बेशक ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ जीने के लिए इंसान की 3 बेसिक नीड्स हैं, जिनमें से एक नीड की कमी होने पर भी हमारा जीवन संकट में पड़ जाता है. स्वस्थ तन-मन के लिए हेल्दी डाइट के महत्व को अब दुनिया-भर में सभी लोग अच्छी तरह समझने लगे है. इसलिए, भारत सहित दुनिया-भर में डायटीशियन्स और न्यूट्रीशियंस की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है. भारत सरकार, भारत के विभिन्न राज्यों की सरकारें इन दिनों समय-समय पर कई हेल्थ मिशन्स शुरू करती हैं जिस वजह से सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों में डायटीशियन्स और न्यूट्रीशियंस के लिए बेहतरीन करियर स्कोप है.
डायटीशियन्स दरअसल, इच्छुक लोगों और रोगियों को उनकी हेल्थ, लाइफस्टाइल, उम्र, एलर्जी और खाने-पीने की पसंद के मुताबिक उपयुक्त खान-पान के बारे में जरुरी और महत्त्वपूर्ण सलाह देते हैं. ये प्रोफेशनल्स हॉस्पिटल्स, क्लिनिक्स, हेल्थ सेंटर्स, स्पोर्ट्स सेंटर्स या प्राइवेट क्लिनिक्स में पेशेंट्स (डायबिटीज, फ़ूड एलर्जीज और गेस्ट्रो-इंटेस्टाइनल डिसऑर्डरर्स और अन्य किसी मेडिकल कंडीशन वाले) और क्लाइंट्स की डाइट की प्लानिंग, मॉनिटरिंग और सुपरविजन करते हैं. आइये इस आर्टिकल को पढ़कर जानते हैं भारत में डायटीशियन्स के लिए करियर स्कोप के बारे में विस्तृत जानकारी.
आखिर कौन होते हैं ये डायटीशियन्स?
एक डायटीशियन का प्रमुख काम अपने पेशेंट्स और क्लाइंट्स की न्यूट्रीशनल और कैलोरी से संबद्ध नीड्स के मुताबिक, उनकी डाइट को प्लान करना, मॉनिटर करना और सुपरवाइज करना होता है ताकि उनके पेशेंट्स जल्दी से जल्दी रोगमुक्त हो सकें और क्लाइंट्स की हेल्थ कायम रहे. आसान शब्दों में, ये पेशेवर फ़ूड और न्यूट्रीशंस का हमारी हेल्थ पर जो प्रभाव पड़ता है, उससे संबद्ध सभी मामलों की देख-भाल करते हैं. इस पेशे के लिए उपयुक्त ऑथोरिटी/ गवर्निंग बॉडी से प्रोफेशनल लाइसेंस लेना आवश्यक है.
भारत में डायटीशियन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया जरुरी क्वालिफिकेशन
- डिप्लोमा कोर्सेज –न्यूट्रीशन एंड हेल्थ एजुकेशन, डायटेटिक्स, न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स, फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रीशन, डायटेटिक्स एंड क्लिनिकल न्यूट्रीशन, न्यूट्रीशन एंड फ़ूड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्सेज 2 – 3 वर्षों में पूरे होते हैं. हरेक इंस्टीट्यूट अपने यहां कोर्स की अवधि खुद निर्धारित करता है. कुछ इंस्टीट्यूट्स डिस्टेंस एजुकेशन कोर्स फॉर्मेट में भी डिप्लोमा कोर्स ऑफर करते हैं. किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से 12 वीं पास स्टूडेंट्स या समान योग्यता रखने वाले स्टूडेंट्स इन कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. एडमिशन डायरेक्ट या मेरिट बेस के आधार पर दिए जाते हैं.
- फ़ूड साइंस एडं न्यूट्रीशन में बैचलर डिग्री –क्लिनिकल न्यूट्रीशन, न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स, फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रीशन, एप्लाइड न्यूट्रीशन, डायटेटिक्स और होमसाइंस (न्यूट्रीशन एंड फ़ूड साइंस में स्पेशलाइजेशन सहित) में बीएससी की डिग्री वाले ये कोर्सेज 3 वर्ष की अवधि के हैं और किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से साइंस विषय में 12 वीं पास स्टूडेंट्स या समान योग्यता रखने वाले स्टूडेंट्स इन कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. एडमिशन डायरेक्ट या मेरिट बेस के आधार पर दिए जाते हैं.
- न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा (न्यूट्रीशन में बैचलर डिग्री के बाद) – क्लिनिकल न्यूट्रीशन, पेडियेट्रिक न्यूट्रीशन, पब्लिक हेल्थ न्यूट्रीशन, फ़ूड साइंस/ टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन/ डायटेटिक्स, गेरोंटोलॉजीकल न्यूट्रीशन, रेनल न्यूट्रीशन, थेरेपीयुटिक न्यूट्रीशन में पीजी डिप्लोमा कोर्सेज. ये पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्सेज 1 वर्ष की अवधि के कोर्सेज हैं. किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम 50 – 55% मार्क्स या समान ग्रेड्स के साथ बैचलर डिग्री होल्डर स्टूडेंट्स इन कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं.
- मास्टर डिग्री –क्लिनिकल न्यूट्रीशन, फ़ूड साइंस, पब्लिक हेल्थ न्यूट्रीशन, फ़ूड साइंस, न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स में एमएससी की डिग्री. ये एमएससी डिग्री कोर्सेज 2 वर्ष की अवधि के कोर्स हैं. किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से कम से कम 50 – 55% मार्क्स या समान ग्रेड्स के साथ बैचलर डिग्री होल्डर स्टूडेंट्स इन कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं.
- हायर स्टडीज जैसे फ़ूड साइंस एंड न्यूट्रीशंस में एमफिल और पीएचडी –फ़ूड साइंस और न्यूट्रीशन की संबद्ध फ़ील्ड्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल कर सकते हैं और फिर फ़ूड साइंस और न्यूट्रीशन की संबद्ध फ़ील्ड्स में एजुकेशन और रिसर्च से जुड़े विभिन्न कार्यों में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं.
भारत में ये हैं प्रमुख न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स कॉलेज/ इंस्टीट्यूट्स
हमारे देश में प्रमुख न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स कॉलेजों/ इंस्टीट्यूट्स की लिस्ट निम्नलिखित है:
- सीएमसी, वेल्लोर
- भारत कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड मैनेजमेंट, तंजावुर
- आम्रपाली इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, हल्दवानी
- अमेज़न इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, देहरादून
- इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड न्यूट्रीशन, चेन्नई
- इंस्टीट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, पुणे,
- यूईआई ग्लोबल, लखनऊ
- कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स, आर्ट्स एडं साइंस, पटना
- ॐ साईं पैरा मेडिकल इंस्टीट्यूट, अंबाला
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ कलकत्ता, डिपार्टमेंट ऑफ़ होमसाइंस, कोलकाता
- लेडी इरविन कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- वीएलसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ़ ब्यूटी एंड न्यूट्रीशन, दिल्ली
भारत में डायटीशियन बनने के लिए जरुरी स्किल्स
- साइंटिफिक एप्टीट्यूड
- हेल्थ एंड डाइट में गहरी रूचि
- विभिन्न बेकग्राउंड्स वाले लोगों की फ़ूड हैबिट्स और फ़ूड नीड्स और हेल्थ प्रोस्पेक्टस की काफी अच्छी जानकारी और समझ होनी चाहिए.
- फ़ूड एंड न्यूट्रीशन्स से संबद्ध सभी आस्पेक्ट्स और क्लाइंट्स तथा पेशेंट्स की फ़ूड से संबद्ध इंडिविजुअल नीड्स की काफी अच्छी जानकारी हो.
- टीम के साथ मिलजुल कर काम करने की क्वालिटी.
भारत में डायटीशियन्स के लिए करियर ऑप्शन्स
- क्लिनिकल डायटेटिक्स
- फ़ूड एंड न्यूट्रीशन मैनेजमेंट
- पब्लिक हेल्थ न्यूट्रीशन
- एजुकेशन एंड रिसर्च
- कंसलटेंट
- प्राइवेट प्रैक्टिस
- फील्ड से संबद्ध हेल्थ प्रोफेशनल्स (एमडी, पीए)
- फ़ूड एंड न्यूट्रीशन से संबद्ध बिजनेस एंड इंडस्ट्री
- मीडिया – फ़ूड रिलेटेड इश्यूज
भारत में डायटीशियन्स के लिए प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स
- एनिमल न्यूट्रीशनिस्ट
- कम्युनिटी एजुकेशन ऑफिसर
- फ़ूड टेक्नोलॉजिस्ट
- हेल्थ प्रमोशन स्पेशलिस्ट
- इंटरनेशनल एड/ डेवलपमेंट वर्कर
- मेडिकल सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव
- न्यूट्रीशनल थेरेपिस्ट
- डायटीशियन एंड न्यूट्रीशियन
भारत में डायटीशियन्स के सामान्य काम
- न्यूट्रीशन एंड फ़ूड साइंस की साइंटिफिक स्टडी.
- लोगों और पेशेंट्स को खान-पान की आदतों के बारे में जानकारी और गाइडेंस देना.
- पेशेंट्स/ क्लाइंट्स को फ़ूड नीड्स के मुताबिक डाइट-प्लान्स तैयार करना.
- फ़ूड एंड न्यूट्रीशन से संबद्ध रिसर्च एक्टिविटीज में हिस्सा लेना.
भारत में डायटीशियन का करियर स्कोप
डायटीशियन्स के रोज़गार के संबंध में ऐसा अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2016 से वर्ष 2026 तक इस पेशे की मांग में 15% की बढ़ोतरी की संभावना है. ऐसा भी माना जा रहा है कि बड़े ग्रोसरी स्टोर्स में कंज्यूमर्स को हेल्थी फ़ूड आइटम्स चुनने में मदद करने के लिए डायटीशियन्स की मांग लगातार बढ़ेगी.
भारत में डायटीशियन के लिए गवर्मेंट सेक्टर के टॉप रिक्रूटर्स
- गवर्मेंट ऑर्गेनाइजेशन्स (जैसेकि, एफएनबी, आईसीएमआर, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन)
- गवर्नमेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट्स
- गवर्नमेंट नर्सिंग होम्स
- गवर्नमेंट न्यूट्रीशन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स
- गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स
- कम्युनिटी हेल्थ सेंटर्स
- गवर्नमेंट स्कीम्स एंड मिशन्स (जैसेकि, आईसीडीएस, एनएचआरएम).
भारत में डायटीशियन के लिए प्राइवेट सेक्टर के टॉप रिक्रूटर्स
- प्राइवेट रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट्स
- होटल्स
- फार्मास्यूटिकल फर्म्स
- हेल्थ क्लब्स
- स्पोर्ट्स एंड फिटनेस सेंटर्स
- प्राइवेट क्लिनिक्स एंड हॉस्पिटल्स
- नर्सिंग होम्स
- फ़ूड प्रोडक्ट्स फर्म्स
- प्राइवेट न्यूट्रीशन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स
- एनजीओ.
डायटीशियन के लिए इंटरनेशनल लेवल के टॉप रिक्रूटर्स
- वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन
- यूनिसेफ (यूएनआईसीईएफ)
- यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन
इसके अलावा, डायटीशियन्स अपनी एकेडेमिक क्वालिफिकेशन पूरी करके या कुछ वर्षों के अनुभव के बाद अपना कारोबार (जैसेकि, प्राइवेट क्लिनिक या कंसल्टेंसी फर्म) भी शुरू कर सकते हैं.
महत्वपूर्ण नोट:
भारत में इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन (IDA) डायटीशियन्स को प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस और मेम्बरशिप देने वाली ऑथोरिटेटिव बॉडी है.
भारत में डायटीशियन्स का सैलरी पैकेज
हमारे देश में इस पेशे में एक फ्रेशर को एवरेज सैलरी रु. 15 हज़ार – 20 हज़ार प्रति माह मिलती है. इस फील्ड में अच्छा वर्क-एक्सपीरियंस प्राप्त कर लेने के बाद आप हर महीने रु. 30 हज़ार प्लस भी कमा सकते हैं. प्राइवेट सेक्टर्स कैंडिडेट की क्वालिफिकेशन, टैलेंट और वर्क-एक्सपीरियंस के मुताबिक डायटीशियन्स को सैलरी ऑफर करते हैं.
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