उत्तर प्रदेश उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों में से एक है। भारत का यह राज्य कृषि के साथ उद्योग व अन्य क्षेत्रों में भी प्रथम स्थान पर है। 7965 गांवों का यह प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है, जिनकी कुल संख्या 75 है, जो कि 18 मंडल में आते हैं।
इसके साथ ही यह राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जिसका कुल क्षेत्रफल 243, 284 वर्ग किलोमीटर है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, इस राज्य की जनगणना 19 करोड़ 98 लाख, 12 हजार 341 दर्ज की गई थी।
वहीं, वर्तमान में उत्तर प्रदेश की राजधानी की बात करें, तो वह लखनऊ है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि लखनऊ से पहले इस प्रदेश की राजधानी कौन-कौन से जिले रह चुके हैं। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश का परिचय
उत्तर प्रदेश में जब ब्रिटिश राज चल रहा था, तब इसे 1836 से उत्तर-पश्चिम प्रांत नाम से जाना जाता था। हालांकि, बाद में 1877 से उत्तर-पश्चिम आगरा एवं अवध प्रांत के नाम से जाना जाता था। वहीं, 1902 से संयुक्त प्रांत आगरा एवं अवध के नाम से इस प्रदेश को नाम मिला। साल 1937 से इस प्रदेश का नाम संयुक्त प्रदेश हो गया। इसके बाद अंत में 24 जनवरी 1950 को इस राज्य का नाम उत्तर प्रदेश कर दिया गया।
पहले यह जिला हुआ करता था राजधानी
उत्तर प्रदेश का आगरा जिला 1836 से इस प्रदेश की राजधानी हुआ करता था। हालांकि, बाद में इसे बदल दिया गया।
यह जिला बना प्रदेश की राजधानी
पहले आगरा जिला प्रदेश की राजधानी हुआ करता था, लेकिन, बाद में 1858 से प्रयागराज को प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया। हालांकि, प्रदेश का यह जिला भी लंबे समय तक राजधानी नहीं रहा।
1921 में आंशिक रूप से राजधानी बना लखनऊ
साल 1921 में लखनऊ को आंशिक रूप से राजधानी बनाया गया। हालांकि, यह वह समय था, जब लखनऊ स्थायी रूप से प्रदेश की राजधानी नहीं बना था। ऐसे में इसकी राजधानी बदलने की आशंका थी।
1935 से बनी स्थायी राजधानी
साल 1935 में वह समय भी आ गया, जब उत्तर प्रदेश की स्थायी राजधानी बनी। उस समय लखनऊ को ही स्थायी तौर पर राजधानी घोषित करने का निर्णय लिया गया और इसके बाद से अभी तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ही है।
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