ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप दुनिया का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित बैडमिंटन टूर्नामेंट है. यह सालाना खेला जाता है. यह टूर्नामेंट 4 अप्रैल, 1899 से आयोजित किया जा रहा है. यह टूर्नामेंट एरीना बर्मिंघम, इंग्लैंड में खेला जाता है.
वर्तमान वर्ष 2019 में इस टूर्नामेंट के लिए पुरस्कार राशि USD 1,000,000 है. भारत की और से अब तक इस टूर्नामेंट में सिर्फ 2 पुरुष खिलाड़ी ही जीत सके हैं हालाँकि कोई भी भारतीय महिला खिलाड़ी इस टूर्नामेंट को अब तक नहीं जीत पायी है. भारत की और से साइना नेहवाल इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुँचने वाली पहली महिला बनी थीं हालाँकि वे फाइनल में हार गयीं थीं.
भारत में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले स्पोर्ट्सपर्सन-2018 की सूची
अब तक सबसे अधिक बार ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले खिलाडियों के नाम इस प्रकार हैं;
खिलाड़ी का नाम | देश | कितने टाइटल जीते |
1. रूडी हार्टोंनो | इंडोनेशिया | 8 |
2. एर्लैंड कोप्स | डेनमार्क | 7 |
3. फ्रैंक डिवालिन | आयरलैंड |
6 |
4. लिन डैन | चीन | |
5. राल्फ सी.एफ. निकोल्स | इंग्लैंड | 5 |
6. जॉर्ज एलन थॉमस | इंग्लैंड |
4 |
7. वोंग पेंग सून | मलेशिया | |
8. एडी बी चोन्ग | मलेशिया | |
9. मोर्टन फ्रॉस्ट | डेनमार्क | |
10. ली चोंग वेई | मलेशिया | |
11. हेनरी नॉर्मन मैरेट | इंग्लैंड |
3 |
12. फ्रैंक चेस्टरटन | इंग्लैंड | |
13. गाइ ए. सौटर | स्विट्जरलैंड | |
14. लिएम स्वी किंग | इंडोनेशिया | |
15. राल्फ वाटलिंग | इंग्लैंड |
2 |
16. नॉर्मन वुड | इंग्लैंड | |
17. रेमंड व्हाइट | इंग्लैंड | |
18. झाओ जियानुआ | चीन | |
19. हर्यांतो अर्बी | इंडोनेशिया | |
20. पौल-एरिक हॉयर लार्सन | डेनमार्क | |
21. चेन होन्ग | चीन | |
22. चेन लोंग | चीन |
उपरोक्त सूची से पता चलता है कि इंडोनेशिया के रूडी हार्टोनो एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने अब तक सबसे अधिक (8) ऑल इंग्लैंड खिताब जीता है. डेनमार्क के एरलैंड कोप्स दूसरे स्थान पर हैं जिन्होंने 7 खिताब जीते हैं इसके बाद आयरलैंड के फ्रैंक देवलिन और चीन के महान लिन डैन ने 6 -6 ख़िताब जीते हैं.
अभी तक सिर्फ दो भारतीय प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद ही ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन का खिताब जीत सके हैं. यह उपलब्धि सभी भारतीयों के चेहरे पर एक प्रश्न चिह्न जैसा है क्यों कि कोई भी भारतीय अब तक ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन टाइटल 2 बार नहीं जीत सका है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation