा ध्यान रखें.
राइटिंग सेक्शन में सफ़ल होने के टिप्स
लंबे पैसेज नहीं लिखें. लोग अक्सर एग्जाम शुरू होने पर राइटिंग सेक्शन में अपना काफी समय बरबाद कर देते हैं. लंबे निबंध लिखने में अपना ज्यादा समय लगाएं. जब आप अपना आर्टिकल लिख लें और अगर आपके पास कुछ समय बचता है तो आप रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाले शब्दों को कुछ रोचक समानार्थी शब्दों से बदल दें ताकि आपके एग्जामिनर को आपकी लैंग्वेज स्किल्स का अनुमान लग सके. सही और आसान वाक्य लिखना ही काफी नहीं है बल्कि हो सके तो कुछ भी लिखते समय बार-बार एक ही शब्द का प्रयोग करने के बजाय, एक जैसे अर्थ के विभिन्न शब्दों का इस्तेमाल करें. अच्छे मार्क्स लाने में विराम चिन्हों का सही उपयोग करना भी काफी महत्वपूर्ण होता है. लिखने का अभ्यास करने से पहले अच्छा हो अगर आप विराम चिन्ह जैसे ग्रामर के विषयों की बेसिक जानकारी को एक बार फिर अच्छी तरह पढ़ लें. आपको यह भी सलाह दी जाती है कि पढ़ते समय बढ़िया स्टडी मेटीरियल का इस्तेमाल करें और एग्जाम पैटर्न को अच्छी तरह समझने के लिए दिये गए उदाहरणों को अच्छी तरह समझें.
स्पीकिंग सेक्शन में सफ़लता पाने के टिप्स
आप इस बात को अच्छी तरह समझ लें कि इंग्लिश बोलने की आपकी काबिलियत का इससे सीधा संबंध है. अगर आप समझ में आने लायक साफ इंग्लिश नहीं बोल सकते हैं तो आपके लिए अच्छी इंग्लिश बोलना सीखने का सबसे बेहतर तरीका यह रहेगा कि आप रोजाना इंग्लिश भाषा में बातचीत/ कन्वर्सेशन सुनें. आप इसके लिए रेडियो, टीवी में इंग्लिश न्यूज़ सुन सकते हैं या इंग्लिश में लिखे डायलॉग्स ऊंची आवाज में पढ़ सकते हैं. इससे आपकी इंग्लिश बोलने की क्षमता में धीरे-धीरे काफी सुधार हो जाएगा. अगर आपके किसी दोस्त ने IELTS एग्जाम पास कर लिया है तो आप अपने उस दोस्त के साथ मिलकर आने वाले एग्जाम के लिए कुछ टॉपिक्स की प्रैक्टिस कर सकते हैं. अपने दोस्त को एग्जामिनर मानकर और खुद कैंडिडेट बनकर आप स्पीकिंग प्रैक्टिस कर सकते हैं और फिर, विभिन्न विषयों पर बोलने की आप काफी अच्छी प्रैक्टिस कर सकते हैं. बोलते समय आपकी आवाज या टोन सामान्य होनी चाहिए और ऐसा लगना चाहिए कि आप अपनी रोजाना की जिंदगी में किसी व्यक्ति से बात कर रहे हैं. आप बोलते समय विभिन्न शब्दों का इस्तेमाल करें और बोलते समय अपने शब्दों के उच्चारण और एक्सप्रेशन का भी पूरा ध्यान रखें.
प्रॉपर लिसनिंग स्किल्स भी हैं जरुरी
आप इंग्लिश भाषा में न्यूज़, कन्वर्सेशन या सॉन्ग्स सुनने की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें. टेस्ट के इस हिस्से में, जो व्यक्ति बोल रहा होता है, उसकी बोलने की स्पीड धीरे-धीरे बढ़ती रहती है और इसलिये आपको स्पीकर को बड़े ध्यान से सुनना होता है. स्पीकर को निरंतर ध्यान से सुनें और जो कुछ उसने कुछ सेकंड पहले बोला है, उसे याद करने की कोशिश न करें. स्पीकर के बोलने के साथ-साथ ही उसे सुनते रहने की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करें. आप जितनी अधिक लिसनिंग प्रैक्टिस करेंगे, उतनी अधिक आपकी सुनने की क्षमता बढ़ेगी.
अपने इंग्लिश लैंग्वेज स्किल्स को क्रम से, लगातार धीरे-धीरे बढ़ाते रहें और IELTS एग्जाम में अच्छे मार्क्स प्राप्त करने के लिए इस एग्जाम के हरेक सेक्शन को प्राथमिकता दें. ऐसा करने पर, एक दिन आपका विदेश जाने का सपना जरुर साकार हो जाएगा.
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