UP Board छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ सस्ती किताबें उपलब्ध कराने की योजना से सीएम योगी आदित्यनाथ ने जहां कक्षा 9वीं से 12वीं तक NCERT का पाठ्यक्रम लागू करवाया वहीं इस योजना को फेल करने के लिए प्रकाशकों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी है.
दरअसल इस योजना को फेल करने के लिए प्रकाशकों ने बाजार में पाठ्यपुस्तक के पहले गाइड उपलब्ध करा दी है.
हालाकी यह बात काफी हैरान करने वाली है लेकिन बात शतप्रतिशत सच है. UP Board के छात्रों के लिए सरकारी दर पर पुस्कतों को छापने के लिए जिन प्रकाशकों को जिम्मा मिला था उन्होंने पुस्तकें छापी जरूर लेकिन उसे रोककर निजी प्रकाशन की गाइड पहले उपलब्ध करा दी. अर्थात इन गाइड की कीमत 170 रुपये से 395 रुपये तक है. वहीं यदि हम बात करें सरकारी दर पर छपी NCERT की पुस्तकों की तो वह महज 25 रुपये से लेकर 76 रुपये तक की कीमतों में छात्रों के लिए उपलब्ध कराई गई है.
इसके साथ ही जिन प्रकाशकों ने कुछ पाठ्यपुस्तक बाज़ार में व्यापारियों को दिया भी है, उन प्रकाशकों(publishers) ने पुस्तक व्यापारियों को अपने शर्त पर पुस्तक उपलब्ध कराई है. प्रकाशकों की शर्त है कि उन्हें 100 पाठ्यपुस्तक पर 50 गाइड बेचना अनिवार्य है. बक्शीपुर के पुस्तक व्यापारियों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि बाजार में UP बोर्ड पाठ्यपुस्तक के पहले गाइड आ गई .
अर्थात बाजार में सिर्फ गाइड उपलब्ध होने के कारण मजबूरी में कक्षा 9 से 12 वीं तक के छात्र महंगी कीमतों पर गाइड ले जा रहे हैं. ख़बरों के अनुसार बताया गया है कि अभी तक सिर्फ कक्षा 10 की गणित की किताब एक प्रकाशक ने उपलब्ध कराई है वह भी निजी प्रकाशन के रूप में तथा बाज़ार में उसकी भी कीमत 170 रुपये है. जबकि सरकारी दर के अनुसार इसकी कीमत 55 रुपये है.
पुस्तक के व्यापारियों का कहना है कि अगर प्रकाशकों की मनमानी इसी प्रकार चलती रही और पाठ्यपुस्तकें समय पर नहीं आईं तो छात्रों को गाइड से ही काम चलाना पड़ेगा. छात्र दुकान पर पाठ्यपुस्तक के लिए आ तो रहे हैं लेकिन उपलब्ध न होने से मजबूरन महंगे दाम की गाइड खरीद कर ले जा रहे हैं.
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