कुंभ के बाद उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मेला कौन-सा है, जानें

Jan 17, 2025, 20:03 IST

उत्तर प्रदेश में इस समय महाकुंभ का आयोजन चल रहा है। इसके अतिरिक्त यहां अलग-अलग जिलों में अलग-अलग मेलों का आयोजन होता है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि कुंभ के बाद यूपी में सबसे बड़ा मेला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

यूपी का दूसरा सबसे बड़ा मेला
यूपी का दूसरा सबसे बड़ा मेला

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस समय महाकुंभ जैसे बड़े मेले का आयोजन हो रहा है। यह मेला 144 साल में एक बार हो रहा है, क्योंकि यह पूर्ण कुंभ नहीं, बल्कि महाकुंभ है। इस मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। हालांकि, इसके अलावा भी उत्तर प्रदेश में विभिन्न मेलों का आयोजन किया जाता है।

इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि कुंभ के बाद उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मेला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।

उत्तर प्रदेश का परिचय

उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह भारत के 7.33 फीसदी हिस्से पर है। आज जिस जगह पर उत्तर प्रदेश है, वहां कभी कौशल और पांचाल साम्राज्य  हुआ करता था।

बाद में यहां शर्की पहुंचे और उन्होंने यहां जौनपुर बसाया। बाद में यहां मुगल पहुंचे और उन्होंने यहां अवध सूबा बसाया। कुछ समय बाद यहां ब्रिटिश पहुंचे और यहां उत्तर-पश्चिम प्रांत बसाया। बाद में इसे अवध सूबे के साथ मिला दिया गया और यह संयुक्त प्रांत बना। देश आजाद हुआ और 24 जनवरी, 1950 को उत्तर प्रदेश बना। 

सबसे अधिक जिले वाला राज्य 

उत्तर प्रदेश सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इन मंडलों में कुल 351 तहसील, 75 नगर पंचायत, 826  सामुदायिक विकास खंड, 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायत और 28 विकास प्राधिकरण मौजूद हैं। 

कुंभ के बाद सबसे बड़ा मेला 

अब सवाल है कि कुंभ के बाद उत्तर प्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा मेला कौन-सा है, तो आपको बता दें कि यूपी में कुंभ के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला नौचंदी मेला है। 

कहां लगता है नौचंदी मेला

नौचंदी मेला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हर साल आयोजित होने वाला एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मेला है। यह मेला गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। यह धार्मिक सद्भाव, परंपरा और संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।

क्या है मेले का इतिहास

नौचंदी मेले की शुरुआत 17वीं शताब्दी में हुई थी। यह मेला शुरुआत में मां चंडी देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आयोजित होता था, लेकिन समय के साथ यह सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों का केंद्र बन गया। इसमें हजरत बाले मियां की दरगाह भी शामिल है, जो इस मेले को धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बनाती है।

कब आयोजित होता है मेला

नौचंदी मेला हर साल होली के बाद आयोजित किया जाता है। इस मेले का आयोजन एक महीने तक चलता है। इसका आयोजन मेरठ शहर के नौचंदी मैदान में किया जाता है।

पढ़ेंः 8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को मिली बड़ी खुशखबरी, 8वें वेतन आयोग से अब होगी इतनी सैलरी

 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

A seasoned journalist with over 7 years of extensive experience across both print and digital media, skilled in crafting engaging and informative multimedia content for diverse audiences. His expertise lies in transforming complex ideas into clear, compelling narratives that resonate with readers across various platforms. At Jagran Josh, Kishan works as a Senior Content Writer (Multimedia Producer) in the GK section. He can be reached at Kishan.kumar@jagrannewmedia.com
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News