Constitution Day 2021: हर साल 26 नवंबर को भारत का संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जाता है. आजाद भारत में 26 नवंबर का दिन बेहद ही खास है. यही वह दिन है जब देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से अपनाया था.
पूरे देश में संविधान दिवस हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि आज ही के दिन भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से अपनाया गया था. संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था.
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस?
भारत के प्रत्येक नागरिकों के बीच संविधान के प्रति जागरूकता लाने और संवैधानिक मूल्यों का प्रचार करने के लिए साल 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर फैसला किया गया था.
संविधान दिवस का उद्देश्य
भारत में संविधान को तैयार करने में कुल दो साल 11 महीने और 18 दिन लगे. संविधान दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य इसके निर्माता और देश के प्रथम कानून मंत्री डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देना है.
संविधान दिवस का महत्व
संविधान दिवस के अवसर पर हमें न केवल स्वतंत्र भारत का नागरिक होने की अहसास होता है बल्कि संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक मिलता है और साथ ही लिखित मूल कर्तव्यों से हमें नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है.
संविधान दिवस का इतिहास
भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. इसके बाद, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 125वीं जन्म-दिवस के अवसर पर वर्ष 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाये जाने की घोषणा की थी. तब से हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है.
संविधान की जरूरत क्यों पड़ी?
अंग्रेजी हुकूमत का कार्यकाल खत्म होने के बाद भारत को एक ऐसे कानून की जरूरत थी, जो देश में रहने वाले लोग, विभिन्न धर्मों के बीच एक समानता और एकता दिला सके. इसे देखते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान बनाने की मांग उठने लगी थी. जब देश आजाद होने वाला था तो एक संविधान सभा के गठन की मांग उठने लगी.
भारत का संविधान कैसे बना?
आजादी मिलने से पहले ही स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान निर्माण की बात होने लगी थी. आजादी के बाद एक संविधान सभा का गठन किया गया. संविधान सभा की पहली बैठक 09 दिसंबर 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई. उस दिन 207 सदस्य ही बैठक में उपस्थिति हुए थे. पहले संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे, लेकिन देश के विभाजन के बाद कुछ रियासतों के संविधान सभा में हिस्सा ना लेने के कारण सभा के सदस्यों की संख्या घटकर 299 हो गई थी.
भारत का संविधान: एक नजर में
भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है. इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं. इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है.
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