बैंक समाज का एक अभिन्न अंग हैं, ये वित्तीय संस्थान हैं जिसमें मौद्रिक लेनदेन होता है. आजकल बैंक में धोखाधड़ी एक आम घटना बन गई है. बैंक धोखाधड़ी सभी नागरिकों से संबंधित है, यह झूठे दस्तावेजों, चेक, ड्राफ्ट, बिल या खाते आदि का उपयोग करके धोखेबाज प्रस्तुतियों के माध्यम से की जा सकती है.
इस बात को नाकारा नहीं जा सकता है कि यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि यह सार्वजनिक विश्वास को प्रभावित करता है जिस पर पूरे बैंकिंग प्रणाली पूर्व-प्रभुत्व आधारित है. आइये सबसे पहले बैंक ऑफ महाराष्ट्र के बारे में और फिर बैंक ऑफ महाराष्ट्र घोटाला 2018 के बारे में अध्ययन करते हैं.
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
बैंक ऑफ महाराष्ट्र एक सार्वजनिक क्षेत्र का महाराष्ट्र में बैंक है, जो व्यक्तिगत बैंकिंग, नकद प्रबंधन, खुदरा ऋण और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है. यह एकमात्र राष्ट्री यकृत बैंक है जिसका मुख्या्लय पुणे में है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को 16 सितंबर, 1935 को पंजीकृत किया गया था और 8 फरवरी, 1936 को इसने अपना कारोबार शुरू किया. आज इसमें 1,375 शाखाओं का सबसे बड़ा नेटवर्क है और इसके बैंक 22 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं और लगभग 345 एटीएम का नेटवर्क है.
उनकी सेवाओं में जमा, बचत / चालू बैंक खाता, वाहन ऋण, व्यक्तिगत ऋण, खुदरा व्यापार वित्त, वैश्विक बैंकिंग, प्राथमिकता क्षेत्र और लघु उद्योग, विदेशी मुद्रा और निर्यात वित्त, कॉर्पोरेट ऋण और उपकरण ऋण आदि शामिल हैं. चार्ज शीट के अनुसार बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा लगभग Rs 2,043.18 करोड़ का घोटाला किया गया है. पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 2 बिलियन की धोखाधड़ी के बाद दूसरी बार ऐसा हुआ है. आइये बैंक ऑफ महाराष्ट्र घोटाले के बारे में अध्ययन करते हैं.
भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले कौन-कौन से हैं?
बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) घोटाला 2018 क्या है?
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीईओ रविंद्र मराठे और कार्यकारी निदेशक राजेंद्र गुप्ता ने झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए और पुणे के डेवलपर डी. एस कुलकर्णी को ऋण उपलब्ध कराया. ऐसा कहा जा रहा है कि BOM के अधिकारीयों ने डी.एस कुलकर्णी डेवलपर्स लिमिटेड के साथ हाथ मिलाकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के खिलाफ जाकर ऋण देने की मंजूरी दी थी.
आखिर बैंक धोखाधड़ी या फ्रॉड क्या होता है?
बैंक या वित्तीय संस्थान की सबसे महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों में से एक है वित्तीय संपत्तियों की रक्षा करना ताकि संस्था की अखंडता बनी रहे. बैंक धोखाधड़ी को किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से अवैध रूप से रखने या प्राप्त करने का प्रयास करने के लिए किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा अनैतिक और / या आपराधिक कार्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. बैंक धोखाधड़ी कई प्रकार की हो सकती है जैसे क्रेडिट कार्ड फ्रॉड, चेक फ्रॉड, इलेक्ट्रोनिक फ्रॉड, identity theft इत्यादि.
बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) घोटाले के बारे में विशिष्ट तथ्य
- चार्ज शीट के अनुसार महाराष्ट्र बैंक का घोटाला लगभग Rs 2,043.18 करोड़ का है.
- इस घोटाले में सीईओ रविंद्र मराठे और कार्यकारी निदेशक, राजेंद्र गुप्ता, छह अध्यक्षों में से हैं, जिनमें पूर्व अध्यक्ष सुशील मुह्नोत, BOM के प्रबंध निदेशक, BOM प्रबंधक, CA और डी. एस कुलकर्णी डेवलपर्स लिमिटेड के कर्मचारी शामिल हैं.
- डी.एस. कुलकर्णी एक प्रसिद्ध डेवलपर है जो पुणे, मुंबई और कोल्हापुर में हजारों निवेशकों के साथ काम कर चुके हैं.
- इस घोटाले में डीएसके ग्रुप ने पहले निवेशकों, बैंकों, घर के खरीदारों और वित्ती य संस्थाडनों से पैसे जुटाए और बाद में उसे बेइमानी से निकाल लिया.
- इकोनॉमिक एंड ऑफेंस विंग (Economic and Offences Wing, EOW) टीम ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र घोटाले में शामिल BOM की पूरी टीम को गिरफ्तार किया है.
- अभियुक्तों को धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 406 (ट्रस्ट का आपराधिक उल्लंघन), 409 (सरकारी कर्मचारी, बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा ट्रस्ट का आपराधिक उल्लंघन), 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी) और अन्य भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक खंड और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है.
तो अब आप बैंक ऑफ महाराष्ट्र घोटाला 2018 के बारे में जान गए होंगे कि यह कैसे हुआ, किसने किया और इसके खिलाफ क्या-क्या कारवाई की गई है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation