भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी विशेषता है। देश के हर राज्य में अपना खान-पान, वेश-भूषा, सरस-संस्कृति और अनूठी परंपराएं हैं, जो कि राज्यों को विशेष बनाने का काम करती हैं। हमने अपने पिछले कई लेखों में भारत के अलग-अलग शहरों के बारे में जाना है।
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ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम भारत के एक ऐसे शहर के बारे में जानेंगे, जिसे चूड़ियों का शहर भी कहा जाता है। यहां पहुंचने पर आपको जगह-जगह कांच देखने को मिल जाएगा। कौन-सा है यह शहर और भारत के किस राज्य में है स्थित, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
किस शहर को कहा जाता है चूड़ियों का शहर
चूड़ी एक पांपरिक गहना है, जो कि भारत समेत एशियाई देशों में महिलाओं के हाथों में पहना जाना वाला प्रमुख अलंकरण है। भारतीय सभ्यता में इसका महत्व और भी अधिक है।
हिंदू सामाज में इसे सुहाग का चिह्न भी कहा जाता है। वैसे तो वर्तमान में कई प्रकार की चूड़ियां मौजूद हैं, जिसमें लाख की चूड़ी, पीतल की चूड़ी, सोने की चूड़ी और चांदी की चूड़ी आदि है। हाालंकि, इन सबके अलावा कांच की चूड़ी प्रमुख चूड़ी है।
अब सवाल यह है कि आखिर किस शहर को चूड़ियों का शहर कहा जाता है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य के फिरोजाबाद शहर को कांच की चूड़ियों का शहर कहा जाता है। दरअसल, फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश में एक जिला है, जो कि चूड़ियों के लिए जाना जाता है।
क्यों कहा जाता है चूड़ियों का शहर
यदि आप फिरोजाबाद शहर जा रहे हैं, तो आपको इस शहर में प्रवेश करते ही कई छोटी-बड़ी चिमनियां देखने को मिल जाएंगी। यहां पर चूड़ियों का लघु उद्योग है, हालांकि इनकी संख्या अधिक है।
ऐसे में यह शहर ऐसा शहर है, जहां पर बड़ी संख्या में चूड़ियों का निर्माण किया जाता है। यहां कांच की चूड़ियों का निर्माण होने के बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाता है।
किस तरह तैयार किया जाता है कांच
चूड़ियां बनाने के लिए सबसे पहले कांच तैयार किया जाता है, जिसके लिए रेता, सोडा और कलई का प्रयोग किया जाता है। इस रेत में मिट्टी का भाग कम होता है, जबकि पत्थर का भाग अधिक होता है।
कांच को बनाने के लिए इस रेत को महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश से लाया जाता है। राजस्थान के बूंदी में मिलने वाले रेत में 0.6 प्रतिशत लौह अयस्क होता है। ऐसे में यह रेत सफेद और रंगीन चूड़ियां बनाने में काम आता है।
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