आईएएस पूर्वपरीक्षा विषय वस्तु की परीक्षा नहीं है. यह परोक्ष रूप से उम्मीदवार के व्यक्तित्व और सतर्कता की परीक्षा है. अपने परिवेश में घटनाओं के घटित होने के बारे में उम्मीदवार की धारणा का परीक्षण किया जाना आवश्यक है. संघ लोक सेवा आयोग ने हमेशा अपनी अधिसूचना में उल्लेख किया है कि उम्मीदवारों को सदैव सतर्क रहना चाहिए और आसपास घट रही घटनाओं का एक गहरा पर्यवेक्षक होना चाहिए.
पर्यावरण के मुद्दें, विकास के मुद्दों की ड्राइविंग सीट पर आ रहे है. सरकार का हर फैसला अब पर्यावरण चिंताओं से शासित होता है. पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास लिए एक वैश्विक मुद्दा है और पर्यावरण राजनीतिक सीमाओं से विभाजित नहीं है. पर्यावरण के खतरों ने देश प्रभाव को पार कर लिया है और इसलिए बड़ा वैश्विक चिंता का विषय हैं. पिछले कुछ सालों में पर्यावरण से संबंधित सवालों में वृद्धि हो रही है. और इसलिए इसके लिए उम्मीदवारों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है.
इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था जैसे पारंपरिक वर्गों के अलावा पर्यावरण के मुद्दों से संबंधित 10 से 15 प्रश्न होते हैं. परीक्षा में पर्यावरण के मुद्दों से जुड़े सवालों की संख्या एक बड़ा हिस्सा ले रही हैं. 10 से 15 सवालों का मतलब है 10 से 15 फीसदी. इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने वाले उम्मीदवारों के अधिक अंक होंगे और इसलिए आसानी से पास हो सकेंगे.
आईएएस पूर्वपरीक्षा 2014: पर्यावरण मुद्दों की तैयारी क्यों करें
आईएएस पूर्वपरीक्षा विषय वस्तु की परीक्षा नहीं है. यह परोक्ष रूप से उम्मीदवार के व्यक्तित्व और सतर्कता की परीक्षा है.
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