जीएस हो सकता है विनिंग स्कोर

Jan 7, 2009, 03:57 IST

सिविल सर्विस में जाने की पहली सीढ़ी यानी कि प्रारंभिक परीक्षा को पार करना आसान जरूर नहीं है, लेकिन मुश्किल भी नहीं है। बेहतर योजना और गाइडेंस से आप इसे आसान कैसे बनाएं, बता रहे हैं अमरेन्द्र कुमार..

आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अधिकारियों का नाम हमारे जेहन में आते ही एक वरिष्ठ प्रशासन अधिकारी के साथ-साथ रुतबे वाली छवि का अहसास भी होता है। पिछले कुछ वर्षो में भले ही मल्टी नेशनल कंपनियां ज्यादा से ज्यादा सैलॅरी पैकेज के दम पर युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में कुछ हद तक कामयाब हुई हों, लेकिन एक सच यह भी है कि आज भी नौजवानों का पहला सपना होता है सिविल सर्विस में नौकरी करना। जाहिर है, यूपीएससी-2009 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए आवेदन भरने की तिथि घोषित होने के साथ ही छात्र पूरे जोर-शोर से इसकी तैयारी में जुट गए हैं। इस प्रारंभिक परीक्षा में जनरल स्टडी (जीएस) से 150 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में छात्रों को इसकी तैयारी में कोई भी नरमी नहीं बरतनी चाहिए। जीएस में बेहतर स्कोर करने के लिए छात्रों को निम्न बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

अप्रोच में बदलाव से अवगत

सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी शुरू करते समय पिछले कुछ वर्षो के प्रश्नपत्र पर नजर जरूर डालें। दरअसल, ऐसा करने से परीक्षा में पूछे जा रहे प्रश्नपत्र की शैली का पता चल जाता है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले तक जीएस में 90 प्रतिशत प्रश्न विभिन्न विषयों से और 10 प्रतिशत करेंट अफेयर्स से पूछा जाता था, लेकिन अब करेंट अफेयर्स से संबंधित प्रश्नों का प्रतिशत बढकर 30 हो गया है। यानी करीब 50 प्रश्न इससे पूछे जाऐंगे। इसके अलावा, 70 प्रतिशत में इंडियन जिऑग्रफि से 15-20 प्रश्न, जनरल साइंस से 15-20 प्रश्न, जनरल मेंटल एबिलिटी से 15-20 प्रश्न और मॉडर्न हिस्ट्री से 12-15 प्रश्न पूछे जाते हैं। जाहिर है, इनका ध्यान रखते हुए ट्रेडिशनल तरीकों को छोड वर्तमान के हिसाब से तैयारी करनी चाहिए।

मजबूत करें करेंट अफेयर्स

दरअसल, करेंट अफेयर्स का महत्व इसलिए भी ज्यादा हो गया है, क्योंकि जीएस में लगभग एक तिहाई प्रश्न इसी सेक्शन से होते हैं। करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए बेहद जरूरी यह है कि आप न सिर्फ रोज अखबार पढें, बल्कि इसके नोट्स भी बनाएं। क्योंकि एक ओर जहां हरेक दिन अखबार में नई-नई जानकारियां मिलती हैं वहीं, दूसरी ओर बनाए गए नोट्स को रिवाइज करना भी जरूरी है। इसके अलावा, कभी-कभी छात्र ऑप्शनल सब्जेक्ट पर ज्यादा और जीएस में कम ध्यान देते हैं। इसकी वजह साफ है कि ऑप्शनल सब्जेक्ट तीन सौ नंबरों का होता है। और इसीलिए छात्र गलती कर बैठते हैं और उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पडता है।

माइंड सेट में बदलाव

अक्सर देखा जाता है कि आ‌र्ट्स विषय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को साइंस सेक्शन में कठिनाई होती है। इसीलिए वे इससे पीछा छुडाने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति में छात्रों के मन में साइंस के प्रति एक डर बैठ जाता है और वे पहले से ही जीएस की परीक्षा में साइंस प्रश्नों को छोडने का मन बना लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में किसी भी सेक्शन को अलग करना खतरे से खाली नहीं है।

समय प्रबंधन जरूरी

तैयारी के दौरान : यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में जीएस की तैयारी अभी से ही शुरू कर देनी चाहिए। हालांकि जीएस के लिए तीन महीने का समय काफी होता है। अगर आपने शैक्षणिक बैकग्राउंड के अनुसार ही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव किया है, तो पढाई करने के समय का अनुपात 70 और 30 (ऑप्शनल सब्जेक्ट और जीएस) का होना चाहिए। लेकिन, ऑप्शनल सब्जेक्ट भिन्न होने पर दोनों में बराबर-बराबर समय देना बेहद जरूरी हो जाता है।

परीक्षा के दौरान :  उल्लेखनीय है कि जीएस की परीक्षा दो घंटे की होती है और इसमें 150 प्रश्न हल करने होते हैं। जाहिर है, एक प्रश्न के लिए लगभग 45 सेकेंड का समय होता है। परीक्षा में पहले एक घंटे में उन प्रश्नों को हल करें, जिन प्रश्नों में आपको कोई संशय नहीं है। ध्यान रहे, मेंटल एबिलिटी के प्रश्नों को पहले राउंड अर्थात पहले एक घंटे में नहीं छूना चाहिए।

प्रश्नों को हल करने का टारगेट

अक्सर देखा जाता है कि अच्छे से अच्छा छात्र भी 150 प्रश्नों में 90-100 प्रश्नों को ही हल कर पाता है और लगभग 50 प्रश्न छोडना ही पडता है। इसलिए बेहतर यही है कि छात्रों को कम से कम 60 प्रतिशत प्रश्न हल करने का टारगेट लेकर चलना चाहिए।

जीएस की तैयारी के लिए चुनिंदा पुस्तकें व गाइड

जीएस की तैयारी कभी भी और किसी भी गाइड से शुरू नहीं करनी चाहिए। जीएस के अंतर्गत आने वाले विषयों में आ‌र्ट्स सब्जेक्ट हिस्ट्री, जिऑग्रफि आदि के लिए छठी से बारहवीं क्लास तक की एनसीईआरटी की पुस्तकें सबसे फायदेमंद होती हैं। हालांकि साइंस सब्जेक्ट के लिए छठी से दसवीं तक की एनसीईआरटी की पुस्तकें पढना सफलता पाने में कारगर सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा, इंडियन इकोनॉमिक्स के लिए ग्यारहवीं क्लास की एनसीईआरटी की पुस्तक अच्छी होती है। इसके अलावा, हिस्ट्री के लिए स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेंस- बिपिन चंद्रा और ए न्यू लुक ऐट मॉडर्न इंडियन हिस्ट्री- बी एल ग्रोवर, इंडियन पॉलिटी के लिए ऑवर पर्लियामेंट- सुभाष कश्यप और एन इंट्रोडक्शन टू द कॉन्सि्टटयूशन ऑफ इंडिया- डी डी बसु, इंडियन इकनॉमिक्स- दत्त ऐंड सुंदरम, जनरल साइंस के लिए स्पेक्ट्रम गाइड ऑन साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी, विजार्ड करेंट अफेयर आदि पुस्तकें काफी महत्वपूर्ण हैं। इन पुस्तकों को पढने के बाद आप बाजार में उपलब्ध पीयरसन, टाटा मैग्राहिल आदि गाइड की मदद भी ले सकते हैं। जाहिर है, अभी भी ट्रेडिशनल सब्जेक्ट ही बेस है, इसलिए इसे कभी भी हलके में नहीं लेना चाहिए।

की-फैक्टर

निगेटिव मार्किग से बचने के लिए कभी भी तुक्का न लगाएं।

जीएस में करेंट अफेयर का स्कोर विनिंग स्कोर साबित हो सकता है।

अटकने वाले प्रश्नों में बेवजह समय खराब न करें।

जनरल मेंटल एबिलिटी के प्रश्न पहले से ज्यादा कठिन पूछे जा रहे हैं, इसलिए इसकी हर दिन प्रैक्टिस करें।

जीएस के अंतर्गत विभिन्न सब्जेक्ट से पिछले कुछ वर्षो में पूछ गए प्रश्न..

विषय 2008 07 06 05 04 पॉलिटिकल साइंस 11  12  13  09 19

साइंस 31  30  16  20  27

इकोनॉमिक्स  06 07 07 03 13

जिऑग्रफि  31  30  20  32  25

हिस्ट्री 14  13  18  22  21

मेंटल एबिलिटी  13  18 16  16  08

करेंट अफेयर ऐंड जनरल अवरनेस

स्पो‌र्ट्स 04 04 04 04 04

पर्सनैलिटिज  11  11 11  10  09

नेशनल 15  06 17  15  13

इंटरनेशनल 13  15 18  10  10

कल्चर 01 04 06 09 02

(एएलएस इंस्टीटयूट में जीएस के अध्यापक जोजो मैथ्यू से विशेष बातचीत पर आधारित)

Jagran Josh
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Education Desk

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