Independence Day 2025: भारत में स्वतंत्रता दिवस केवल एक तिथि या औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह उस संघर्ष, बलिदान और एकता का प्रतीक है जिसने हमें एक आज़ाद और संप्रभु राष्ट्र बनाया। 15 अगस्त 1947 को मिली आज़ादी के बाद से हर साल यह दिन हमें न केवल अंग्रेजी हुकूमत के अंत की याद दिलाता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि स्वतंत्रता की रक्षा और उसका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। साल 2025 में यह अवसर और भी खास है क्योंकि पीएम मोदी एक बार फिर से लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र ध्वज फहरायेंगे और देश को संबोधित करेंगे.
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स्वतंत्रता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य की 200 से अधिक वर्षों की गुलामी से मुक्ति पाई। यह केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं था, बल्कि करोड़ों भारतीयों के त्याग, संघर्ष और अदम्य साहस का परिणाम था। स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों, नेताओं और आम नागरिकों ने कठिनाइयों का सामना करते हुए देश के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया।
78 साल पूरे, लेकिन 79वां स्वतंत्रता दिवस क्यों?
कई लोग सोच रहे हैं कि 2025 से 1947 घटाने पर 78 आता है, इसलिए यह 78वां स्वतंत्रता दिवस होगा। लेकिन यह गणना पूरी हुई स्वतंत्रता के वर्षों की है, न कि स्वतंत्रता दिवसों की। 1947 में ही पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था, यानी गिनती ‘एक’ से शुरू होती है, ‘शून्य’ से नहीं। इसलिए 2025 में भारत 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।
उत्सव और एकता का प्रतीक
स्वतंत्रता दिवस न केवल तिरंगा फहराने और देशभक्ति के गीतों का दिन है, बल्कि यह भारत की विविधता में एकता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय उपलब्धियों का जश्न है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है।
इस साल का आयोजन क्यों है खास
79वां स्वतंत्रता दिवस (79th Independence Day) ऐसे समय पर आ रहा है जब भारत सामाजिक और आर्थिक विकास के नए मापदंड स्थापित कर रहा है। यह अवसर हमें न केवल अतीत के गौरव को याद करने का मौका देता है, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने का भी। हर साल का यह उत्सव हमें सिखाता है कि स्वतंत्रता की रक्षा निरंतर प्रयास और एकजुटता से ही संभव है।
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