Independence Day 2025: भारत का तिरंगा सिर्फ एक ध्वज नहीं, बल्कि हमारी स्वतंत्रता, एकता और गर्व का प्रतीक है। 15 अगस्त 2025 को जब हम 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, तो ज़रूरी है कि हम भारत सरकार के "Flag Code of India, 2002" और आधिकारिक दिशानिर्देशों के अनुसार तिरंगे को फहराएं। सही तरीके से ध्वजारोहण करने से हम न केवल सम्मान प्रदर्शित करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देशभक्ति का सही संदेश भी देते हैं।
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ध्वजारोहण का क्या है सही तरीका
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तिरंगे को नीचे से ऊपर तेज़ी और सहजता से फहराएं।
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यह ऊपर की ओर गति 1947 में उपनिवेशवाद से आज़ादी का प्रतीक है।
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ध्वज को धीरे और सम्मानपूर्वक नीचे उतारें।
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क्षैतिज अवस्था में फहराते समय केसरिया रंग हमेशा ऊपर होना चाहिए और लंबवत अवस्था में यह बाईं ओर होना चाहिए।
तिरंगे का क्या होता है आकार
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तिरंगा आयताकार होना चाहिए, जिसका अनुपात लंबाई:ऊंचाई 3:2 हो।
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सामग्री: हस्तकाता या हाथ से बुना कॉटन, पॉलिएस्टर, ऊन, रेशम या खादी बंटिंग; अब मशीन से बने ध्वज भी मान्य हैं।
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ध्वज साफ, बिना दाग-धब्बों और बिना फटे होना चाहिए।
समय और रोशनी से जुड़ी बातें
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तिरंगा दिन के किसी भी समय फहराया जा सकता है।
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अब रात में भी फहराना संभव है, बशर्ते वह उचित रूप से रोशन और स्पष्ट दिखाई दे।
सम्मान और स्थान:
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तिरंगे को हमेशा सम्मान और प्रमुखता की जगह पर प्रदर्शित करें।
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यह कभी भूमि, पानी या फर्श को न छुए।
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ध्वज को उल्टा न फहराएं और न ही किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झुकाएं।
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किसी अन्य झंडे, प्रतीक या सजावट को तिरंगे से ऊपर या आगे न लगाएं।
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तिरंगे का उपयोग कपड़े, सजावट या एक्सेसरीज़ के रूप में न करें।
भागीदारी और विशेष अभियान
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निजी नागरिक, संस्थान और संगठन सभी इन नियमों के तहत तिरंगा फहरा सकते हैं।
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"हर घर तिरंगा" अभियान के तहत 2 अगस्त से 15 अगस्त 2025 तक नागरिकों को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
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फटा या खराब ध्वज सम्मानपूर्वक बदला और सही तरीके से निस्तारित किया जाना चाहिए, जिसके लिए उसे सम्मानपूर्वक जलाना उचित तरीका है।
समारोह के दौरान प्रोटोकॉल
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ध्वजारोहण या अवरोहण के समय लोग सावधान मुद्रा में खड़े होकर ध्वज की ओर मुख करें।
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वर्दीधारी लोग सलामी देंगे।
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ध्वज को तेज़ी से ऊपर और धीरे-धीरे नीचे लाया जाता है।
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आमतौर पर समारोह के दौरान राष्ट्रगान बजाया या गाया जाता है।
वाहनों पर तिरंगे के उपयोग की सीमा
केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मंत्री, उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जैसे उच्च पदस्थ अधिकारी ही अपने वाहनों पर तिरंगा लगा सकते हैं। ये सभी नियम इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय तिरंगा हर समय और हर अवसर पर सर्वोच्च सम्मान और गरिमा के साथ प्रदर्शित हो।
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