Abrahamic Religion: जानें ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म को मिलाकर बने इस नए धर्म के बारे में

Nov 18, 2021, 14:30 IST

Abrahamic Religion: ये नया धर्म तीन पुराने धर्मों का मिश्रण है-- ईसाई, इस्लाम और यहूदी। इसका न तो कोई अनुयायी है और न ही कोई धार्मिक ग्रंथ। इतना ही नहीं, इस धर्म के अस्तित्व में आने को लेकर भी कोई आधिकारिक घोषणा भी नहीं हुई है। 

Abrahamic Religion: जानें ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म को मिलाकर बने इस नए धर्म के बारे में
Abrahamic Religion: जानें ईसाई, इस्लाम और यहूदी धर्म को मिलाकर बने इस नए धर्म के बारे में

 Abrahamic Religion: एक नए धर्म को लेकर अरब देशों में सुगबुगाहट तेज़ हो गई है। ये एक ऐसा धर्म है जिसका न तो कोई अनुयायी है और न ही कोई धार्मिक ग्रंथ। इतना ही नहीं, इस धर्म के अस्तित्व में आने को लेकर भी कोई आधिकारिक घोषणा भी नहीं हुई है। 

क्या है अब्राहमी धर्म?

जिस नए धर्म की हम बात कर रहे हैं उसका नाम अब्राहमी धर्म है। इसे आप एक धर्म संबंधी प्रोजेक्ट के रूप में देख सकते हैं। ये नया धर्म तीन पुराने धर्मों का मिश्रण है-- ईसाई, इस्लाम और यहूदी। 

इस धर्म का नाम पैगंबर अब्राहम के नाम पर रखा गया है। इसमें तीनों धर्मों में शामिल समान बातें शामिल की गईं हैं और ऐसी बातें जिनसे आपसी मतभेद बढ़े, उन्हें छोड़ दिया गया है। 

कब हुई इस धर्म की शुरुआत? 

इस धर्म को लेकर अरब देशों में पिछले एक वर्ष से चर्चाएं शुरू हुईं और इसे लेकर कई विवाद भी देखने को मिले। इस धर्म के ज़रिए एक ऐसे धर्म के निर्माण की बात हो रही है, जिसका न तो कोई ग्रंथ है, न अनुनाई और न ही कोई अस्तित्व। इस धर्म संबंधी प्रोजेक्ट का एकमात्र उद्देश्य आपसी मतभेदों को दरकिनार कर पूरी दुनिया में शांति स्थापित करना है। 

क्यों चर्चा में है अब्राहमी धर्म?

हाल ही में अल-अज़हर के आला इमाम अहमद अल तैय्यब ने अब्राहमी धर्म की जमकर आलोचना की है जिसके बाद ये धर्म चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, मिस्र में मजहबी एकता के लिए शुरू हुई मुहिम मिस्र फैमिली हाउस की दसवीं वर्षगांठ के मौके पर इमाम ने कहा कि ईसाई, यहूदी और इस्लाम को एक ही धर्म में सम्मिलित करने की इच्छा रखने का आह्वान करने वाले लोग आएंगे और सभी बुराईयों से छुटाकार दिलाने की बात कहेंगे, लेकिन सभी धर्मों के लोगों को एक साथ लाना असंभव है। 

अल-तैय्यब ने इस मामले पर बात शुरु करते हुए कहा, "वे निश्चित रूप से दो धर्मों, इस्लामी और ईसाई के बीच भाईचारे को भ्रमित करने और दो धर्मों के मिश्रण और विलय को लेकर उठ रही शंकाओं के बारे में बात करना चाहते हैं।"

उन्होंने कहा, "ईसाई धर्म, यहूदी धर्म और इस्लाम को एक ही धर्म में मिलाने की इच्छा रखने का आह्वान करने वाले लोग आएंगे और कहेंगे कि सभी बुराईयों से छुटाकार दिलाएंगे। दूसरे के विश्वास का सम्मान करना एक बात है, और उस विश्वास को मानने लगना दूसरी बात है।"

क्या अब्राहमी धर्म एक राजनीतिक अह्वान है?

इस नए धर्म को नकारने वाले लोगों का मानना है कि ये धोखे और शोषण की आड़ में एक राजनीतिक आह्वान है, जिसका उद्देश्य  अरब देशों में इसराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाना और बढ़ाना है। 

"अब्राहमिया" शब्द का इस्तेमाल बीते साल सितंबर में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन द्वारा इसराइल के साथ हालातों को सामान्य करने के समझौते के साथ शुरू हुई थी। 

बता दें कि उस वक्त के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार जेरेड कुशनर द्वारा प्रायोजित समझौते को "अब्राहमी समझौता" कहा जाता है। उस वक्त अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा कहा गया था कि अमेरीका तीनों अब्राहमिक धर्मों और सभी मानवता के बीच शांति को आगे बढ़ाने के लिए अंतर-सांस्कृतिक और अंतरधार्मिक संवाद का समर्थन करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करता है। 

अमेरिका के इस बयान के बाद से ही विभिन्न देशों में धार्मिक सहिष्णुता और आपसी संवाद के बारे में बात शुरू हुई, जिसे अब्राहमी धर्म का रूप दे दिया गया। बता दें कि अब्राहमी फैमिली हाउस में एक मस्जिद, एक चर्च और एक अराधना करने की जगह सायनागॉग बना हुआ है, जिसे साल 2022 में आम लोगों के लिए खोला जाएगा। 

Arfa Javaid
Arfa Javaid

Content Writer

Arfa Javaid is an academic content writer with 2+ years of experience in in the writing and editing industry. She is a Blogger, Youtuber and a published writer at YourQuote, Nojoto, UC News, NewsDog, and writers on competitive test preparation topics at jagranjosh.com

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