जिले की टॉपर श्रद्धा सिंह का नाम प्रदेश की टॉप टेन सूची दसवां स्थान हासिल किया था और समान अंक के आधार पर बनी प्रदेश स्तर की सूची में उसका 36 वें नंबर पर रहा.छात्रा ने माता-पिता के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है और इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहती है.शुरू से मेधावी रही श्रद्धा ने दसवीं में 94 फीसदी अंक प्राप्त किए और इंटरमीडिएट में 90.8 फीसद अंक प्राप्त किए हैं. उनके पिता चंद्रभूषण सिंह गौर डीआईओएस कार्यालय में लेखाकार लिपिक है.माता वीनू सिंह गृहणी है.बड़ा भाई विशाल सिंह बीटीसी कर रहे हैं.सुप्रिया सिंह बीएससी में पढ़ रही है. तीसरे नंबर की श्रद्धा भाई बहनों में सबसे मेधावी है. इस समय कोटा राजस्थान में इंजीनियर की तैयारी कर रही है. श्रद्धा ने इस कामयाबी के लिए माता-पिता को श्रेय दिया है. पेश हैं श्रद्धा से बातचीत के कुछ अंश.....
सवाल : अच्छे अंक लाने को कैसे की तैयारी.
जवाब : अच्छे अंक लाना बहुत ही आसान होता है. कक्षा में जो होमवर्क मिलता है, उसे उसी दिन पूरा किया जाए और याद किया जाए.अगले दिन उसका रिवीजन अवश्य किया जाए.कम से कम 10 से 12 घंटे तक पढ़ाई की जानी चाहिए.
सवाल : क्या पढ़ाई करने के लिए टाइम टेबिल बनाना जरूरी है.
जवाब : जी हां, टाइम टेबिल बनाकर पढ़ाई करना चाहिए.सभी विषयों को समय नियमित रूप से दिया जाना आवश्यक है.जिस विषय में रूचि अधिक हो उसे ज्यादा समय दिया जाए.कैमेस्ट्री में कंपाउंड, फिजिक्स में न्यूमेरिकल और गणित में सूत्रों पर विशेष जोर देने की आवश्यकता है.
सवाल : आज के कुछ बच्चे दिशा से भटक जाते हैं.
जवाब : मां-बाप बेसक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ बच्चे अच्छी शिक्षा नहीं पा पाते और भटक जाते हैं.मां-बाप को चाहिए बच्चे को शुरूआती दौर से बेहतर दिशा देने का प्रयास करें और जिस दिशा में बच्चे की लगन हो उसे उसी दिशा में ले जाना चाहिए.
सवाल : इंजीनियर बनकर विदेश में नौकरी करना पसंद करोगी.
जवाब : नहीं, हम भारत में रहते हैं और भारत का नाम रोशन करेंगे.विदेश नहीं जाएंगे.यहीं पर इंजीनियर बनकर देश की सेवा करने में पूरा जीवन लगाएंगे.
सवाल : छात्र-छात्राओं को कुछ संदेश देना चाहती हैं.
जवाब : जी हां, छात्र-छात्राएं बेहतर ढंग से पढ़ाई करें और अपने मां-बाप का सपना पूरा करें.मेहनत से पढ़ाई करने पर सफलता जरूर मिलती है.
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