वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक (सीपीआई) दुनिया के सबसे कम और सबसे भ्रष्ट देशों की एक वार्षिक सूची है. इस लिस्ट को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा 1995 से जारी किया जा रहा है. यह सूची सार्वजनिक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के आधार पर देशों की रैंक को निर्धारित करती है.
वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2019 सूची में 180 देश और क्षेत्र शामिल किये गये हैं. वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2019 में भारत की रैंक 180 देशों में 80 है.
नोट: यदि किसी देश का स्कोर कम है तो इसका मतलब है कि यह अधिक भ्रष्ट है और अधिक स्कोर वाले देशों में कम भ्रष्टाचार व्याप्त है.
वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2019 सूची में शामिल प्रमुख देश इस प्रकार है; (List of Corruption Perception Index 2019)
रैंक | देश | स्कोर |
1 | डेनमार्क, न्यूजीलैंड | 87 |
3 | फिनलैंड | 86 |
4 | सिंगापुर, स्वीडन, स्विट्जरलैंड | 85 |
7 | नॉर्वे | 84 |
8 | नीदरलैंड | 82 |
9 | जर्मनी | 80 |
9 | लक्समबर्ग | 80 |
11 | आइसलैंड | 78 |
12 | ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा, यूके | 77 |
16 | हॉगकॉग | 76 |
20 | जापान | 73 |
23 | फ्रांस, अमेरिका | 69 |
25 | भूटान | 68 |
39 | दक्षिण कोरिया | 59 |
70 | दक्षिण अफ्रीका | 44 |
80 | चीन | 41 |
80 | भारत | 41 |
93 | श्रीलंका | 38 |
106 | ब्राज़ील | 35 |
103 | नेपाल | 34 |
120 | पाकिस्तान | 32 |
130 | मैक्सिको | 29 |
137 | रूस | 28 |
173 | अफगानिस्तान | 16 |
180 | सोमालिया | 9 |
वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2019 के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं; (Key Points of Corruption Perception Index 2019)
1. सबसे अधिक भ्रष्ट देश हैं क्रमशः सीरिया, दक्षिण सूडान और सोमालिया और इनके स्कोर हैं क्रमशः 13, 12 और 9.
2. सबसे कम भ्रष्ट देश हैं; डेनमार्क और न्यूजीलैंड (स्कोर 87), फिनलैंड (स्कोर 86), स्वीडन, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर (स्कोर 85).
3. भारत की रैंक 80 है जो कि जैसे अन्य देशों चीन, बेनिन, घाना और मोरोक्को की रैंक भी है.
4. इस वर्ष के विश्लेषण से पता चलता है कि भ्रष्टाचार उन देशों में अधिक प्रचलित है, जहाँ धन भारी मात्रा में स्वतंत्र रूप से चुनावी अभियानों में प्रवाहित हो सकता है और सरकार केवल धनी व्यक्तियों की सुनती है.
वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक 2019 (Corruption Perception Index 2019) की यह सूची विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए
उम्मीदवारों को इसे ध्यान से पढ़ने की आवश्यकता है. ऐसे और अधिक लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें;
Comments
All Comments (0)
Join the conversation