चिनूक हेलीकॉप्टर के बारे में 10 रोचक तथ्य

Mar 27, 2019, 15:39 IST

CH-47 चिनूक हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना में शामिल एक उन्नत बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है. यह उच्च ऊंचाई तक भारी पेलोड पहुंचा सकता है और उच्च हिमालय में परिचालन के लिए अनुकूल है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सैन्य और HADR मिशनों में भारत की क्षमताओं को बढ़ाएगा. आइये इस लेख के माध्यम से CH-47 चिनूक हेलीकॉप्टर के बारे में 10 रोचक तथ्यों पर अध्ययन करते हैं.

10 Interesting facts about CH-47 Chinook helicopter
10 Interesting facts about CH-47 Chinook helicopter

चार चिनूक हेलीकॉप्टरों (CH-47F (I)) की पहली इकाई को औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल किया गया है. वायुसेना प्रमुख बी. एस. धनोआ के अनुसार चिनूक का भारत में शामिल होने से वायुसेना को मजबूती मिलेगी और यह रात में भी सैन्य अभियान करने में सक्षम हैं. चिनूक एक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है जिसका उपयोग दुर्गम और ज्यादा उंचाई वाले स्थानों पर जवानों, हथियारों, मिशनों और अन्य प्रकार की रक्षा सामग्री को ले जाने में  किया जाएगा. आइये इस लेख के माध्यम से चिनूक हेलीकॉप्टर के बारे में 10 रोचक तथ्यों पर अध्ययन करते हैं.  

चिनूक हेलीकॉप्टर के बारे में 10 रोचक तथ्य

1. चिनूक भारतीय वायुसेना के लिए एक महत्वपूर्ण बल गुणक है जो विभिन्न इलाकों और परिस्थितियों में काम कर सकता है. यह एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है, जो भारतीय सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा. क्या आप जानते हैं कि यह M777 हल्के हॉवित्जर विमानों को एयरलिफ्ट करने की क्षमता रखता है जो पिछले साल भारतीय सेना के आर्टिलरी में शामिल किए गए हैं?

2. चिनूक की पेलोड क्षमता लगभग 10 टन है यानी यह 10 टन तक के भार को कहीं भी ले जा सकता है. इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, डिवाइस, ईंधन, सड़क निर्माण और इंजीनियर उपकरणों को ढोने में किया जाएगा. इसके अलावा इनका इस्तेमाल आपदा रहित इलाकों में भी किया जाएगा. यह भारत के उत्तर और उत्तर-पूर्वी इलाकों में पर्वतीय क्षेत्र में आपूर्ति करेंगे.

3. चिनूक भारी ऊँचाइयों तक भारी पेलोड पहुंचा सकता है और उच्च हिमालय संचालन के लिए भी अनुकूल है. इससे सैन्य और HADR मिशनों में भारत की क्षमताओं में वृद्धि होगी. इसलिए, इसे किसी भी समय और सभी मौसम में संचालित किया जा सकेगा. इसके अलावा, ये कठिन और घने इलाके में ऑपरेशन के लिए भी उपयुक्त हैं क्योंकि यह एक मल्टीमिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है.

4. चिनूक की पहली इकाई को IAF में 25 मार्च, 2019 को चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन 12 विंग में शामिल किया गया है.

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5. बोइंग CH-47 एक भारी लिफ्ट अमेरिकन ट्विन-इंजन, टेनडम रोटर हेलीकॉप्टर है जो 15 से ज्यादा देशों के सशस्त्र बलों को सेवा प्रदान करता है और इसे अमेरिकी रोटरक्राफ्ट कंपनी वर्टोल द्वारा विकसित किया गया है.

6. क्या आप जानते हैं कि चिनूक नाम आधुनिक अमेरिकी वाशिंगटन राज्य के मूल निवासी चिनूक लोगों के नाम पर रखा गया है.

7. चिनूक हेलीकॉप्टरों के रूप में यह मल्टी-मिशन भारी-लिफ्ट परिवहन हेलीकॉप्टर हैं जो वे सैनिकों, भारी मशीनरी, तोप, बख्तरबंद गाड़ियां, युद्ध के मैदान पर उपकरण, गोला-बारूद इत्यादि जैसी सामग्री का परिवहन करने में सक्षम होंगे.

8. इनका न केवल सैन्य अभियानों के लिए बल्कि आपदा राहत, सर्च ऑपरेशन और रिकवरी जैसे कार्यों, चिकित्सा और नागरिक विकास के लिए भी किया जाएगा.

9. क्या आप जानते हैं कि चिनूक हेलीकॉप्टर 9 टन से ज्यादा का अधिकतम पेलोड और 45 सैनिकों का भार वाहन करने की क्षमता रखता है. घने कोहरे और धुंध में भी यह एक्शन लेने में सक्षम है. यह बेहद कुशलता से मुश्किल से मुश्किल जमीन पर भी ऑपरेट कर सकता है. इसमें कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर और उन्नत कार्गो-हैंडलिंग क्षमताओं के साथ पूरी तरह से एकीकृत डिजिटल कॉकपिट प्रबंधन प्रणाली है.

10. यहीं आपको बता दें कि फरवरी 2007 में नीदरलैंड ने CH-47F के 17 हेलीकॉप्टर खरीदे थे और इस प्रकार यह पहला विदेशी खरीददार बना था. इसके बाद चिनूक यू.के, कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, यू.ए.ई, इटली, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन,  ग्रीस, अमेरिकी सेना, अमेरिकी सेना रिजर्व और नेशनल गार्ड सहित 15 से अधिक देशों के सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किया जाता है.

क्या आप चिनूक डील के बारे में जानते हैं?
2015-16 में, भारत द्वारा 2 सौदों पर हस्ताक्षर किए गए: एक चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर के लिए और दूसरा अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए. सितंबर 2015 में रक्षा मंत्रालय ने उत्पादन के लिए बोइंग के साथ-साथ 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों के प्रशिक्षण और समर्थन के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया था. कहा जा रहा है कि अपाचे की आपूर्ति पठानकोट एयरबेस पर सितंबर 2019 की शुरुआत में की जाएगी.

इसलिए ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय वायुसेना में चार CH-47 चिनूक हेलीकॉप्टरों को शामिल करने से एयरलिफ्ट क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा. यह सभी प्रकार के इलाकों में हेली-लिफ्ट क्षमताओं को बढ़ाएगा और साथ ही चिनूक, अपाचे वायुसेना के आधुनिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे.

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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