क्या आपके मोबाइल पर भी हाल ही में एक इमेरजेंसी अलर्ट वाला मैसेज आया है। यह मैसेज दूरसंचार विभाग यानि Department of Telecommunications(DoT) की ओर से भेजा रह है।
पूरे देश में इस मैसेज को भेजा जा रहा है। ऐसे में कुछ लोगों के मोबाइल के फोन पर यह मैसेज पहुंच गया है, जबकि जिन लोगों तक यह मैसेज नहीं पहुंचा है, उन लोगों तक भी यह मैसेज जल्द ही पहुंच जाएगा।
पढ़ेंः दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ने वाले 10 पक्षी, जानें
ऐसे में यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर क्या है यह मैसेज और पूरे देश में क्यों भेजा जा रहा है यह मैसेज, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
हिंदी और अंग्रेजी भाषा में मिल रहा है संदेश
उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में दूससंचार विभाग की ओर से एक अलर्ट संदेश भेजा रहा है। कुछ लोगों को यह संदेश हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में प्राप्त हुआ है। ऐसा भी माना जा रहा है कि अन्य भाषाओं के लोगों को देखते हुए इसे अन्य भाषाओं में भी जारी किया जा रहा है। मोबाइल में यह अलर्ट संदेश प्राप्त होने पर एक अलर्ट घंटी बजने लगती है, जिससे उपभोक्ता अलर्ट हो जाता है।
क्यों भेजा जा रहा है संदेश
अब सवाल यह है कि आखिर मोबाइल पर यह संदेश क्यों भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि इस संदेश का प्रयोग सेल बॉडकॉस्टिंग के लिए किया जा रहा है, जिससे एक ही समय पर कई लोगों को सूचित किया जा सके। ऐसे में सरकार की ओर से एक टेस्टिंग मैसेज भेजा जा रहा है।
क्या है सेल ब्रॉडकास्टिंग
सेल ब्रॉडकास्टिंग में एक संदेश को कई लोगों तक पहुंचाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य सरकार या फिर किसी एजेंसी की ओर से किसी जरूरी जानकारी को पहुंचाना होता है।
क्या है प्रमुख उद्देश्य
लोगों को भेजे जा रहे इस संदेश का प्रमुख उद्देश्य किसी भी प्राकृतिक या मानवजनित आपदा के समय लोगों को सूचित करना है। ऐसे में इस संदेश के लिए उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार का कोई रिप्लाई नहीं करना है।
20 जुलाई को हो गई थी घोषणा
इस संदेश के संबंध में बीती 20 जुलाई को ही सरकार की ओर से घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद इसे लोगों तक पहुंचाना शुरू हो गया था। ऐसे में अलग-अलग अंतराल में लोगों तक संदेश पहुंच रहे हैं, जिससे यह जांचा जा सके कि सरकार की ओर से सेल ब्रॉडकास्टिंग की पहल काम कर रही है या नहीं।
इससे इनपुट लेकर सरकार को इस सेवा में सुधार करने का भी मौका मिलेगा।
पढ़ेंःदुनिया के इन देशों में नहीं है एक भी नदी, जानें
पढ़ेंः दुनिया के इन देशों में मुश्किल से देखने को मिलता है वन क्षेत्र, देखें लिस्ट
Comments
All Comments (0)
Join the conversation