भारतीय होम्योपैथ का बाजार प्रतिवर्ष 30 प्रतिशत दर से वृद्घि कर रहा है। एसोचैम रिपोर्ट के अनुसार 2012 तक भारतीय बाजार 4600 करोड तक पहुंचने और विश्व स्तर पर 26,300 करोड रुपए होने की संभावना है। वैश्वीकरण के इस दौर में जितने संसाधन बढें हैं, उसी क्रम में नई-नई बीमारियां भी पैर फैला रही हैं। आज भागम-भाग वाली जिंदगी में रोगों ने मनुष्य के शरीर में अपनी जडें जमा ली हैं, तो व्यक्ति भी उनका जड से इलाज चाहते हैं। इसके लिए वह होम्योपैथी का सहारा लेते हैं। यह एक ऐसी पद्धति है, जो रोगों को जड से मिटाती है। होम्योपैथ चिकित्सक डॉ.आरके मिश्र का कहना है कि होम्योपैथ पद्घति की खासियत है कि यह थायरॉइड, डायबिटीज, आर्थराइटिस जैसी तमाम गंभीर मानी जाने वाली बीमारियों का बिना किसी साइड इफेक्ट के प्रभावी इलाज करती है। अधिसंख्य व्यक्तियों में धारणा घर कर गई है कि होम्योपैथी दवाइयां रोगी को ठीक करने में वक्त लेती हैं, जो मिथ्या है। अगर रोग का शुरुआती दौर में सटीक पता चल गया तो यह दवाइयां इतनी इफेक्टिव हैं कि उसे स्वस्थ होने में ज्यादा समय नहीं लगता। अगर व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उसे पूरी तरह ठीक करने में यह पद्घति थोडा समय लेती है। सर्दी-खांसी या अन्य मौसमी बीमारियों में होम्योपैथिक दवाएं उतनी ही इफेक्टिव हैं, जितनी कि अन्य पद्धतियों की दवाएं।
कैसे बनें डॉक्टर
देश में होम्योपैथी शिक्षा की शुरुआत 1983 में ग्रेजुएट लेवॅल और डिप्लोमा कोर्स के रूप में शुरू हुई। वर्तमान में होम्योपैथ डॉक्टर बनने के लिए कई कोर्स हैं। इनमें सबसे आरंभिक कोर्स है-बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएचएमएस)। इसमें एडमिशन ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंड मेडिकल कॉलेजेज एसोसिएशन (एआईएमईसीए) द्वारा आयोजित ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एआईसीईटी) के माध्यम से होता है। एआईएमईसीए का एग्जामिनेशन ऑफिस चेन्नई में है। इसके अलावा आप प्रदेश स्तर पर आयोजित सीपीएमटी जैसे परीक्षाओं के माध्यम से होम्योपैथ मेडिकल कालेजों में प्रवेश ले सकते हैं।
कोर्स और योग्यता
यदि आप फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी से 10+2 उत्तीर्ण हैं, तो होम्योपैथ चिकित्सक बनने की योग्यता रखते हैं। होम्योपैथ डॉक्टर बनने के लिए कई कोर्स हैं। इनमें सबसे आरंभिक कोर्स है-बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी यानी बीएचएमएस। इसमें प्रवेश एमबीबीएस की तरह होता है। इस कोर्स की कुल अवधि साढे पांच वर्ष है, जिसमें 6 माह की इंटर्नशिप भी शामिल है। इसके बाद डिप्लोमा इन होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी यानी डीएचएमएस किया जा सकता है। इसकी अवधि चार वर्ष है। इस क्रम में होम्योपैथ में एमडी भी किया जा सकता है, जिसकी निर्धारित अवधि तीन वर्ष है। यह पोस्ट ग्रेजुएट लेवॅल का कोर्स है। इसके तहत पीडियाट्रिक्स, मेटेरिया मेडिका, होम्योपैथिक फिलॉसफी, साइकिएट्री, फार्मेसी आदि में विशेषज्ञता हासिल करनी होती है।
स्ट्रेटेजी दिलाएगी सफलता
यदि आप ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एआईसीईटी) के माध्यम से या फिर स्टेट लेवॅल पर होने वाली मेडिकल परीक्षाओं के माध्यम से होम्योपैथ चिकित्सक बनने के लिए बीएचएमएस करने का संकल्प ले चुके हैं तो स्ट्रेटेजी ही आपके सफलता के द्वार खोलेगी। सबसे पहले जरूरत है खुद को परखने की, क्या आप सही मायनों में इन परीक्षाओं के लिए तैयार हैं। विशेषज्ञों की मानें तो सभी सब्जेक्ट में आने वाले प्रश्नों का प्रतिशत भी लगभग तय है। तो क्यों न हम सिस्टेमेटिक तैयारी में जुट जाएं। बीएचएमएस कर रहेअधिसंख्य छात्रों का मानना है कि इस परीक्षा की तैयारी ग्यारहवीं से शुरू कर देनी चाहिए। बेहतर होगा कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी के साथ ही इस परीक्षा की तैयारी भी की जाए। पूर्व नियोजित ढंग से प्रवेश परीक्षा की तैयारी ही वह मंत्र है, जो आपको होम्योपैथ मेडिकल कालेज में प्रवेश दिलाएगा। विशेषज्ञों की मानें तो यदि स्टूडेंट्स दसवीं क्लास से ही परीक्षा में बैठने का संकल्प कर लें और उसी के अनुरूप गहन अध्ययन करें, तो सफलता के चांसेज बढ जाएंगे।
कहां हैं संभावनाएं
होम्योपैथ में पोस्ट ग्रेजुएशन में पीडियाट्रिक्स, मेटेरिया मेडिका, होम्योपैथिक फिलॉसफी, रेपर्टरी, साइकिएट्री, फॉर्मेसी आदि में किसी एक में विशेषज्ञता हासिल करने के बाद टीचिंग प्रोफेशन को चुन सकते हैं। इसके अलावा बैचलर डिग्री लेने के बाद गवर्नमेंट्स या प्राइवेट हॉस्पिटल्स में होम्योपैथ डॉक्टर के रूप में जॉब के विकल्प हैं। इसके अलावा क्लिनिक्स, चैरिटेबल इंस्टीटयूट्स, रिसर्च इंस्टीटयूट्स, मेडिकल कॉलेजों में भी काम मिल सकता है। इन सभी के अलावा प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर सकते हैं।
कहां से करें कोर्स
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
नेहरू होम्यो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नई दिल्ली
नेशनल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लखनऊ
कानपुर होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कानपुर
जीडी मेमोरियल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, पटना
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ होम्योपैथी, साल्टलेक, कोलकाता
जोश डेस्क
होम्योपैथ की छाया निरोगी रहे काया
भारतीय होम्योपैथ का बाजार प्रतिवर्ष 30 प्रतिशत दर से वृद्घि कर रहा है
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