जानें भारत के पहले अंतर्राष्ट्रीय मानक रेलवे स्टेशन के बारे में

ऐसा माना जा रहा है कि भारत का सबसे पहला निजी अंतर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन 2019 के अंत तक बन कर तैयार हो जाएगा. क्या आप जानते हैं इसे कहां बनाया जा रहा है, इसमें क्या-क्या खूबियाँ होंगी. सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहाँ पर लोग विश्व स्तरीय सुविधाओं का आनंद ले सकेंगे. आइये इस लेख के माध्यम से स्टेशन के बारे में जानते हैं.    

Nov 20, 2019, 11:35 IST
India's first international standard  Railway station
India's first international standard Railway station

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन ही भारत का सबसे पहला निजी अंतर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर आधारित है. इस स्टेशन के पुनर्विकास का खर्च लगभग 100 करोड़ रुपये होगा और स्टेशन के आसपास के वाणिज्यिक विकास पर लगभग 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे. रेल मंत्रालय चरणों में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास पर काम कर रहा है.

यह स्टेशन जिसे IRSDC द्वारा पुनर्विकास किया जा रहा है, एक समर्पित श्रेणी के साथ विश्व स्तरीय पारगमन हब होगा. IRSDC के एमडी और सीईओ, एस.के लोहिया के अनुसार इस परियोजना के सारे सिविल काम पूरे हो चुके हैं. उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि दिसंबर 2019 के अंत तक हबीबगंज रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास पूरा हो जाएगा और यह पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा". जर्मनी में हीडलबर्ग (Heidelberg) रेलवे स्टेशन की तर्ज पर स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है.

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हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के बाद क्या-क्या सुविधाएं दी जाएंगी.

- जेशन-फ्री नॉन-कांफ्लिक्टिंग एंट्री (congestion-free non-conflicting entry)

- स्टेशन परिसर से आसानी से बाहर निकलना

- यात्रियों के आगमन और प्रस्थान में दिक्कत न आना. मतलब कि भीड़भाड़ होने पर भी पर्याप्त मात्र में प्रस्थान किया जा सकेगा.

- शहर के दोनों किनारों पर एकीकरण, जहां भी संभव हो, अन्य परिवहन प्रणाली के साथ एकीकरण शामिल हैं जैसे बस, मेट्रो इत्यादि.

- उपयोगकर्ता के अनुकूल अंतरराष्ट्रीय सिगनेज (signage)

- अच्छी तरह से प्रबुद्ध क्षेत्र और ड्रॉप ऑफ, पिक अप और पार्किंग इत्यादि के लिए पर्याप्त प्रावधान.

क्या आप जानते हैं कि भारत सरकार ने किसके साथ हबीबगंज को पीपीपी मॉडल पर समझौता किया है?

मार्च 2017 को भारतीय रेलवे द्वारा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित हबीबगंज को पूर्ण रूप से पहले निजी रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया गया. भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशन की देख-रेख के समस्त अधिकार प्राइवेट कम्पनी बंसल ग्रुप को सौंपे गये. इस स्टेशन पर रेलवे केवल गाड़ियों का संचालन करेगी तथा रेलवे स्टेशन का संचालन प्राइवेट कंपनी बंसल ग्रुप करेगी. भारतीय रेल ने बंसल ग्रुप के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत समझौता किया था.

आखिर ये समझौता था क्या?

बंसल ग्रुप के साथ पीपीपी मॉडल पर समझौते के तहत तीन वर्ष में बंसल हैथवे को इस रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करना. ‌ आपको बताते चले कि जनवरी 2015 में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने देश के 8000 रेलवे स्टेशनों को पीपीपी योजना के तहत आधुनिक बनाए जाने की घोषणा की थी.  उनके अनुसार इन रेलवे स्टेशनों पर एस्केलेटर, शॉपिंग, रेस्टोरेंट तथा वाई-फाई सुविधाएं दी जायेंगी. इस समझौते के बाद हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों की पार्किंग से लेकर खान-पान तक बंसल ग्रुप के अधीन होगा तथा इससे होने वाली आय भी इसी कंपनी को मिलेगी. इससे भारतीय रेलवे को हबीबगंज रेलवे स्टेशन से प्राप्त होने वाली 2 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व की हानि होगी.

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आइये इस परियोजना की उल्लेखनीय विशेषताओं की बारे में जानते हैं.    

- रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर ग्लास से बनी गुंबद जैसी संरचना होगी.

- रेलवे स्टेशन एलईडी लाइटिंग के साथ एक "ग्रीन बिल्डिंग" बन जाएगा और अपशिष्ट जल को पुन: उपयोग के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा.

- हवाई अड्डे की तरह खुदरा दुकानों और खाद्य कैफेटेरिया के साथ एक समर्पित सम्मेलन क्षेत्र होगा.

- यात्री आलीशान वेटिंग लाउंज, आधुनिक साफ-सुथरे शौचालय, आधुनिक विश्वस्तरीय आंतरिक भाग और गेमिंग और म्यूजियम जैसी आधुनिक सुविधाओं का भी आनंद ले सकेंगे.

- स्टेशन पर यात्रियों को डी-बोर्डिंग ट्रेनों के लिए निकास अंडरपास दिए जाएंगे ताकि भीड़ में भी वह आसानी से ट्रेन तक जा सकें.

- स्टेशन के बाहर पूर्वी तरफ आलीशान होटल, अस्पताल, स्पा और एक कन्वेंशन सेंटर भी होंगे.

यहीं आपको बतादें कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन के अलावा गांधीनगर रेलवे स्टेशन, सूरत रेलवे स्टेशन, चंडीगढ़, आनंद विहार, बैयप्पनहल्ली (Baiyappanahalli) स्टेशनों को भी आधुनिक ट्रांजिट हब के रूप में पुनर्विकास किया जा रहा है.

तो अब आप जान गए होंगे कि पीपीपी मॉडल पर आधारित हबीबगंज को भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन के रूप में पुनर्विकसित किया जा रहा है.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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