UP Board कक्षा 10वीं तथा 12वीं दोनों ही कक्षाओं के एग्जाम खत्म हो चुके हैं. यह एक ऐसा समय होता है जब बच्चे एग्जाम से लेकर रिजल्ट आने के समय तक बहुत तनाव महसूस करते हैं. इन दिनों अभिभावकों का भी यह सोचना होता है कि हमारा बच्चा टॉप करे और अच्छे अंक प्राप्त करे.
परन्तु अभिभावक ही उन्हें एग्ज़ाम और रिजल्ट के इस तनाव से बाहर निकाल सकते हैं, अपना व्यवहार उनकी तरफ थोड़ा सा बदलकर, उनसे दोस्ताना बातचीत करके अर्थात उनका आत्मविश्वास बढ़ाना इस समय बहुत आवशयक होता है.
भारत में आत्महत्या की दर सबसे ज्यादा 15 से 29 साल की उम्र के लोगों की है. कुछ समय पहले किए एक सर्वे के अनुसार भारत के 66% छात्रों ने माना कि उनके माता-पिता उनपर अच्छे नंबर लाने के लिए दबाब डालते हैं और इस प्रकार के दबाव के कारण कई बच्चे तनाव में आकर आत्महत्या कर लेते हैं.
पढ़ाई में कैसे नहीं लगेगा मन, अपनाएं ये 5 तरीके
औसत या अपेक्षा के अनुरूप अच्छा स्कोर नहीं करने वाले छात्रों के अभिभावकों को ऐसा प्रतीत होता है की उनका बच्चा कुछ अच्छा आगे कर ही नहीं सकता तथा इसका दबाव वह जाने अनजाने में अपने बच्चों पर भी डालने लगते हैं. जिस कारण छात्रों का मनोबल भी कमज़ोर होने लगता है.
अभिभावक भूल जाते हैं कि कुछ समय के बाद इन मार्क्स का कोई महत्व उनके बच्चे के जीवन में नहीं रहेगा. महत्व रहेगा तो केवल इस बात का की उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा प्राप्त कर क्या सीखा, वह कितने अच्छे इन्सान बन पाए.
तो सबसे बड़ी सलाह छात्रों तथा अभिभावकों के लिए यह है कि यदि आपके अपेक्षा के प्रति आपका रिजल्ट ना भी आये तो हताश और परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं. बोर्ड रिजल्ट या एग्जाम आपके जीवन का कोई आखरी एग्जाम नहीं है, अभी आपको बहुत आगे बढ़ना है और बहुत कुछ करना है. तो पुरे आत्मविश्वास के साथ अपने आने वाले रिजल्ट के दोनों ही पहलुओं के लिए तैयार रहें तथा रिजल्ट के माध्यम से सीख प्राप्त करें कि आपने कहाँ गलती की थी और उसे सुधार कर आगे बढ़ें.
अभिभावकों के लिए ख़ास सलाह:
1. अभिभावक अपने बच्चों पर अभी से रिजल्ट का तनाव देना बंद करें, यदि आपके बच्चे का कोई पेपर उनकी अपेक्षा के प्रति ख़राब गया है तो समझाएं की रिजल्ट मेहनत से फिर सुधारा जा सकता है. उनके साथ दुसरे बच्चों की तुलना बिलकुल ना करें.
2. बच्चों पर एग्जाम के समय या एग्जाम के बाद कभी अच्छे मार्क्स लाने का दबाव ना डालें. उन्हें सही तरीके से आगे बढ़ने के लिए परोत्साहित करते रहें.
3. सभी अभिभावक की इच्छा होती है कि उनका बच्चा परीक्षा में अच्छा स्कोर करे, इसमें कुछ गलत भी नहीं है. लेकिन इस बात को लेकर अपने बच्चे पर अनावश्यक दबाव बनाना भी सही नहीं है. इससे बच्चों का धैर्य खोने लगता है. इस बात का खास ख्याल रखें कि यह समय बच्चों का साथ देने का होता है ना कि उन पर प्रेशर डालने का.
4. बच्चों को समझाएं की परीक्षा में जो भी नंबर आएं वह परेशान ना हों और आगे इससे ज्यादा मेहनत से पढ़ाई करें. उन्हें यह समझाएं कि किसी न किसी रूप में परीक्षाएं तो चलती रहेंगी. इनसे घबराना नहीं चाहिए.
शुभकामनाएं!!
ज़रूर जाने ये बातें अगर आप नए अकादमिक वर्ष में अगली कक्षा में ले रहे हैं प्रवेश
Comments
All Comments (0)
Join the conversation