रिटेन एग्जाम में दो पेपर होते हैं। दोनों पेपर्स के एग्जाम एक ही दिन सुबह और दोपहर को होते हैं। क्वैश्चंस हिंदी और अंग्रेजी दोनों मीडियम में पूछे जाते हैं। फर्स्ट पेपर 250 मार्क्स का होता है, जिसमें जनरल एबिलिटी ऐंड इंटेलिजेंस से रिलेटेड ऑब्जेक्टिव टाइप क्वैश्चंस पूछे जाते है। 200 मार्क्स के सेकंड पेपर में एसे, प्रेसाइज राइटिंग ऐंड कॉम्प्रिहेंशन होता है जो डिस्क्रिप्टिव होता है। हर पेपर में आपको मिनिमम क्वॉलिफाइंग मार्क्स पाने होते हैं। अगर पहले पेपर में आप क्वॉलिफाई हो जाते हैं, तभी दूसरे पेपर के आंसर्स चेक किए जाते हैं। फर्स्ट पेपर में निगेटिव मार्किग भी है, एक गलत आंसर पर एक तिहाई मार्क्स काट लिए जाते हैं।
रीजनिंग है स्कोरिंग
रीजनिंग के सेक्शन में अच्छे नंबर लाने के लिए आपको इंग्लिश अल्फाबेट शुरू से आखिर तक और आखिर से शुरू तक अच्छी तरह ध्यान में रखना चाहिए। टेबल्स, स्क्वॉयर्स, क्यूब्स, क्यूब रूट्स याद होने चाहिए, ताकि कम समय में बडी-बडी कैलकुलेशंस कर सकें।
हाऊ टु स्कोर बेटर General science
जनरल साइंस के सेक्शन में थ्योरी से ज्यादा रोजमर्रा की लाइफ से जुडे क्वैश्चंस आते हैं। इसके लिए आपको लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में अच्छी तरह पता होना चाहिए।
Currents Events
इस सेक्शन में अच्छे मार्क्स पाने के लिए जुलाई से लेकर अब तक नेशनल, इंटरनेशनल लेवल पर हुई घटनाओं की स्टडी ही नहीं, उन्हें ठीक से ऑब्जर्व भी करना होगा। इसके अलावा आर्ट्स, म्यूजिक, लिटरेचर और स्पोर्ट्स फील्ड में जिन लोगों को अवार्ड मिले हैं, उनकी खास तौर पर जानकारी रखनी होगी।
एसे में रखें ओरिजिनल थॉट
पार्ट ए में हिंदी या अंग्रेजी में एक निबंध लिखना होता है, जिसके लिए 80 मार्क्स फिक्स होते हैं। इसके लिए इंडियन इंडिपेंडेंस मूवमेंट, पॉलिटिक्स ऐंड इकोनॉमी और करेंट इंटरनेशनल अफेयर्स पर टॉपिक्स दिए जा सकते हैं। कुछ टॉपिक्स कानून, ह्यूमन राइट्स और इथिक्स से रिलेटेड भी दे दिए जाते हैं। पार्ट बी 120 मार्क्स का है, जिसमें comprehension, precise writing, and grammar से क्वैश्चंस पूछे जाते हैं।
सक्सेस टिप्स फॉर सेकंड पेपर
-रोज एसे लिखकर प्रैक्टिस करें।
-पर्याप्त नॉलेज वाला टॉपिक ही चुनें।
-टॉपिक की थीम समझकर लिखें।
-केवल रेलिवेंट जानकारियां ही दें।
-एक्सपर्ट्स के कोटेशंस और आंकडे दें।
-टॉपिक पर लेटेस्ट डेवलपमेंट जरूर लिखें।
-इंग्लिश ग्रामर की अच्छी प्रैक्टिस करें।
-एडिटोरियल पेज से प्रेसाइज की प्रैक्टिस करें।
-अंग्रेजी अखबार पढने की आदत डालें।
-नए शब्दों की मीनिंग डिक्शनरी से नोट करें।
निगेटिव मार्किग से बचें
2010 में कट ऑफ 45 से 50 मार्क्स के बीच था। निगेटिव मार्किग के चलते संभलकर आंसर देना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि कुछ गलत आंसर्स के चलते आप ढेर सारे सही आंसर देकर भी बहुत ही कम स्कोर कर पाते हैं। इसलिए इस एग्जाम में स्ट्रैटेजी बहुत इंपॉर्टेंट है। कैंडिडेट्स को प्रिपरेशन से ज्यादा एग्जाम के वक्त अलर्ट रहने की जरूरत है।
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