भारत में बजट पेश करने की प्रक्रिया क्या है?
भारतीय संविधान का ‘अनुच्छेद 112’ कहता है कि भारत के वित्त मंत्री द्वारा प्रति वर्ष संसद में बजट पेश किया जाना चाहिए | बजट को ‘वार्षिक वित्तीय विवरण‘ के नाम से भी जाना जाता है| NDA सरकार का पांचवा आम बजट वित्तमंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी 2018 को संसद में पेश करेंगे। इस लेख में आप जानेंगे कि बजट संसद में पेश होने से पहले किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरता है और इसको बनाने में किस तरह की सावधानी रखी जाती है|
बजट क्या होता है?
“बजट” शब्द अंग्रेजी के शब्द "Bowgette" से लिया गया है जिसकी उत्पत्ति फ्रेंच शब्द “Bougette” से हुई है| “Bougette” शब्द भी “Bouge” से बना है जिसका अर्थ चमड़े का बैग होता है| साधारण शब्दों में कहें तो बजट एक निश्चित अवधि के लिए संभावित आय और खर्च का ब्यौरा होता है|
बजट क्यों पेश किया जाता है?
दरअसल बजट में केंद्र सरकार के 3 वर्ष के आय और व्यय का लेखा-जोखा होता है| वित्तमंत्री संसद में यह बताते हैं कि पिछले साल सरकार की आय और व्यय कितनी थी, वर्तमान वर्ष में कितनी है और अगले साल ‘आय और व्यय’ कितनी होने की उम्मीद है| इस प्रकार बजट के माध्यम से सरकार पूरे देश को यह बताती है कि वह जनता की कमाई का एक-एक पैसा योजनाबद्ध तरीके से इस्तेमाल कर रही है | बजट के माध्यम से ही देश की आर्थिक स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्शाया जाता है|
बजट को कौन तैयार करता है?
बजट, भारत के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) के तहत आने वाले ‘बजट विभाग’ की देखरेख में तैयार होता है। यही विभाग हर साल भारत का बजट तैयार करता है|
यह कैसे तय होता है कि किस मंत्रालय को कितना रुपया मिलेगा
हर मंत्रालय की कोशिश होती है कि बजट में अधिक से अधिक फंड पा जाये। इसके लिए अक्टूबर- नवंबर में वित्त मंत्रालय अन्य मंत्रालयों के साथ बैठक करके एक खाका (blue print) तैयार करता है कि किस मंत्रालय को कितनी राशि बजट में आवंटित की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी वित्त मंत्रालय के साथ मोलभाव (negotiate) करते हैं। सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के बीच यह प्रक्रिया नवंबर तक चलती है।
वर्ष 2017 का बजट अलग क्यों है ?
वर्ष 2017 का बजट दो कारणों से अलग कहा जा रहा है:
1. हर वर्ष की तरह यह 28 फरबरी को पेश ना होकर 1 फरवरी को पेश किया जायेगा |
2. इस वर्ष के बजट में रेल बजट को भी शामिल किया गया है| इस प्रकार अलग से रेल बजट पेश ना करके 92 साल पुरानी परंपरा को तोड़ दिया गया है |
बजट बनाने की शुरुआत कब से होती है?
आम तौर पर बजट बनाने की शुरुआत अगस्त-सितंबर के बीच जारी होने वाले बजट सर्कुलर से होती है दरअसल वित्त विभाग का बजट डिवीजन अगस्त के आखिर या सितंबर की शुरुआत में ही बजट सर्कुलर जारी करता है। इस सर्कुलर में भारत सरकार और उसके सभी मंत्रालयों से संबंधित कंटेंट तथा स्टेटमेंट का पूरा विवरण मांगा जाता है। इसके आधार पर बजट की रूप-रेखा तैयार की जाती है। इसके बाद सितंबर के आखिर तक अगले वित्त वर्ष के लिए सरकारी खर्च का अनुमानित आंकड़ा तैयार किया जाता है।
हलवा समारोह (Halwa Ceremony) क्या होता है?
बजट से संबंधित दस्तावेजों की छपाई की प्रक्रिया शुरू होने से ठीक पहले नॉर्थ ब्लॉक में एक भव्य 'हलवा समारोह' का आयोजन किया जाता है। इस समारोह में वित्तमंत्री द्वारा बजट से संबंधित सभी मंत्रियों और अधिकारियों के बीच हलवा वितरित किया जाता है। इस समारोह के बाद बजट की तैयारियों से संबंधित सभी सरकारी अधिकारियों को मोबाइल या इंटरनेट के बिना एक अज्ञात कमरे में बंद कर दिया जाता है। ये अधिकारीगण उस कमरे से बाहर तब-तक नहीं आते हैं जब तक कि वित्तमंत्री बजट प्रस्तुति के लिए तैयार नही हो जाते हैं|
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बजट का ड्राफ्ट कब तैयार किया जाता है ?
दिसंबर आते ही बजट की पहली ड्राफ्ट कॉपी (first cut of budget) को वित्त मंत्री के सामने रखा जाता है। ड्राफ्ट कॉपी का पेपर नीले रंग का होता है। दरअसल ऐसा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि काली स्याही , लाइट नीले रंग के पेपर पर ज्यादा ठीक से दिखती है।
वित्तमंत्री द्वारा उद्योग समूह के प्रतिनिधियों से परामर्श
बजट बनाने की प्रक्रिया के तहत जनवरी माह में विभिन्न उद्योग समूह के प्रतिनिधियों, बैंक एसोसिएशन और जाने-माने अर्थशास्त्रियों से वित्तमंत्री की मीटिंग होती है। वित्तमंत्री सबकी सलाह सुनते हैं,हालांकि उनकी सलाह को मानने के लिए वित्तमंत्री बाध्य नही है।
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वित्तमंत्री श्री जेटली ने 4 जनवरी 2017 को पूर्व बजट विचार-विमर्श के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्तमंत्रियों के साथ मीटिंग भी की है| इस मीटिंग में वित्त राज्य मंत्री श्री संतोष गंगवार, वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, श्री अशोक लवासा,वित्त सचिव,श्री शक्तिकांत दास, सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग (DEA), डॉ हसमुख अधिया, राजस्व सचिव, डॉ अरविंद सुब्रमण्यम, मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) , वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों विभिन्न उद्योग समूह के प्रतिनिधियों और बैंक एसोसिएशन और जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया था|
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करना
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सामान्य तौर पर बजट 11 बजे पेश होता है| बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री भारत के राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने संक्षिप्त बजट पेश करते हैं। इसके बाद बजट को संसद पटल पर रखा जाता है। वित्तमंत्री, बजट के प्रमुख बिंदुओं को पूरी संसद और देश के सामने प्रस्तुत करते हैं, इसे ही बजट का पेश करना कहा जाता है|