संस्कृति, अनोखी सभ्यता और विविध कलाओं की वजह से भारत की विश्व में एक अलग पहचान है। कला के इस अभूतपूर्व धरोहर को संरक्षित करने और उसे जीवित बनाए रखने के लिए इन दिनों कला और संस्कृति के संरक्षण से जुडे पाठयक्रम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कला की ओर बढते रुझान को देखते हुए ही संग्रहालयों यानी म्यूजियम में मौजूदा अमूल्य धरोहरों के विस्तार और रख-रखाव की जरूरत महसूस की जाने लगी है। इसलिए कला के प्रति प्रेम रखने वालों के लिए म्यूजियोलॉजी बेहतर करियर विकल्प हो सकता है।
किस तरह की होती है पढाई
म्यूजियोलॉजी कोर्स के अंतर्गत विद्यार्थियों को संग्रहालय के दर्शन, और बदलते वक्त के साथ इसमें आ रहे नए बदलाव आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। साथ ही, आर्ट गैलरी का विस्थापन, देखभाल, कलाओं का प्रस्तुतिकरण, संरक्षण, प्रदर्शित कलाओं की जानकारी, कलेक्शन, डिजाइनिंग, डॉक्यूमेंटेशन आदि के बारे में भी पढाया जाता है। इसके अलावा, विषय से जुडे मार्केटिंग तथ्य भी बताए जाते हैं, ताकि विद्यार्थी मार्केट में अपनी जगह बना सके। संस्थान और योग्यता
दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान और शांति-निकेतन के अलावा, एमएसयू बडौदा, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदि में इसकी शिक्षा ले सकते हैं। इनमें स्नातकोत्तर और पीएचडी कोर्स के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान को बेहतर माना जाता है। यहां म्यूजियोलॉजी में स्नातकोत्तर के लिए पंद्रह और पीएचडी के लिए कुल चार सीटें निर्धारित हैं। राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान के वाइस चांसलर आर.सी.मिश्रा बताते हैं कि इस संस्थान के साथ कई अंतरराष्ट्रीय म्यूजियोलॉजी संस्थान जुडे हुए हैं, जिससे विदेश में पढाई करने का रास्ता भी आसान हो जाता है।
क्या है संभावनाएं
कोर्स पूरा होने के बाद राष्ट्रीय संग्रहालय, आर्कलॉजिकल संग्रहालय, आर्ट गैलरियों आदि में नौकरी मिल जाती है। छात्र संग्रहालय में क्यूरेटर, डिप्टी क्यूरेटर, रिसर्च असोसिएट, प्रबंधक आदि के रूप में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा, निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर हैं।
वेतन का आकर्षण
म्यूजियोलॉजी में डिग्री धारकों की सैलॅरी 25 हजार रुपये से शुरू होकर 50 हजार रुपये तक हो सकती है, जबकि अनुभव और कार्यकुशलता के साथ सैलॅरी लाखों तक पहुंच सकती है।
प्रस्तुति : रीतिका सोनाली
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