भारत में प्रतिदिन 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जिनमें 2.5 करोड़ से अधिक यात्री सफर कर अपनी मंजिलों तक पहुंचते हैं। आपने भारत की सबसे सुपर फास्ट से लेकर प्रीमियम ट्रेनों के बारे में पढ़ा होगा।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की एक सबसे महंगी ट्रेन भी है, जिसमें आम व्यक्ति का सफर करना मुश्किल है। यह इतनी मंहगी ट्रेन है कि इस ट्रेन में यात्रा करने के लिए यात्री को 8 लाख रुपये से लेकर 16 लाख रुपये से अधिक का किराया चुकाना होता है। यह ट्रेन राजसी अनुभव के साथ विलासिता प्रदान करती है।
कौन-सी है सबसे महंगी ट्रेन
भारत की सबसे महंगी ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स(Palace on wheels) है। यह ट्रेन सामान्य ट्रेन से बिल्कुल अलग है, जिसे खासतौर पर डिजाइन किया गया है। ट्रेन की अंदर से बनावट भी पूरी तरह से अलग है, जिसमें रेस्तरां से लेकर बार तक शामिल है।
कितना लगता है किराया
पैलेस ऑन व्हील्स में यात्रा करने के लिए आपको पहले से बुकिंग करानी होती है। वहीं, ट्रेन में डीलक्स केबिन के लिए 8 लाख रुपये से अधिक का किराया चुकाना पड़ता है। यदि आप सुपर डीलक्स केबिन लेते हैं, तो आपको 16 लाख रुपये से अधिक का किराया देना पड़ेगा।
करीब एक सप्ताह तक होती है यात्रा
पैलेस ऑन व्हील्स का टिकट बुक करने पर आपकी यात्रा सप्ताह भर तक रहती है। इस दौरान आपको भारत के अलग-अलग शहरों में प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ले जाया जाएगा।
कहां-कहां यात्रा करवाती है ट्रेन
पैलेस ऑन व्हील्स यात्रियों को जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर और आगरा के ताजमहल की यात्रा करवाती है। इस दौरान इन शहरों में राजसी खाना और एक्टिविटी भी शामिल होती है।
निजी बटलर की होती है सुविधा
ट्रेन में चढ़ते ही यात्रियों को निजी बटलर की सुविधा दी जाती है, जो कि पूरी यात्रा के दौरान यात्रियों की सेवा में रहते हैं। यात्रियों को उनका एक निजी केबिन दिया जाता है, जिसमें बाथ टब से लेकर अन्य सुविधाएं मौजूद होती हैं। वहीं, ट्रेन में स्पा और सैलून की भी सुविधा है।
दिल्ली से चलती है ट्रेन
ट्रेन का संचालन दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन किया जाता है। यहां से चलने के बाद यह जयपुर होते हुए राजस्थान के विभिन्न शहरों में घूमते हुए आगरा होते हुए वापस दिल्ली आती है।
हर स्टेशन पर होता है स्वागत
ट्रेन के यात्रियों का हर स्टेशन पर विशेष रूप से स्वागत किया जाता है। इस दौरान यात्रियों को माला पहनाकर व टीका लगाकर भारतीय संस्कृति से जोड़ा जाता है। वहीं, स्टेशन पर राजस्थान के लोकनृत्य व संगीत की भी झलक देखने को मिलती है। ट्रेन का संचालन 1982 से राजस्थान सरकार और भारतीय रेलवे द्वारा मिलकर किया जा रहा है।
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