Find chapter notes for UP Board class 10th mathematics notes on chapter 3 (quadratic equations) from here. These notes are based on chapter 3 (quadratic equations) of class 10th maths subject. Read this article to get the notes, here we are providing each and every notes in a very simple and systematic way.The main topic cover in this article is given below :
द्विघात समीकरण
(Quadratic Equations)
1. प्रस्तावना
(introcuction)
पिछली कक्षाओं में हम ऐसी द्विघात समीकरणों का अध्ययन कर चुके हैं जिनके गुणांक तथा मूल वास्तविक संख्याएँ होते हैं| इस अध्ययन में हम ऐसी द्विघात समीकरणों के बारे में अध्ययन करेंगे जिनके
1. गुणांक वास्तविक तथा मूल सम्मिश्र संख्याएँ हैं|
2. गुणांक तथा मूल सम्मिश्र संख्याएँ हैं|
2. वास्तविक बहुपद
(Real Polynomial)
UP Board Class 10 Science Notes : Metals and Non Metals Part-I
* बहुपद का घात (Degree of a Polynomial)
किसी वास्तविक अथवा सम्मिश्र बहुपद के चर के सबसे बड़े घात वाले पद के घातांक को उस बहुपद का घात कहते है|
ऊपर दिए गए उदाहरणों में दिए हुए बहुपदों के घात क्रमश: 2 तथा 3 हैं|
I. ऐसा बहुपद जिसका घात 1 होता है, एकघातीय बहुपद (Monomial) अथवा रैखिक बहुपद (Linear Polynomial) कहलाता है|
a, b, c को गुणांक तथा x को चर कहते हैं|
* समीकरण के मूल (Roots of an Equation)
चर के वह मान जो किसी समीकरण को सन्तुष्ट करते हैं, उस समीकरण के मूल कहलाते हैं|
I. यदि समीकरण f(x) =0 का एक मूल x1 है तो f(x1) = 0
II. किसी समीकरण के मूल ज्ञात करना उस समीकरण को हल करना कहलाता है|
* हल समुच्चय (Solution set):
दिए हुए प्रांत (Domain) में किसी समीकरण के सभी मूलों का समुच्चय उस समीकरण का हल समुच्चय कहलाता है|
इएलिए f(α) = 0
अत: α , समीकरण f(x) = 0 का एक मूल है|
UP Board Class 10 Science Notes : Metals and Non Metals Part-II
6. बीजगणित का मूल प्रमेय: एक अथवा एक से अधिक घात वाले प्रत्येक बहुपद समीकरण का कम से कम एक मूल अवश्य होता है| इस प्रमेय का प्रतिपादन जर्मन गणितज्ञ गॉस ने किया था| इसकी उत्पत्ति एक पुस्तक के कार्य क्षेत्र से बाहर है| परन्तु इसका आवश्यकतानुसार प्रयोग किया जायेगा|
7. n-घातीय समीकरण के मूलों की संख्या :
(i) प्रमेय :
n-घातीय समीकरण के n और केवल n मूल होते हैं|
उत्पत्ति: माना f(x) = 0, एक n- घातीय समीकरण है तो बीजगणित के मूल प्रमेय से समीकरण f(x) = 0 का कम से कम एक मूल अवश्य होगा|
माना समीकरण f(x) = 0 का एक मूल α1 है तो गुणनखण्ड प्रमेय से (x- α1) बहुपद f(x) का एक गुणनखण्ड होगा|
माना f(x) = (x- α1).g1(x)
जहाँ g1(x), (n-1) घात का बहुपद है|
पुनः बीजगणित के मूल प्रमेय से समीकरण g1(x) = 0 का कम से कम एक मूल अवश्य होगा| माना समीकरण g1(x) = 0 का एक मूल α2 है तो गुणनखण्ड प्रमेय से (x- α2) बहुपद g1(x) का एक गुणनखण्ड होगा|
माना g1(x) = (x- α2).g2(x)
जहाँ g2(x), (n-2) घात का बहुपद है|
f(x) = (x-α1).g1(x) = (x- α1) (x- α2) .g2(x)
इसी प्रकार इसी क्रम में आगे बढ़ने पर,
f(x) = (x- α1) (x- α2) (x- α3)....... (x- αn) .gn(x)
जहाँ gn(x), (n-n) अर्थात शून्य घात का बहुपद अर्थात अचर है|
माना, gn(x) = k
तब, f(x) = (x- α1) (x- α2) (x- α3)........... (x- αn).k
इस प्रकार हम देखते हैं कि (x- α1), (x- α2), (x- α3),......., (x- αn), बहुपद f(x) के गुणनखण्ड है|
गुणनखण्ड प्रमेय के विलोम से α1, α2, α3,........, αn समीकरण f(x) = 0 के n मूल हैं|
यदि x= β, प्रत्येक α से भिन्न है तो f(β) ¹ 0
अर्थात समीकरण f(x) = 0 का α1, α2, α3,........, αn के अतिरिक्त कोई अन्य मूल नहीं है|
अतः n-घातीय समीकरण f(x) = 0 के n और केवल n मूल हैं|
प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो और केवल दो मूल होते हैं|
उत्पत्ति : यहाँ हमें निम्नलिखित दो भाग सिद्ध करने होंगे;
1. प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो मूल होते हैं|
2. प्रत्येक द्विघात समीकरण के केवल दो मूल होते हैं अर्थात द्विघात समीकरण के दो से अधिक मूल नहीं हो सकते हैं|
1. प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो मूल होते हैं:
माना ax2+bx+c = 0, a ¹ 0 एक द्विघात समीकरण है|
उक्त समीकरण के दोनों पक्षों में α से गुना करने पर,
(2) में से (3) को घटाने पर,
α (β2 – γ2) + b(β – γ) = 0, (β – γ){α (β – γ) + b } = 0
β – γ ¹ 0
इसलिए, α (β – γ) + b = 0 ..................(5)
(4) से (5) को घटाने पर, α (α – γ) = 0
परन्तु यह संभव है क्यूंकि α एवं γ भिन्न है| α ¹ 0
इसलिए α (α – γ) ¹ 0
इस प्रकार हमारा यह मनना गलत है कि द्विघात समीकरण के तिन विभिन्न मूल हैं|
अतः द्विघात समीकरण के दो से अधिक मूल नहीं हो सकते हैं|
UP Board Class 10 Science Notes : Metals and Non Metals Part-III
यहाँ हम आपको कुछ प्रश्नों के साथ उनके उत्तर उदाहरण के लिए प्रदान कर रहें हैं-
UP Board Class 10 Science Notes : Metals and Non Metals Part-IV
Comments
All Comments (0)
Join the conversation