एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट में क्या होता है अंतर, जानें

Mar 3, 2023, 13:34 IST

एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट, दोनों ही प्रस्ताव और आपसी सहमति से होते हैं। कई कामों में दो व्यक्तियों या पार्टी के बीच एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट किया जाता है। हालांकि, इन दोनों के बीच अंतर है। दोनों के बीच अंतर समझने के लिए यह लेख पढ़ें। 

एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट में अंतर
एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट में अंतर

दो पक्षों के बीच औपचारिक रूप से काम करने के लिए एग्रीमेंट यानि समझौता और कांट्रैक्ट यानि अनुबंध का इस्तेमाल किया जाता है। इसके माध्यम से काम को आपसी सहमति और कुछ शर्तों के साथ किया जाता है। दोनों का ही अपना महत्व है, जो कि अलग-अलग स्थितियों में इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, लोग अक्सर इन दोनों के बीच दुविधा में पड़ जाते हैं। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से एग्रीमेंट और कांट्रैक्ट के बीच अंतर बताएंगे। ऐसे में आप भविष्य में  दोनों का अपनी जरूरत का हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों के बीच अंतर जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

 

क्या होता है एग्रीमेंट

यह एक तरह से अनौपचारिक समझौता होता है, जो कि दो पक्षों के बीच किया जाता है। इसमें दो पक्ष अपनी आपसी समझ से किसी भी काम को लेकर अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं। इसमें समझौते का पालन करने के लिए किसी बाहरी साधन के बजाय दोनों पक्ष खुद से ही अपनी-अपनी जिम्मेदारी से काम करते हैं। 

 

क्या होता है कांट्रैक्ट

कांट्रैक्ट अक्सर किसी व्यक्ति या किसी कंपनी के साथ किया जाता है। यह एक कानूनी समझौता होता है, जिसमें व्यक्ति या कंपनी को एक समय-सीमा के अंदर कांट्रैक्ट के तहत काम करना होता है। वहीं, कई बार कांट्रैक्ट की समय-सीमा गुजरने की स्थिति में जुर्माने का भी प्रावधान होता है। इसमें काम करने के बदले राशि का भी भुगतान किया जाता है। 

 

कांट्रैक्ट और एग्रीमेंट में अंतर 

यहां यह समझना जरूरी है कि सभी कांट्रैक्ट एग्रिमेंट हो सकते हैं, लेकिन सभी एग्रीमेंट कांट्रैक्ट नहीं हो सकते हैं। दरअसल, एक कांट्रैक्ट में प्रस्ताव, समझ, स्वीकृति और प्रतिफल(देनदारी) की जरूरत होती है, तभी इसे कानून द्वारा लागू किया जाएगा, जबकि एग्रीमेंट में यह सभी चीजें मायने नहीं रखती है, फिर भी यह वैध होता है। हम इसे एक उदाहरण से समझ लेते हैं, मान लिजिए कि आपके दोस्त ने आपसे आपकी गाड़ी उधार मांगी है। आप दोनों के बीच इसे लेकर एक सहमति हुई कि आपका दोस्त कितने दिनों तक आपकी गाड़ी का इस्तेमाल करेगा, तो यह एक समझौता यानि एग्रीमेंट हो गया। वहीं, यदि आपका दोस्त आपकी गाड़ी के बादले आपको कुछ रुपये का भुगतान भी करे, यानि आपको कुछ प्रतिफल मिले, तब यह कांट्रैक्ट यानि अनुबंध हो जाएगा। 

 

अब हम टेबल के माध्यम से इन दोनों के बीच अंतर समझ लेते हैं।

 

अनुबंध

समझौता

समझौता कानून द्वारा लागू होने पर अनुबंध बन जाता है।

समझौतों में कानून की आवश्यकता नहीं होती है। 

भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 की धारा 2 (h) में उल्लेखित है।

भारतीय अनुबंध अधिनियम 1872 की धारा 2(e) में उल्लेखित है।

अनुबंध का हमेशा कानूनी दायित्व होता है।

समझौते में परिस्थितियों के अनुसार कानून दायित्व निर्भर करता है।

दूसरा पक्ष प्रतिफल देता है।

इसमें प्रतिफल जरूरी नहीं है।



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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
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