International Dance Day 2020: इतिहास, महत्व और नृत्य के विभिन्न रूपों के बारे में जानते हैं

Apr 29, 2020, 09:41 IST

International Dance Day 2020: यह दुनिया भर में 29 अप्रैल को मनाया जाता है. इसे विश्व नृत्य दिवस (World Dance Day) के रूप में भी जाना जाता है. यह दिन कला और संस्कृति को बढ़ावा देता है, लोगों में "नृत्य कला" के बारे में जागरूकता बढ़ाता है. आइये इस लेख के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस के इतिहास और नृत्य के विभिन्न रूपों के बारे में अध्ययन करते हैं.    

International Dance Day
International Dance Day

International Dance Day 2020:  यह दिन उन  लोगों, सरकारों, राजनेताओं और संस्थानों के लिए एक जागृत आह्वान है, जिन्होंने अभी तक नृत्य के महत्व को नहीं पहचाना है. इस दिन नृत्य के कई रूपों और इसके मूल्यों के बारे में शिक्षा का प्रसार किया जाता है. 

मूल रूप से, यह दिन दुनिया भर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और त्योहारों के माध्यम से नृत्य में भागीदारी और शिक्षा को प्रोत्साहित करता है. नृत्य एक कला रूप और दुनिया भर की संस्कृतियों में संचार का एक तरीका है और लाखों लोगों द्वारा इसका अभ्यास किया जाता है. नृत्य एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वार लोग अपनी फीलिंग्स को व्यक्त करते हैं. यह दर्द को कम करने में मदद करता है और कहा जाता है कि यदि आप इसमें हैं तो अपने शरीर और आत्मा को मुक्त कर लेंगे. यह एक अलग दुनिया में ले जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस: इतिहास

इस दिन नृत्य को विश्व स्तर पर मनाया जाता है और इसे अंतर्राष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (International Theatre Institute, ITI) की नृत्य समिति द्वारा बनाया गया था, जो यूनेस्को की प्रदर्शन कलाओं के लिए मुख्य भागीदार है. तारीख 29 अप्रैल को इसलिए चुना गया क्योंकि यह प्रसिद्ध फ्रांसीसी नृत्य कलाकार जीन-जॉर्जेस नोवरे (Jean-Georges Noverre) का जन्मदिन है, जो 1727 में पैदा हुए थे, वे एक बैले मास्टर और नृत्य के एक महान सुधारक या रिफॉर्मर थे.

इस दिन कई प्रकार के इवेंट्स का आयोजन किया जाता है जिसके निर्माता और आयोजक यूनेस्को द्वारा ITI करती है. आपको बता दें कि 1982 में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस बनाया गया था और तब से अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस के लिए एक संदेश लिखने के लिए एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व का चयन किया जाता है. यहां तक कि ITI, एक चयनित मेजबान शहर में, एक प्रमुख कार्यक्रम का आयोजन करती है जहां कई नृत्य प्रदर्शन, शैक्षिक कार्यशालाएं, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भाषण, नृत्य कलाकार, मानवीय परियोजनाएं इत्यादि होती हैं. दुनिया भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जैसे ओपन-डोर-कोर्स, प्रदर्शनी, आर्टिकल्स, रोड शो, विशेष प्रदर्शन इत्यादि.

हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि यह दिन उन लोगों के लिए एक उत्सव है जो नृत्य और इसके कला रूपों को महत्व देते हैं और दूसरे लोगों, संस्थानों इत्यादि के लिए एक वेक-अप कॉल भी है जिन्होंने अभी तक इसके मूल्य को मान्यता नहीं दी है.

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आइये डांस या नृत्य के विभिन्न आर्टफॉर्म के बारे में जानते हैं

1. ओडिसी डांस फॉर्म

यह नृत्य की एक विशुद्ध शास्त्रीय शैली है, जो मंत्रमुग्ध करने वाली मुद्राओं में समृद्ध है. इस नृत्य में कथात्मक तत्व है, जिसकी जड़ें ओडिशा के मंदिरों से हैं.

2. भरतनाट्यम डांस फॉर्म

यह सबसे पुराना शास्त्रीय प्रदर्शन कला रूपों में से एक है जो पूरी दुनिया में किया जाता है. आपको बता दें कि नृत्य के इस रूप की उत्पत्ति तमिलनाडु से हुई है.

3. Contemporary डांस फॉर्म

नृत्य का यह रूप आजकल चलन में है और यह थीम स्टाइल नृत्य के साथ जुड़ा हुआ है.

4. नियोक्लासिकल (neoclassical) डांस फॉर्म

यह प्रदर्शन कला का नवीनतम रूप भी है. नियोक्लासिकल बैले एक 20वीं सदी की शैली है जो अपने रूसी पूर्ववर्ती से ली गई है और पारंपरिक बैले शब्दावली का उपयोग करती है लेकिन शास्त्रीय बैले की तुलना में कम कठोर है. नियोक्लासिकल बैले में नृत्य आमतौर पर अधिक चरम टेम्पो और अधिक तकनीकी के साथ किया जाता है. संरचना पर ध्यान इस डांस फॉर्म की एक परिभाषित विशेषता है. जॉर्ज बालानचिन (George Balanchine) नियोक्लासिकल नृत्य की एक नोटरी फिगर हैं.

5. थांडव डांस फॉर्म

शिव तांडव नृत्य रूप में पौराणिक जड़ें हैं जो भगवान शिव से संबंधित हैं और विभिन्न रूपों में चित्रित हैं.

6. कुचिपुड़ी डांस फॉर्म

यह शास्त्रीय नृत्य का दूसरा रूप है. यह आंध्र प्रदेश से उत्पन्न हुआ है. कुचिपुड़ी एक नृत्य-नाट्य प्रदर्शन है, जिसकी जड़ें प्राचीन हिंदू संस्कृत पाठ नाट्य शास्त्र में हैं.

7. कथक डांस फॉर्म

इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भारत में अब तक के सबसे ग्लैमरस शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक है. कथक शब्‍द की उत्‍पत्ति कथा शब्‍द से हुई है, जिसका अर्थ एक कहानी से है. कथन को ज्‍यादा प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें स्‍वांग और मुद्राएं बाद में जोड़ी गईं हैं. इस नृत्य की उत्पत्ति उत्तर भारत में हुई.

8. चौ (Chau) डांस फॉर्म

यह एक सेमी-क्लासिकल स्टेज डांस फॉर्म है और भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी भाग में उत्पन्न हुआ है.

9. कथकली डांस फॉर्म

यह नृत्य की एक शानदार मंच कला (stage art) है. यह भारतीय उपमहाद्वीप के दक्कन भाग से उत्पन्न हुआ है. यह केरल का एक शानदार कला रूप है. यह भारत में अब तक के सबसे कठिन नृत्य रूपों में से एक माना जाता है.

10. मणिपुरी डांस फॉर्म

जैसा कि नाम से पता चलता है, नृत्य का यह रूप देश के उत्तरपूर्वी भाग मणिपुर से उत्पन्न हुआ है. यह एक जीवंत शास्त्रीय नृत्य है, जो भारतीय देवी-देवताओं की शुद्ध भारतीय पौराणिक कहानियों के इर्द-गिर्द घूमता है.

तो ये थे डांस के कुछ आर्टफॉर्मस. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि लोगों के बीच नृत्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस या विश्व नृत्य दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य दुनिया भर की सरकारों को शिक्षा की सभी प्रणालियों में नृत्य के लिए उचित स्थान प्रदान कराना है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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